नमस्कार दोस्तों आपका anekroop में स्वागत है। आज हम बात करेंगे बाबा वीरेंदर देव दीक्षित के बारे में।
आध्यात्मिक विश्व विद्यालय के बारे में।
प्रजापिता ब्रह्मा कुमार -कुमारियों के बारे में।
और यह भी जानेंगे कि media और police क्यों इतने दिनों से आध्यात्मिक विश्व विद्यालय के पीछे पड़ी है ,बाबा वीरेंदर देव दीक्षित के पीछे पड़ी है।
क्यों media के लोग सिर्फ वीरेंदर देव दीक्षित के बारे में बोलते है वहां पर class कर रहे उन लाखों विद्यार्थियों से क्यों नहीं पूछते?
कौन है इसके पीछे ?
क्या है आध्यात्मिक विश्व विद्यालय और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी में अंतर ?
आपको इस पोस्ट पढ़ने में बोहोत मजा आएगा । इसिलए आप इस post को जरूर अंत तक पढ़े।
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baba virendra dev dixit |
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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी और आध्यात्मिक विश्व विद्यालय में अंतर।
यदि आप बाबा वीरेंदर देव दीक्षित और आध्यात्मिक विश्व विद्यालय के बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो आपको प्रजापिता ब्रह्माकुमार -कुमारियों के बारे में समझना जरूरी है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी :- यह एक संस्था है ,आप इसे सत्संग भी कह सकते है। आज देश-विदेशों में इसके centres हैं। यहाँ के लोग मध्यम परिवार के और पूंजीवादी परिवार के ज्यादा हैं।
यहाँ पर Mount Abu के centre में जो इनका मुख्यालय है वहां 36 प्रकार के भोजन मिलते है। और पूंजीवादी लोगों को spacial treatment दी जाती है। ज्यादा मान -सम्मान दिया जाता है। यहां पर बड़े-बड़े अभिनेता , राजनितिक नेता और अन्य बड़े-बड़े हस्तियों का आना भी होता है।
आध्यात्मिक विश्व विद्यालय :- यह संस्था ब्रह्मकुमारियों की तरह ही है, यहाँ के 90%-95 % लोग प्रजापिता ब्रह्मकुमारियों के आश्रम से आये हुए है। यहाँ पर अधिकतर लोग गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार से हैं।
जैसे जग्गनाथ के मंदिर में खिचड़ी खाने को मिलती है वैसे ही यहाँ के लोगों को खिचड़ी खाने को मिलता है।
इसीलिए पूंजीवादी लोग इस आश्रम में नहीं आते।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी और आध्यात्मिक विश्व विद्यालय के आश्रमों में पैसा कहाँ से और कितना आता है ?
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी :- यहाँ पर पूंजीवादी लोग ज्यादा हैं ,यहाँ के आश्रमों में नेता ,अभिनेता सभी आते हैं। तो इनकी कमाई करोड़ों से भी ज्यादा है।
पैसे लेने का तरीका :- यह ध्यान (meditation ) के बहाने लोगों को meditation hall में ले जाते हैं, और वहां पर दान पेटी रख देते हैं। तो जो meditation करते हैं वह कुछ ना कुछ उस दान पेटी में डालते हैं।
आध्यात्मिक विश्व विद्यालय :- यहाँ पर क्यूंकि लोग गरीब और मध्यमवर्गीय हैं तो उतने पैसे आते नहीं,और जनसंख्या भी कम होती है।
पैसे लेने का तरीका :- यहाँ पर ना कोई दान -पेटी है और ना किसी तरीके से मांगने का system .
यहाँ के लोग परिवार की तरह रहते हैं। और जिस तरह परिवार के लोग घर चलाते हैं उसी तरह यहाँ के लोग मिलकर आश्रम चलाते हैं।
यहाँ पर कोई पद ,मान -मर्तबा किसी को नहीं दिया जाता। सब परिवार की तरह रहते हैं।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी और आध्यात्मिक विश्व विद्यालय में समानता
दोनों ही एक ही मुरली (किताब) का अध्ययन करती है। लेकिन दोनों का समझने का तरीका अलग -अलग है।
जिस प्रकार तुलसी दास के दोहे का अर्थ छोटे class के बच्चों को रटाया जाता है और higher class में उसकी पूरी व्याख्या दी जाती है।
उसी तरह प्रजापिता ब्रह्माकुमारी basic knowledge देती है। जैसे बच्चों को a,b,c,d पढ़ाया जाता है ,वैसे ही इनकी knowledge होती है।
अब जो अपनी basic पढ़ाई पूरी कर लेते हैं और ज्ञान में आगे बढ़ना चाहते हैं तो वे आध्यात्मिक विश्व विद्यालय में आते हैं।
जैसे दुनिया में स्कूल ज्यादा और कॉलेज कम है वैसे ही ब्रह्माकुमारियों के आश्रम ज्यादा और आध्यात्मिक विश्व विद्यालय के आश्रम कम हैं।
Media और Police क्यों आध्यात्मिक विश्व विद्यालय के पीछे पड़ी है ?
Media की विफलता साफ़ -साफ़ दिखाई देती है। यह media के लोग अलग -अलग तरीके का news दिखाते हैं ,कोई कहता है आश्रम के अंदर गोफ है ,कोई कहता है 7 दरवाजा के अंदर लोग कैद हैं। कोई कहता है सुरंग है, इत्यादि।
! सच्चाई एक होगी या 10 होगी ?
Media वालों को अभी तक कोई सुबूत नहीं मिली है।
अब media वालों को कुछ समझना चाहिए इसके जड़ तक जाना चाहिए। क्यों इसका दुष्प्रचार हो रहा है ? यह सच्चाई लोगों तक लाना चाहिए।
अब बात करते हैं पुलिस की।
जैसा की सभी लोग जानते हैं , 2 दारोगा , आध्यात्मिक विश्व विद्यालय के लोगों से घुस मांग रहे थे। तब उनका पर्दा फास हो गया और दोनों दरोगा को suspend कर दिया गया। दोनों दरोगा बांद्रा (कानपूर ) के थे।
अब इस घटना से पुलिस लोगों को आग लग गयी है कि कहाँ से सत्य का पुजारी आ गया है जो घुस नहीं देते।
पुलिस ने रेट मारकर सैकड़ों लड़कियों को छुड़ाया। लेकिन पूछताछ करने पर पता चलता है कि वो सभी लड़कियाँ अपनी मर्जी से आयी है और किसी एक लड़की ने भी बाबा वीरेंदर देव दीक्षित के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया।
CBI जाँच बैठी है , इसके बारे में जाना जा रहा है। और भी इसके राज़ को लोग समझ रहे हैं।
हम सब भी इसके सभी जानकारी को कुछ ही दिन में जान जाएंगे।
क्यों paper में news channel में सिर्फ बाबा वीरेंदर देव दीक्षित की तस्वीर आती है ?
आश्रमों में रहने वाले उन लोगों से live क्यों नहीं पूछते ?
बाबा वीरेंदर देव दीक्षित पर इतने आरोप लगने के बावजूद भी सारे लोग आश्रम में आ रहे हैं और दीक्षा ले रहे हैं।
इससे तो यही पता चल रहा है कि लोगों में बाबा वीरेंदर देव दीक्षित के ऊपर पूरा भरोसा है।
आश्रम में रहने वालों का कहना है कि यहाँ हज़ारों लोग आते है. यदि आपको सच्चाई जाननी है तो आप उन हज़ारों लोगों से क्यों नहीं पूछते, आपको सच्चाई का पता चल जायेगा।
सिर्फ 4 लोगों के झूठे बयान सुनते है तो हज़ारों लोगों के सच्चे बयान भी तो सुनिये।
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1. जैसा की मैंने पहले ही बता दिया कि ब्रह्माकुमारियों में basic पढ़ाई पढ़ने के बाद लोग आध्यात्मिक विश्व विद्यालय में higher studies के लिए आते हैं।तो उनको ईर्ष्या होती है कि वो हमसे पढ़ाई में आगे जा रहे हैं।
2. और जो गुलज़ार दादी में ब्रह्मा बाबा आते थे ,वो भी अब नहीं आते। तो सारे बच्चे आध्यात्मिक विश्व विद्यालय में आ रहे हैं।
अब वे सोच में पड़ गए हैं ,सारे बच्चे उधर चल जायेंगे तो हमारे पास कौन आएंगे ? सभी हमसे आगे निकल जायेंगे।
तो उनकी हालत ख़राब हो रही है और वह आध्यात्मिक विश्व विद्यालय को बदनाम करने में लगे हैं।
ऐसा उनका कहना है।
सच आया सामने - आप इस video को देखें।
* आप आध्यात्मिक विश्व विद्यालय के अंदर की इस video को जरूर देखें।
पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई बाबा पकड़ाया हो और उसके समर्थक फिर भी उनके साथ हो।
यह सुनने में अजीब लगता है। लेकिन इस case में कुछ ऐसा ही है।
सभी आश्रम में पुलिस की रेट लग रही है और इस दौरान लोग वहाँ पर आ रहे हैं और दीक्षा ले रहे हैं , यह बात मुझको बोहोत अचंभित लगी.
इससे तो यह बात साफ़ हो जाती है कि वहां पर जाने वालों को पुलिस का कोई डर नहीं है।
और ऐसा तभी होता है।
जब आप सच्चे हो।
या आप कोई बड़ा या महान काम कर रहे हो।
और मुझे उम्मीद है कि सच्चाई सबके पास जरूर आएगी। आप भी जानेंगे और हम भी जानेंगे।
तो दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आपको ये जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी।
यदि इससे सम्बंधित कोई जानकारी आपके पास है तो जरूर हमें comment करके बताये।
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धन्यवाद।(27 /12 /2017 )
New Update :- आज 2 साल के बाद मैं आप सब को बताना चाहता हूँ कि आध्यात्मिक विश्व विद्यालय जैसे पहले चलती थी वैसे ही आज भी चल रही है। लोग समझते थे जैसा
लोग प्रतिदिन यहां class करने आते हैं और जो आरोप लगाया गया था बाबा वीरेंदर देव dixit के ऊपर वो झूठा साबित हो गया है , जितने भी बहनो को सरकार ने अपनी निगरानी में रखा था उन सभी बहनो ने वापस आध्यात्मिक विश्व विद्यालय में जाकर सरकार के फैसले और मीडिया की झूठी reporting के ऊपर करारा जवाब दिया है। आज की मीडिया गोदी media बन गई है इसीलिए सभी मीडिया के बातों में भरोषा ना करें , पहले पूरी जानकारी हासिल करें उसके बाद कोई फैसला ले।
अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद।
(18 /11 /2019 )