ॐ का उच्चारण/रहस्य/मतलब/पहचान/फायदे और शक्तियाँ


नमस्कार दोस्तों आपका anekroop में स्वागत है। आज हम बात करेंगे ॐ के बारे में। और जानेंगे कि
ॐ का उच्चारण कैसे करते है ?
ॐ शब्द के पीछे रहस्य क्या है ?
ॐ का अर्थ क्या है उसका मतलब क्या होता है ?
ॐ से हमें कैसी शक्तियां मिलेगी ? हम कैसे इससे अपनी जीवन को सुखमयी बना पाएंगे ?
ॐ कौन है ? हम किसे ॐ कहते है ? ॐ का परिचय क्या है ?

तो आप इस post को जरूर अंत तक पढ़े इसमें आपको ऐसी जानकारी मिलेगी जो आपको कहीं नहीं मिलेगी क्योंकि यह अनुभव के आधार पर बताया गया है।

om ka ucharan fayde matlab
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ॐ का उच्चारण कैसे करे ? 

आपने देखा होगा और सुना भी होगा कि बोहोत से लोग ॐ शब्द का उच्चारण करके ध्यान करते है। जिसे English में Meditation कहते है।
जब भी आप ॐ शब्द का उच्चारण कर रहे हो, तब आप गौर कीजियेगा कि ॐ का उच्चारण पेट से होता है। पेट अंदर की तरफ चली जाती है।
देखिये।
सिर्फ ओम नहीं कहना है। अ- उ - म , यह 3 शब्दों का उच्चारण करना है। इन तीनो शब्दों को जोड़कर कहना है ॐ। और इन 3 शब्दों को बारी -बारी लम्बा खींचना है।
जैसे - अ ......... उ..........  म.......
और नहीं तो अ+उ =ओ  होता है। तो को लम्बा खींचना है फिर को।  लेकिन ध्यान रहे की ओ का उच्चारण करते समय उ का भी उच्चारण हो।
निशानी - यदि आप सिर्फ ओम का उच्चारण करते हैं तो पेट अंदर नहीं जाएगी और यदि ओउम =ॐ का उच्चारण करते है तो इसमें पेट अंदर की तरफ जाती है।


ॐ के उच्चारण के फायदे। 

जब भी आप ॐ का उच्चारण कीजियेगा तब आप महसूस कीजियेगा कि इसका उच्चारण शरीर के अंदर से होती है। जो की शरीर के अंगों को स्वस्थ रखती है और मन को एकदम हल्का बना देती है।

ॐ शब्द का connection आपके दिल से है और आपके दिमाग से भी है।
इससे शरीर की बीमारी ठीक होती है और साथ -साथ मानसिक बीमारी के लिए बोहोत असरदार है।

अब एक प्रश्न में आपसे पूछना चाहता हूँ - कि आपने किसे ॐ का उच्चारण करते सबसे ज्यादा देखा है ?
doctors को
scientist को
आम आदमी को
साधु -संन्यासी को।

आपका क्या जवाब होगा ? साधु -संन्यासी को।

अब आप गौर कीजिये कि इन सभी में कौन सबसे ज्यादा दिन जिंदा रहते हैं ?
फिर वही जवाब होगा -साधु संन्यासी। वे लोग सैकड़ों (100 ) साल तक जिन्दा रहते हैं। आप बताइये वे लोग इतने दिनों तक कैसे जिन्दा रह पाते है जबकि हमलोग 60-70 साल ही ज़िन्दगी जी पाते है।

कोई कहेगा ,वह शाकाहारी होते है , अच्छे वातावरण में रहते है। तो दुनिया में भी बोहोत से लोग शाकाहारी है ,अच्छे जगह में रहते है लेकिन इनके जितने समय तक ज़िंदा नहीं रह पाते। बोहोत अंदर हो जाता है।

इसका जवाब एक ही है ,कि वो ध्यान करते है। ॐ की ध्वनि का उच्चारण करते है।

तो यदि आपको भी अपनी उम्र बढ़ानी है ,तो आज से ही आप ॐ की ध्वनि का उच्चारण करना शुरू कर दे।


ॐ का रहस्य क्या है ? - कुछ रोचक बातें। 

यह रहस्य आपने ना कहीं पढ़ी होगी ,और ना सुनी होगी और ना ही कहीं देखी होगी। सनातन धर्म के अनुसार 3 प्रमुख देवताओं को अधिक मान्यता दिया जाता है। वह है - ब्रह्मा ,विष्णु और शंकर।

ब्रह्मा को मानने वाले ब्रह्मसमाजी , विष्णु को माननेवाले वैष्णव और शिव को मानने वाले शैव सम्प्रदाय कहा जाता है।
इनकी ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा का काम है ,स्थापना करना , विष्णु का काम है पालना करना और शंकर का काम है विनाश करना।
और ऐसा भी कहा जाता है कि हरेक आत्मा में ये 3 गुण (स्थापना ,पालना ,विनाश ) का अपनी -अपनी शक्तियों के अनुसार समाये हुए हैं। वह 3 शक्तियों का समूह ॐ कहा जाता है। लेकिन कैसे उसके लिए आगे के post को पढ़ते रहिये।



ॐ का रहस्य और मतलब। 

ब्रह्मा का अ , विष्णु का उ ,और महेश का म। ब्रह्मा ,विष्णु और महेश के अ ,उ और म से ॐ शब्द बनता है।
और
शास्त्रों में आत्मा को भी कई जगह पर त्रिमूर्तियों के प्रतिक ॐ शब्द से सम्बोधित किया गया है।

तो ये था ॐ का मतलब।
अ = ब्रह्मा की स्थापना शक्ति।
उ =विष्णु की पालना शक्ति।
म =शंकर की विनाश की शक्ति।

स्थापना ,पालना और विनाश की शक्ति।
तो जो ॐ शब्द का उच्चारण करेंगे उनमें ये 3 शक्तियां स्वतः ही आ जायेंगे।

ॐ से फायदे और शक्तियाँ। 

ॐ शब्द का उच्चारण करने वाले , अपनी जिंदगी की स्थापना खुद कर पायेगा। यानि वह अपनी ज़िन्दगी में जो कुछ भी करना चाहेगा , वह कर पायेगा , जिस भी मुकाम तक पहुंचना चाहेगा वह पहुँच पायेगा। अपनी ज़िन्दगी की स्थापना कर पायेगा यानि अपनी ज़िन्दगी का निर्माण वह खुद कर पायेगा।

पालना शक्ति :- यानि वह अपनी ज़िन्दगी को ,अपने परिवार को अच्छे से देख -भाल कर सकेगा ,उन्हें एक अच्छा जीवन दे सकेगा।

विनाश शक्ति :- उसके जीवन से बुराइयों का विनाश होगा। और उनके द्वारा दुराचारी व्यक्तियों का भी संघार होगा। कहते का अर्थ है - वह सच्चा इंसान बनेगा ,बुरे लोग ,बुरे संस्कार का उसके जीवन से विनाश हो जायेगा।

वह जब चाहे तब अपना विनाश भी कर सकेगा ,यानि इक्षा मृत्यु को भी पा सकेगा।
तो ये थी 3 अद्भुत शक्तियां जो ॐ का उच्चारण करने से हमें मिलता है।
om kaun hai ? who is om
om kaun hai ? who is om
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ॐ कौन है ? ॐ की पहचान। 

अब हम इसके और गहराई में जाते हैं और बात करते हैं ओमकार के बारे में और जानते है कि वह कौन है ?

आप इस श्लोक को ध्यान से पढ़िए।

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुर्साक्षात परमब्रह्म ,तस्मै श्री गुरुवे नमः।।


गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।
यानि ब्रह्मा गुरु है ,विष्णु गुरु है और देवताओं के भी जो देव है शंकर वह भी गुरु हैं।

गुरुर्साक्षात परमब्रह्म ,तस्मै श्री गुरुवे नमः।।
वह साक्षात है गुरु। जो गुरु साक्षात है यानि practical में है। और वही परमब्रह्म है।
परमब्रह्म =  यानि ऊँचे ते ऊँचा ,उससे ऊँचा कोई होता नहीं।

तो वह परमब्रह्म कौन है ?
वह ब्रह्मा भी नहीं ,विष्णु ,शंकर भी नहीं तो कौन है वो परमब्रह्म जिनको नमन करने की बात कही गई है।

तो वह परमब्रह्म है ओमकार। सिक्ख लोग उसे कहते हैं :-
एक ओमकार निराकार :- वह निराकार है , वह सतगुरु निराकार है।
जिसे अल्लाह कहते हैं - अल्लाह मतलब ऊंच ते ऊंच।
जिसे GOD कहते हैं - Generator , Operator , Destructor .
जिसकी यादगार है ॐ कारेश्वर।
वह है शिव निराकार।

जिसकी यादगार में शिवलिंग के बिच में निराकार शिव की यादगार में बिंदी दिखाते हैं।
जिसकी यादगार में ऊ के ऊपर का बिंदी है। ऊ +ँ =ॐ।
तभी बनता है ॐ।

वही ब्रह्मा द्वारा स्थापना               =G =Generator
विष्णु द्वारा पालना                      = O =Operator
और शंकर द्वारा विनाश करता है =D=Destructor

जिसे कहा जाता है त्रिमूर्ति शिव।
जिसे कहा जाता है -ॐ नमः शिवाय।
औरों को नमन नहीं शिव को नमन।
वह है शिव जिसे हम कहते हैं -⇈ॐ⇈

तो दोस्तों यह थी जानकारी ॐ के बारे में। ॐ का उच्चारण/रहस्य/मतलब/पहचान/फायदे और शक्तियों के बारे में। मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी।


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