नमस्कार दोस्तों आपका Anekroop में स्वागत है।आज हम आपके लिए एक मजेदार कहानी लेकर के आये है, यह कहानी संयम के ऊपर आधारित है ,जीवन जीने के लिए हमे कैसे संयम बरतना चाहिए जिससे हमारी जीवन को अच्छी दिशा मिल सके और हमारा जीवन किसी भी परिस्थिति में खुशहाल बना रहे।
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Hindi kahani |
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वर्तमान समय मे जीवन जीने के लिए पैसों का बोहोत ज्यादा योगदान है , पैसों से ही गरीबी और अमीरी में भेद किया जाता है। तो आज हम पैसों के खर्च के ऊपर एक कहानी बताएंगे जिसमे पैसे कब, कहां, कैसे और कितना खर्च करना है इसके ऊपर आधारित होगी, जो कुछ इस प्रकार है-हिंदी कहानी- कम खर्च बालानसी
एक सामान्य वर्ग का व्यक्ति मनोज बाबू एक राशन के दुकान में काम करते हैं। उनकी मासिक आय 10,000 रुपये हैं। उसमें से 3000 रुपये वे बैंक में जमा करते हैं और 7000 रुपये से अपना घर चलाते हैं।
मनोज बाबू की 2 लड़कियां है जिसमे एक शादी के लायक हो गयी है। मनोज अपनी बड़ी लड़की की शादी करने वाले हैं , सभी देख-रेख की कार्यक्रम के बाद दहेज में 3 लाख रुपयों की मांग की जाती है ।
मनोज के बैंक खाते में करीब 5 लाख रुपये हैं, वे शादी के लिए हां कर आते हैं और फिर शादी की तैयारियों में लग जाते हैं।
मनोज शादी के लिए बैंक से सभी 5 लाख रुपये निकाल के ले आते हैं और 3 लाख अपने समधी को दे देते हैं। और बचे हुए 2 लाख को शादी के खर्च के लिए घर मे रखते हैं।
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लेकिन शादी से कुछ दिन पहले उनके साथ एक हादसा हो जाता है, उनके 2 लाख रुपये चोरी हो जाते हैं। अब सभी परिवार वाले दुखी और चिंतित हो जाते हैं कि अब शादी की तैयारी कैसे होगी ? मनोज बाबू की इज़्ज़त दांव पर लग जाती है।
सभी शादी के कार्ड बंट चुके होते हैं, शादी अगले 7 दिनों में होने वाली होती है। गरीब परिवार होने के कारण उनके रिस्तेदारों से भी सहयोग नही मिलता है , ऐसी हालत में मनोज बाबू अंदर से कमजोर और लाचार हो जाते हैं। जैसे तलवार उनके नाक के आगे रूक गई हो , और अब कटने ही वाली हो।
तभी एक चमत्कार होता है, अगले दिन मनोज बाबू की पत्नी 3 लाख रुपये कहीं से लाती है, मनोज बाबू हैरान हो जाते हैं और पूछते हैं कि तुम्हारे पास इतना पैसा कहां से आया ?
तो वह जवाब देती है- कि घर चलाने के लिए आप जो हमे 6000 रुपये देते थे, उसको हम हिसाब से खर्च करते थे। और सभी खर्च को महीने के अंत मे गिनने के बाद बचे हुवे पैसों को महिला बैंक में जमा कर आते थे जिससे हमें भविष्य में परेशानी ना उठाना पड़े।
अपनी पत्नी की इस बहादुरी से मनोज बाबू बोहोत खुश होते हैं, साथ मे सारा परिवार खुश हो जाता है और खुशी के मारे मनोज के आंखों में आंसू आ जाते हैं। वह अपनी धर्मपत्नी के पास जाकर कहते है कि पत्नी हो तो तुम्हारे ऐसी हो।
और फिर वह अपनी बेटी की शादी धूम-धाम से करते हैं ।
कहानी से संदेश- इस कहानी से हमे यही संदेश मिलता है कि पैसों का कैसे हमे इस्तेमाल करना चाहिए इसकी हमे जानकारी होनी चाहिए। परेशानी कभी भी आ सकती है इसीलिए जरूरी नही की सभी पैसों को खर्च ही करना है।
आजकल ऐसे-ऐसे बीमारियां और ऐसे-ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं कि लाखों रुपये एक चुटकी में खत्म हो जाते है। इसलिए पैसों को खर्च करना नहीं बचाना सीखें।
जिंदगी जीने के लिए पैसों की एहमियत को समझे।कम खर्च करें और बालानसी बनें।
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धन्यवाद।
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