SBI Settlement Of Deceased Form कैसे भरें?

  

नमस्कार दोस्तों तो कैसे है आपलोग हमे उम्मीद है की आप पहले की तरह आज भी अच्छे ही होंगे और हमारी यही कामना है की आप आगे भी अच्छे ही रहे। दोस्तों आज हम आपके लिए एक ज्ञानवद्धर्क बिषय लेकर आये है। जिसका नाम Sbi settlement of deceased form है।

तो दोस्तों क्या आप SBI बैंक के Sbi settlement of deceased form के बारे में जानते हैं क्या आप जानते हैं कि यह फॉर्म क्या है।, यह किस काम में आता है।, इस फॉर्म को क्यों भरा जाता है, तथा इसका काम क्या है।

दोस्तों आज हम आपको SBI बैंक के Sbi settlement of deceased form के बारे में डिटेल में बताएंगे। तो दोस्तों Sbi settlement of deceased form के बारे में संपूर्ण रूप से जानने के लिए हमारे साथ इस टॉपिक में अंत तक बने रहे।

Sbi settlement of deceased form क्या है।

घर के किसी सदस्य के मर जाने पर उसके बैंक में जमा रकम की निकासी के लिए नॉमिनी को या घर के सदस्यों को डेथ क्लेम फॉर्म को भरना होता है। जिसके जरिए वह मरे हुए व्यक्ति के अकाउंट में जमा पैसे को निकाल सकते हैं।

दोस्तों यह एक SBI का डेथ क्लेम फॉर्म है। इसके जरिए हम अपने घर के किसी मरे हुए सदस्य का sbi बैंक में डेथ क्लेम कर सकते है तथा उसके अकाउंट से संबंधित जानकारी और ट्रांजैक्शन भी देख या जमा रकम निकाल सकते हैं।

तो दोस्तों आइये देखते है की इस फॉर्म को कैसे भरा जाता है तथा इसमें क्या क्या भरा जाता है और इस फॉर्म को भरने के लिए किन चीजों की आवश्यकता पड़ती है।

Sbi settlement of deceased form को भरने का तरीका

settlement of deceased form
 settlement of deceased form


SBI बैंक के डेथ क्लेम फॉर्म को कई स्टेप में भरा जाता है। जिसमें कुछ प्रमुख जानकारियों को भरना होता है। यहां पर हम आपको SBI बैंक के डेथ क्लेम फॉर्म को भरने के तरीके के बारे में बताएंगे।

जो इस प्रकार है। SBI के डेथ क्लेम फॉर्म को भरने के लिए सबसे पहले हमें फॉर्म को अच्छे से पढ़ना होगा तथा फॉर्म में उल्लेखित सभी कॉलम को भरकर कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ उसको बैंक में जमा करना होता है।

Bank to the branch manager

यहां पर आपको बैंक से संबंधित डिटेल लिखना है इसमें आपको बैंक के एड्रेस को लिखना है। जहां पर आपका बैंक है। उसका पूरा एड्रेस इस कॉलम में लिखना होता है। जैसे – sbi बैंक चांदमारी बड़ा लालपुर वाराणसी उत्तर प्रदेश।

address for corresponding

इस कॉलम के अंतर्गत हमें अपना डिटेल भरना होता है जैसे अपना नाम, एड्रेस, कांटेक्ट नंबर, ईमेल आईडी और डेट भरना होता है।

Claim for payment

क्लेम फॉर पेमेंट के अंतर्गत हम क्या किन किन चीजों पर क्लेम कर सकते हैं उनके बारे में बताया गया है। जैसे – claim for balance, delivery of article, In safe deposite locker, safe custody of late shri /smt /kum हमें जिन भी चीजों पर क्लेम करना है उस पर क्लिक कर लेना चाहिए । फिर उसके बाद हमें डेथ किए हुए व्यक्ति का नाम और डेथ की तारीख को लिखना होता है।

(1) Name,Date,

फिर उसके नीचे भी यही कॉलम रहता है और उस में भी मरे हुए व्यक्ति का नाम और डेथ की तारीख लिखना होता है और यदि व्यक्ति missing है या non traceble है तो उसके नीचे टिक कर देना होता है।

(2) Nature of Deposite

नेचर आफ डिपॉजिट के अंतर्गत सबसे पहले हमें श्री/श्रीमती/ कुमारी में सही को टिक करना है। फिर मरे हुए व्यक्ति का नाम लिखना चाहिए।

(A) नेचर आफ डिपॉजिट में एक टेबल होता है। जिसमें सीरियल नंबर, नेचर आफ डिपॉजिट, अकाउंट नंबर, अमाउंट, डेट आफ मैचुरिटी, नेचर आफ लायबिलिटी, अमाउंट आदि चीजों को भरना पड़ता है।

(B) नेचर ऑफ डिपाजिट टेबल के नीचे दो कॉलम दिए होते हैं जिसमें पहले कॉलम में यदि अकाउंट होल्डर लॉकर यूज करते थे तो लॉकर का नंबर लिखते हैं और मोड ऑफ होल्डिंग भी लिखना होता है।

(c) नेचर ऑफ़ डिपोसिट टेबल के नीचे कॉलम नंबर (c) में आपको सेफ कस्टडी आर्टिकल रिसिप्ट नंबर लिखना होता है तथा डिटेल ऑफ आर्टिकल में आपको आर्टिकल डिटेल के बारे में लिखना पड़ता है।

(3) Name of nomini

कॉलम नंबर 3 में यदि खाताधारक के खाता में एक नॉमिनी है तो आई पर टिक करते हैं और यदि एक से ज्यादा नॉमिनी है तो वी लॉज माय पर टिक करते हैं। यदि 5 से ज्यादा नॉमिनी है तो आवर क्लीन पर टिक करते हैं और आगे जो हम चेक करना चाहते हैं जैसे – डिपोसिट लॉकर, सेफ कस्टडी आदि चेक करना है तो यहां पर हमें टिक करना पड़ेगा।

(a) will of the late Shri/smt/kum वाले कॉलम में यदि नॉमिनी है तो कॉलम 3 के निचे दिए गाये कॉलम को छोड़ देना है उसमे कुछ नहीं भरना है। और यदि नॉमिनी नहीं है तो क्लेम करने वाले व्यक्ति को कोर्ट से एक पेपर लाकर भरकर बैंक में जमा करना पड़ेगा।

(b) succession certificate dated कॉलम नंबर 3 के सब कॉलम बी में सकसेशन सर्टिफिकेट तहसील से निकलवाना पड़ता है और फिर इस कॉलम में उस डेट को लिखना पड़ता है जिस डेट को कोर्ट ने सर्टिफिकेट को मान्यता दिया था। बाकी निचे के दो कॉलम को नही भरना है उसे खाली ही छोड़ देना है।

(4) I/we furnish below the required information

कॉलम नंबर 4 में खाता धारक यानी की मरे हुए व्यक्ति के बारे सारी जानकारी लिखनी होती है और लीगल हायर (क्लेम करने वाला व्यक्ति) करने वाला व्यक्ति का भी पूरा डिटेल भरना पड़ता है।

(a) date and place of death कॉलम नंबर 4 के लाइन नंबर a में मरे हुए व्यक्ति का मरने की जगह और मरने के डेट के बारे में लिखना होता है की खाता धारक इस तिथि को इस जगह पर मरा है।

(b) details of death certificate no कॉलम नंबर 4 के लाइन नंबर b में मरे हुए व्यक्ति का बनाया गया डेथ सर्टिफिकेट का नंबर तथा डेट सर्टिफिकेट बनाने की तारीख तथा सर्टिफिकेट देने वाले का नाम लिखना होता है।

(c) Age कॉलम नंबर 4 के लाइन नंबर c में नॉमिनी या लीगल हायर या क्लेम करने वाले व्यक्ति का एज (उम्र) लिखा जाता है।

(d) Marital status कॉलम नंबर 4 के लाइन नंबर d में लीगल हायर या क्लेम करने वाले व्यक्ति का मैरिटल स्टेटस लिखना होता है जैसे यदि क्लेम करने वाला व्यक्ति मैरिड है तो उसे मैरिड पर टिक कर देना है और यदि व्यक्ति अनमैरिड है तो उसे अनमैरिड पर टिक करना है और यदि व्यक्ति विधवा है तो उसे उस पर टिक कर देना है।

(e) permanent address कॉलम नंबर 4 के लाइन नंबर e में क्लेम करने वाले व्यक्ति का एड्रेस भरना होता है। सबसे पहले क्लेम करने वाले व्यक्ति को अपना मकान नंबर या फ्लैट नंबर लिखना होता है फिर स्ट्रीट नेम (सड़क, मार्ग ) का नाम लिखना होता है

उसके बाद क्लेम करने वाले व्यक्ति को अपना लोकैलिटी या विलेज का नाम लिखना होता है। फिर उसे सिटी नेम और फिर स्टेट नेम, पिन कोड भी लिखना होता है।

(f) Religion कॉलम नंबर 4 के लाइन नंबर f में मरे हुए व्यक्ति का रिलीजन भी लिखना पड़ता है। उसके बाद सबसे लास्ट में व्यक्ति को अपना विच लॉ ऑफ़ सक्सेशन इज एप्लीकेबल को भी भरना पड़ता है। यह क्लेम करने वाले व्यक्ति का एड्रेस प्रूफ के तौर पर होता है।

(g) Name, rilation, age कॉलम नंबर 4 के लाइन नंबर (g) में एक टेबल दिया रहता है। जिसमें मरे हुए व्यक्ति का क्लेम किए हुए व्यक्ति से क्या रिलेशन है यह लिखना होता है जैसे नाम, रिलेशन तथा एज के बारे में लिखना होता है।

(h) Name of the minor कॉलम नंबर 4 के लाइन नंबर h में यदि मरे हुए व्यक्ति का क्लेम करने वाला 18 साल से नीचे का होता है तो उसके लिए एक अलग टेबल दिया गया है। जिसमें उस व्यक्ति को अपना नेम, अपने गार्जियन का नाम, डेट ऑफ बर्थ और मरे हुए व्यक्ति से उसका क्या रिलेशन है आदि लिखना होता है। इसके लिए उन्हें कोर्ट से एक एफिडेबिट बनवाकर लाना होता है तभी वह उस टेबल को भर सकते है।

(5) shri/smt/kum

कॉलम नंबर 5 में हमें किसी एक ऐसे व्यक्ति का नाम लिखना होता है। जो हमें या हमारे परिवार को पिछले कई वर्षों से जानता हो तथा वह व्यक्ति उसको या उसके परिवार को कितने वर्षों से जनता है यह भी कॉलम नंबर 5 में लिखना होता है।

क्लेम करने वाले व्यक्ति को सर्टिफाइड बैक टू द बेस्ट ऑफ माइ नॉलेज एंड बिलीव वाले कॉलम में अपना सिग्नेचर करना होता है और फिर नीचे के लाइन में प्लेस तथा तारीख और सिग्नेचर करना होता है।

(6) we propose the following surety

यदि लीगल पर्सन या क्लेम करने वाला व्यक्ति या नॉमिनी थ्रेस और लिमिट से ज्यादा पैसे निकलते है तो उसे दो व्यक्तियों की surety चाहिए होती है। जिसको उसे निचे टेबल में लिखना होता हैऔर यदि लीगल पर्सन या क्लेम करने वाला व्यक्ति या नॉमिनी थ्रेस और लिमिट से कम पैसे निकलते है तो इसमें surety की जरुरत नहीं पड़ती वह बिना surety के ही पैसे निकाल सकते है।

(7) I/we declare that the facts

कॉलम नंबर 7 में लीगल पर्सन या नॉमिनी या क्लेम करने वाले व्यक्ति द्वारा क्लेम सेटेलमेंट करने के लिए किसी दूसरे बैंक खाते की जरूरत पड़ती है या फिर कम अमाउंट होने पर बैंक आपकी किसी अन्य खाते में पैसे को ट्रांसफर कर देता है।

इसके पहले कॉलम में लीगल व्यक्ति का नाम लिखा जाता है तथा दूसरे कॉलम में व्यक्ति को मरे हुए व्यक्ति से संबंध सोन ऑफ़ या डॉटर ऑफ को टिक करना पड़ता है कि वह मरे हुए खाता धारक का बेटा या बेटी है।

तीसरे कॉलम में मरे हुए व्यक्ति का नाम या खाता धारक का नाम लिखना होता है। चौथे कॉलम में मरे हुए व्यक्ति के बैंक का नाम लिखा जाता है। तथा पाँचवे कॉलम में जिस बैंक में पैसा ट्रांसफर करना चाहते हैं उस बैंक का नाम लिखना होता हैं।

तथा लीगल पर्सन या क्लेम करने वाला व्यक्ति किस प्रकार का ट्रांजेक्शन करना चाहता है RTGS या NEFT किसी एक पर टिक करना पड़ता है। फिर निचे दिए गए टेबल में क्लेम करने वाले व्यक्ति का नाम तथा सिग्नेचर लिखना होता है।

और यदि क्लेम करने वाले व्यक्ति एक से ज्यादा हो तो नीचे दूसरे और तीसरे कॉलम में उनका नाम और सिग्नेचर लिख सकते हैं। दिए गए टेबल के नीचे क्लेम करने वाले व्यक्ति का प्लेस, डेट लिखना होता है।

कॉलम नंबर 7 के बाद जितने भी कॉलम दिए रहते हैं। उनमें से किसी भी कॉलम को नॉमिनी या लीगल पर्सन या क्लेम करने वाले व्यक्ति को नहीं भरना होता है। 7 के नीचे जितने भी कॉलम होता है वह सब बैंक के कर्मचारियों को भरने के लिए दिया रहता है

तो आप 7 के नीचे के जितने भी कॉलम है उनको छोड़ दे और अब आपका डेथ क्लेम फॉर्म भर कर तैयार हो चुका है अब आप इसे बैंक में जमा कर सकते हैं और अपना क्लेम कर सकते हैं।

डेथ क्लेम के सभी कॉलम को सही तरीके से भरने के बाद आप का डेथ क्लेम फॉर्म भर कर तैयार हो जाता है। फॉर्म भरकर तैयार होने के बाद आपको कुछ जरूरी सर्टिफिकेट के साथ आपको यह क्लेम फॉर्म बैंक के कर्मचारी को जमा कर देना है। फॉर्म जमा करने के बाद बैंक का कर्मचारी आपके क्लेम को स्वीकार कर लेगा और आपका क्लेम स्वीकार हो जाएगा।

निष्कर्ष

तो दोस्तों जैसा की हमने आपको परिचय (intro) में ही कहा था, हमने आपको डेथ क्लेम फॉर्म के बारे में सब कुछ बता दिया है। हमें उम्मीद है कि आपको यह टॉपिक बहुत ही अच्छे से समझ में आई होगी तथा आप को यह फॉर्म भरने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

दोस्तों यह फॉर्म तब भरी जाती है जब कोई परिवार में मर जाता है तो उसके बैंक अकाउंट में जमा रकम को निकालने के लिए ही आपको डेथ क्लेम फॉर्म को भरना होता है। जिससे बैंक में जमा पैसे को निकाला जा सके। तो दोस्तों आपको हमारा यह टॉपिक अच्छा लगा है।

तो लाइक, शेयर, कमेंट जरूर करें ताकि हमारी आने वाली टॉपिक सबसे पहले आप तक पहुंचे। तो दोस्तों ऐसी ही नॉलेजेबल टॉपिक को पढ़ने के लिए हमारे साथ हमेशा बने रहिए धन्यवाद।

 

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