नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे शिवलिंग के बारे में। और शिवलिंग में दिए बिंदी के बारे में।
मै आज आपको शिवलिंग के बारे में ऐसी जानकारी देने जा रहा हूँ , जो अब तक गुप्त थी , और अब सभी इसको भूल चुके है।
सनातन धर्म में शिवलिंग की बड़ी भारी मान्यता है। Greece, Mesopotamia के खुदाइयों में भी शिवलिंग की प्रतिमाएं मिली है। और आज भी कही -कही खुदाइयों में शिवलिंग की मूर्तियां मिल रही है।
शिव +लिंग =शिवलिंग ,
यदि आपके घर में शिवलिंग का चित्र हो , तो एक बात आप उसमे गौर कीजियेगा - की शिवलिंग में लाल बिंदी होती है।
इसकी यादगार में सोमनाथ के मंदिर में बिंदी की जगह कोहिनूर हिरा था।
क्या आप शिवलिंग में दिए बिंदी के बारे में जानते है ?
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शिवलिंग का अर्थ |
दरहसल शिवलिंग में दिया हुआ बिंदी निराकार की यादगार है। गीता में भी भगवान बताते है -कि मेरा असली स्वरुप निराकार ही है।
यहाँ से यह तो सिद्ध हो जाता है की भगवान निराकार है।
लेकिन अब लिंग किसकी यादगार है ?
दरहसल वह लिंग शंकर की यादगार है।
Janiye :- Shiv aur Shankar Me Antar
अब यह आपको स्पस्ठ हो गया होगा की शिवलिंग २ आत्माओं का मेल है।
1. शिव =निराकार
२. लिंग = साकार
हम जब भी शिवलिंग की पूजा करते है तो उस निराकार को ही पूजते है।
उस निराकार को आज सभी भूल गए है और देवी -देवताओं को भगवान समझ लिए है।
33 करोड़ जो देवी-देवता है वह भगवान नहीं है , भगवान तो एक है ,ईश्वर एक है ,अल्लाह एक है ,गॉड एक है ,वही हम सभी आत्माओं का बाप है।
इसीलिए God is One, तुम्ही हो माता ,पिता तुम्ही हो। कहा जाता है।
उदहारण :- भक्त -हनुमान की पूजा करता है ,हमुमान -राम की , राम -शंकर की ,और फिर शंकर शिव को याद करता है।
तो जो देवी-देवता है ,वह भी शिव को याद करते है तो हम क्यों नहीं।
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