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Sandeep Maheshwari Ab Kya Naya Karne Jaa Rahe Hai ???

Sandeep Maheshwari Ab Kya Naya Karne Jaa Rahe Hai ???

 Namaskar doston aapka anekroop me swagat hai. Iss post me hum Sandeep Maheshwari ke bare me janenge ki wah kya naya karne jaa rahe hai....Main aise post nahi likhta lakin aaj me likh raha hoon kyunki kayi baar aise logon ke bare me likhna chahiye jo aapko sahi raah dikhaye aur jo sabhi logon ke liye bhalayi ka kaam kare..... Aaplog to jante hoge Sandeep Maheshwari aur Vivek Bindra ke bich huwi controversy ke bare me ....

Lakin aapko yah jaan kar aur bhi aascharya hoga ki Sandeep Maheshwari ab kayi anya issues ke bare me bhi youth ko jagruk kar rahe hai....

Wah ab aise topic ko pakad rahe hain jo youth ko barbad kar raha hai ,, yaa jisse high level par fraud ka kaam chal raha hai...

Mujhe khushi hai ki ,,,desh me koi aisa bhi wyakti hai jo youth ko lekar serious hai aur usse sahi raah dikha raha hai...

Sandeep Maheshwari
image source : www.sandeepmaheshwari.com


EXAMPLE -1 

12th fail ek movie aayi thi ,,, jisme dikhaya gaya tha ki kaise ek ladka jo 12th fail rehta hai wah kadi mehnat se upsc ka exam clear kar leta hai.....Lakin uske dark side ko nahi dikhaya gaya ki ,,,,jin logon ka upsc clear nahi hota hai wah kaise depression me chale jaate hai aur unki life kaafi had tak kharab ho jaati hai... Kyunki upsc  ke padhayi se unhe koi bhi skill nahi milti aur naa hi uske basis par unhe kaam milta hai.....

UPSC me selection kewal 0.1 % logon ka hota hai....Baaki ke 99.9 % students berojgaar ho jaate hai aur phir chota mota kaam karna shuru kar dete hai....

Aise me country me high level par unskilled log ho jaate hai jisse desh me tarakki nahi ho paati hai...

Aur aise student apni bhi zindagi ko barbad kar dete hai....

Issiliye mujhe bohot khushi huyi ki aise topic par baat kiya jaa raha hai aur log samajhdaar ho rahe hai...

EXAMPLE - 2 

Kayi Coaching chalane waale bohot jyata fraud karte hai ,,,aapse saal bhar ka fee pahle hi le lete hai aur phir padhayi bohot hi kharab karate hai,,,aise me students phans jaate hai ...wah jab apne paise mangte hai to unhe diye nahi jaate .....diye bhi jaate hain to bohot kam .....isme unki paise aur time dono barbad ho jaate hai....

Issiliye coaching chalane wale se bach kar rahe ...Pahle pata kar le ki coaching chalane wale ki degree kya hai aur wahaan kitne bachon ka selection hoti hai....

Wah promotion ke liye selected bachon ko paise dekar unke tasveer ko apni Ads me lagate hai...Jo ki bohot hi galat hai....

Aise promotions lagbhag sabhi coaching institute karte hai...Main jab 11 th me tha tab bhi ye bohot chalta tha,,mera bhi 6 mahine aise hi barbad ho gaya tha.....Uss coaching institute ka naam tha Sigma Education....Padhayi to uski bohot bekaar ,,,teacher bhi time par class nahi lete the.....Aur fee pahle hi le liya jaata tha....To maine 6 mahine ke baad wah coaching chor diya tha...Isse mera base kamjor ho gaya tha...

Issiliye main aapse kehta hoon ki yadi aap 11 me hai to starting se hi aise coaching institute ko pakde to faltu ka advertisement nahi katta ho ,,, aur monthly fee leta ho,,,,aur unke bare me sabhi students ko jankari ho......

EXAMPLE 3 

MLM companiyan - Mere relation me ek wyakti hai jo networking se jude hai,,,,Pahle wah IMC me the ,,phir usko chor diye ,,,,phir Vestige me gaye ...usko bhi chor diye...aur ab wah kisi dusre company me jude hai...

MLM Companiyon ka moto rahta hai,,,bazaar se paise lena hai,,,5 se 10 logon ko crorepati banana hai aur phir saare paise lekar daba lena hai....

Iska model bohot simple rahta hai,,,Aap dusre logon ko jodiye ,,use company ke bare me bataiye,,,Wah judega phir wah dusron ko jodega,,,aise karte karte aapka graph badhte jayega...aur phir aapki payment bhi dheere dheere badhti jayegi...

Lakin dikkat isme yah aati hai ki product jo aapko market me 10 rupaye me mil jayenge ,,,,wahi product aapko inn companiyon me 50 rupaye me milegi....

Aur dusra dikkat yah hai ki ,,,companiyan kab bhagegi iska koi thikana nahi hai....Jab companiya bhagegi to aapke saare mehnat barbad ho jayenge...aur phir aapko starting se mehnat karni hogi...

Aisi companiyan dikhawe ke liye Cars ka istemaal karti hai....2-4 logon ko wah Car de deti hai....aur phir unko dekhkar bhole bhale log apne paise aur time invest karne lagte hai....

Aap samajh lijiye ki shortcut tarike se aap kabhi bhi kamyag nahi ho sakte,,,Yadi aapko success chahiye to pahle koi skill develop kijiye...

Chahe aap Writing kariye,,,Singing Kariye...Business Kariye...Yaa Phir koi technical degree lijiye jaise...B.tech,,,MBBS etc..

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To doston aaj ke liye itna hi...Mujhe ummid hai ki aapko yah post pasand aayi hogi...

Maine iss post me Sandeep Maheshwari jo kaam kar rahe hai ,,uske bare me bataya hai aur kuch apni bhi example diye hai...Mujhe ummid hai ki aapko yah jankari jaroor pasand aayi hogi...

Ispar aapki kya pratikriya hai hame comment me jaroor bataye....bohot bohot Dhanyawaad.....

......................................

Yah bhi jane :-

Rajyoga Meditation Course Day 1 -आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य

Rajyoga Meditation Course Day 1 -आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य

 यह राज योग कोर्स का पहला पोस्ट है जिसमें हम जानेंगे कि आत्मा क्या है? जीवात्मा क्या होता है? आत्मा का रंग रूप क्या होता है? आत्मा दूसरे योनि में जन्म लेती है या नहीं? मृत्यु क्यों होती है? और मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है? तो चलिए :-Rajyoga Meditation Course Day 1 - आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य , को समझते है और जानते हैं कि आत्मा क्या होता है ?

इस पोस्ट में हम सभी जानकारी प्रूफ और प्रमाण के साथ देने वाले हैं इसीलिए आप इस पोस्ट को जरूर अंत तक पढ़े ।

aatma


हमारा पहला टॉपिक है की आत्मा क्या है? Rajyoga Meditation Course

आत्मा एक चेतन्य सकती है । यहां पर चैतन्य का मतलब हो गया है जान या प्राण। और शक्ति का मतलब हो गया ऊर्जा। यानी आत्मा एक प्राणमय ऊर्जा है।

लेकिन प्रश्न यह उठता है कि आत्मा एक ऊर्जा क्यों है?

इसका जवाब है कि उर्जा जो होता है जिसे अंग्रेजी में एनर्जी कहते हैं वह कभी खत्म नहीं होता है। energy not be created not be destroyed। यानी एनर्जी को ना हम बना सकते हैं और ना ही खत्म कर सकते हैं, एनर्जी को हम दूसरे फॉर्म में ट्रांसफर कर सकते हैं।

वैसे ही आत्मा को ना हम बना सकते हैं और ना ही उसे खत्म कर सकते हैं इसीलिए आत्मा को अजर अमर अविनाशी कहा गया है यानी जिसका कभी जन्म नहीं हुआ, जिसकी कभी मृत्यु ना हो ,और जिसका नाश ना किया जा सके।

जैसे ,टॉर्च में बैटरी एक ऊर्जा है, मोबाइल में बैटरी एक ऊर्जा है, वैसे ही शरीर में आत्मा एक ऊर्जा है लेकिन दोनों में अंतर यही है कि शरीर में जो ऊर्जा है उसमें प्राण है या आप यह भी कह सकते हैं कि आत्मा एक जीवित ऊर्जा है।

Q,२ अब चलिए जानते हैं कि जीवात्मा क्या है? Rajyoga Meditation Course

Rajyoga Meditation Course - आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य में सबसे आसान इसको समझना है . चलिए इसको जानते हैं :-

एक होता है जड़ आत्मा और एक होता है चैतन्य आत्मा। जब आत्मा शरीर में ना हो तो उसे कहते हैं जड़ आत्मा वही जब आत्मा शरीर में हो तो उसे कहते हैं चैतन्य आत्मा यानी जीवात्मा।

यानी शरीर और आत्मा के मेल को जीवआत्मा कहा जाता है। जीवात्मा जानी जीवित आत्मा, जो बोल सके चल सके कार्य कर सके ।

जीवात्मा को हम अंग्रेजी में living being भी कहते हैं। यानी जिसमें जान है वह जीवात्मा है।

वही जो जड़ आत्मा है उसमें जान नहीं होता है, हर एक जड़ आत्मा का जीवन धारण करने का अपना अपना समय होता है, जब किसी आत्मा का शरीर धारण करने का समय होता है तो वह परमधाम से नीचे उतरती है और गर्भ धारण कर लेती है और इस प्रकार जीवात्मा का जन्म हो जाता है।

अब चलिए जानते हैं अपने तीसरे टॉपिक के बारे में जो है:-

Q.3 .आत्मा का रंग और रूप क्या है? Rajyoga Meditation Course

आत्मा का रंग होता है सफेद, क्यों सफेद? क्योंकि आत्मा पवित्र है, आत्मा को पवित्रता पसंद है, और पवित्रता को हम सफेद रंग से दिखाते हैं।

वही आत्मा का रूप है ज्योति बिंदु

यानी प्रकाशित बिंदु के समान, जिसे हम सफेद बिंदु भी कह सकते हैं।

आत्मा बिंदु के समान क्यों है? 

क्योंकि आत्मा एक बीज है और बीज बहुत छोटा होता है। आत्मा इतना छोटा बिज है कि उसे हम अपने आंखों से नहीं देख सकते। जिस तरह हम atom को यानी परमाणु को अपने इन आंखों से नहीं देख सकते हैं वैसे ही हम आत्मा को इन आंखों से नहीं देख सकते।

Q.4 हमारा अगला टॉपिक है कि क्या मनुष्य आत्मा दूसरे योनि में जन्म लेती है या नहीं ?

हमने अभी जाना की आत्मा एक बीज है अब आप आम का बीज बोईये तो क्या उसमें जामुन फल मिलेगा? नहीं मिल सकता ।

जिस तरह आम का बीज बोने पर आम का ही वृक्ष होता है

वैसे ही मनुष्य का बीज है तो मनुष्य में ही जन्म मिलता है।

इसका प्रूफ यह है कि बहुत सारे लोग हुए हैं जिन्हें अपने पिछले जन्मों के बारे में पता चला है, और उन सभी ने अपने को पिछले जन्म में मनुष्य ही कहा है।

इससे यह साबित होता है कि मनुष्य की आत्मा है तो मनुष्य में ही जन्म लेगी।

 , अब हमारा जो अगला टॉपिक है वह बहुत ही मजेदार है, 

Q.5 वह यह है कि मृत्यु क्यों होती है? Rajyoga Meditation Course

जब आत्मा की उर्जा कभी खत्म नहीं होती है तो मृत्यु भी नहीं होनी चाहिए,

लेकिन ऐसा नहीं होता है, क्यों ऐसा नहीं होता है ? क्योंकि शरीर का जन्म होता है और शरीर के अंदर मशीन होते हैं . जैसे हर्ट,किडनी ,लीवर इत्यादि यह शरीर के मशीन है।

तो समय बीतने पर यह मशीन खराब हो जाते हैं और आत्मा से उर्जा नहीं ले पाते हैं।

जिस तरह समय बीतने पर मोटर खराब हो जाता है और ड्राइवर लाख कोशिश करे उसे नहीं चला पाता उसी तरह वृद्ध होने पर जब शरीर के मशीन खराब हो जाते हैं तब आत्मा शरीर को नहीं चला पाती इसलिए आत्मा शरीर से निकल जाती है और फिर शरीर को मृत घोषित कर दिया जाता है।

लेकिन अब प्रश्न यह आता है कि आकाले मृत्यु में क्या होता है? जब लोग वृद्ध होने से पहले ही शरीर छोड़ देते हैं? उस समय तो उनके शरीर का मशीन नहीं खराब हुआ रहता है?

देखिए, सभी मृत्यु के केस में एक ही reason है कि शरीर का कोई महत्वपूर्ण मशीन आत्मा से उर्जा लेने में असमर्थ है चाहे कोई रोड एक्सीडेंट से मरे कैंसर से मरे, रोग से मरे या किसी अन्य बीमारी से मरे।

जब एक्सीडेंट होता है तब शरीर के बहुत सारे नस कट जाते हैं इसलिए वे उर्जा नहीं ले पाते ऐसे ही बीमारियों में भी होता है। उस समय आत्मा अत्यधिक दुःख का अनुभव करती है जो की बर्दास्त करने योग्य नहीं होता है , इसीलिए आत्मा शारीर छोड़ देती है .

और मृत्यु का एक और सिद्धांत भी है, कि जिसका जन्म हुआ है उसका मृत्यु निश्चित है.  जिसको बनाया गया है उसका खराब होना निश्चित है चाहे वह मनुष्य हो, पशु हो,पक्षी हो या कोई वस्तु हो फ्रीज हो कूलर हो । हर एक के खराब होने का अपना अपना समय होता है, जैसे कोई बल्ब है तो वह 3 से 5 साल में खराब हो जाती है, फ्रीज है तो वह 20 से 30 साल में खराब हो जाती है, वैसे ही मनुष्य का शरीर है जो 70 से 100 सालों तक खराब हो जाती है।

वही आत्मा कभी खराब नहीं होती.  क्यों खराब नहीं होती? क्योंकि आत्मा कभी बनती ही नहीं है इसलिए वह खराब भी नहीं होती।

,अब चलिए बढ़ते हैं अपने अंतिम टॉपिक पर और वह है

Q.6. कि मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है? Rajyoga Meditation Course

देखिए यहां पर दो ऑप्शन आते हैं ,पहला की आत्मा नया शरीर ले ले और दूसरा की आत्मा भटके।

जिसकी वृद्धा अवस्था में मृत्यु होती है उनको नया शरीर तुरंत मिल जाता है क्योंकि उनका गर्भ उनके संस्कारों के अनुसार पहले से ही तैयार हुआ रहता है।

वही जिनकी अकाले मृत्यु होती है उनकी आत्मा को तीन से चार महीनों तक भटकना होता है क्योंकि उनका गर्भ नहीं तैयार हुआ रहता है।

लेकिन इसके अलावे कई एक्सेप्शन केस भी होते हैं जिनमें आत्मा शरीर लेने से अच्छा भटकना पसंद करती है।

ऐसा ही एक एग्जांपल हमारे यहां हैं हमारे ब्रह्मा बाबा 1969 में शरीर छोड़ें और 2017 तक वह गुलजार दादी में प्रवेश होकर ज्ञान सुनाते रहे। और अभी तक इन्होंने शरीर धारण नहीं किया है यानी 53 वर्ष हो गए हैं इनकी आत्मा को बिना शरीर लिए।

ऐसी बहुत थोड़ी आत्मा होती है जिनका कोई लक्ष्य होता है या कोई अधूरा कार्य होता है जिसे पूरा किए बगैर यह शरीर लेना पसंद नहीं करते हैं तो कुछ ऐसी भी अनोखी आत्मा होती है जो लंबे समय तक शरीर धारण नहीं करती है।

तो मेरे भाइयों यह था  Rajyoga Meditation Course Day 1- आत्मा से जुड़े अद्भुत 6 रहस्य . आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, ऐसी ही ज्ञान से संबंधित जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लीजिए फिर मिलते हैं अगले पोस्ट में तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, ओम शांति।

 

ब्रह्मा बाबा के 5 महत्वपूर्ण गुण

ब्रह्मा बाबा के 5 महत्वपूर्ण गुण

  

 ओम शांति

 आज मैं आप लोगों को ब्रह्मा बाबा से रूबरू कराने वाला हूं। आज मैं आपलोगों को ब्रह्मा बाबा के 5 महत्वपूर्ण गुण के बारे में बताने वाला हूँ . जो ब्रह्मा बाबा को जानते हैं वह भी और जो ब्रह्मा बाबा को नहीं जानते हैं वह भी इस पोस्ट को जरूर अंत तक पढ़े क्योंकि इस पोस्ट को पढने के बाद आपका जीवन बदलने वाला है।

आप जीवन के किसी भी पड़ाव में हो आप किसी भी क्षेत्र से हो यदि आप ब्रह्मा बाबा के इन पांच गुणों को अपने जीवन में धारण करते हैं तो आपका जीवन सफल होना निश्चित है। सफलता आपका जन्मसिद्ध अधिकार हो जाता है।

brahma baba

 

ब्रह्मा बाबा का पहला गुण है-  (पंक्चुअलिटी) यानी समय का पालन करना

 ब्रह्मा बाबा समय के बहुत पाबंद थे। वह इतने समय के पाबंद थे कि उन्होंने 1936 से 1969 तक 33 वर्ष एक भी क्लास मिस नहीं की। सभी मुरली क्लास रोज और समय पर चलाते थे। यहां तक कि जिस दिन उनका शरीर छूटने वाला था ,उस दिन भी शाम में मुरली क्लास चलाने के बाद ही शरीर छोड़े,  ऐसे रेगुलर और पंक्चुअल थे ब्रह्मा बाबा।

 उनका कहना था-  कि सबसे बड़ा खजाना होता है समय का खजाना ( रुपया पैसा धन दौलत नहीं)  समय।

 समय तुमको परिवर्तन ना करें, तुम समय को परिवर्तन कर दो। यदि तुम समय पर कार्य नहीं करोगे तो समय तुमको परिवर्तन कर देगी ,अमीर से गरीब हो जाओगे और यदि तुम समय पर कार्य करोगे तो तुम समय को परिवर्तन कर दोगे। गरीब से अमीर हो जाओगे ।सफलता मिलनी ही मिलनी है। इसीलिए हर एक कार्य में रेगुलर और पंक्चुअल जरूरी है।

 ब्रह्मा बाबा का दूसरा गुण है:-  सहनशीलता यानी सहन करना

 कोई ब्रह्मा बाबा को गाली देते थे, ब्रह्मा बाबा सहन कर लेते थे। उनको धन्यवाद कह देते थे। पेपर में ब्रह्मा बाबा की ग्लानि होती थी ब्रह्मा बाबा सहन कर लेते थे। सिंध के आश्रम को जला दिया  गया ब्रह्मा बाबा सहन कर  लिए।

 उनका कहना था- निंदा तुम्हारी जो करें मित्र तुम्हारा सो होय। जो आपकी निंदा करता है ग्लानि करता है तो वह आपका मित्र है क्योंकि  कारणे-अकारने वही आपको आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है।

 इसको एक उदाहरण से समझते हैं-  आप किसी कार्य को करने में लगे हैं और कोई आपसे कह रहा है कि तुमसे नहीं हो पाएगा तुम मत करो। तो ऐसा कह कर वह क्या कर रहा है? वह आपके अंदर की दृढ़ता शक्ति को बढ़ा रहा है। फिर आप कहते हैं हम तो करके ही रहेंगे देखते हैं हमको कौन रोकता है।

 तो ऐसे ही थे ब्रह्मा  बाबा ,  दृढ़ निश्चय बुद्धि जब पेपर में बाबा की ग्लानि हुई तो बिल्कुल ही शांत हो गए। पेपर द्वारा लोग आश्रम में आने लगे और फिर उन्हें भी ईश्वरीय ज्ञान पाने का सौभाग्य मिला। जो ग्लानि कर रहे थे वही फिर बाबा के बच्चे बन गए। तो ऐसे ही थे ब्रह्मा बाबा, बड़े से बड़े शत्रु को दोस्त बना लेते थे।

ब्रह्मा बाबा का तीसरा  गुण है :- ज्ञान

 जब से ब्रह्मा बाबा के द्वारा मुरलिया चलना शुरू हुआ तब से लोग आश्रमों में स्वयं ही खींचे चले आने लगे।

 मुरली तेरी में जादू-  ऐसा ज्ञान ना आज तक कोई सुना था और ना ही कोई सुना पाएगा ।ऐसा ज्ञान जो दुनिया को बदल कर रख देगी , ऐसा ज्ञान सुनते ही लोग भागे भागे चले आने लगे।

 अलफ को अल्लाह मिला , बे को मिली बादशाही ,आई तार अल्लाह की हुआ रेल कराई। आई तार अल्लाह की यानी जब उनको अल्लाह का, परमात्मा का बुलावा आया । जब उनको पता चला कि मैं परमात्मा का रथ हूं तब उन्होंने अपने को टोटल सरेंडर कर दिया, पूर्ण समर्पण। वह पहले आत्मा बने जो परमात्मा के ऊपर पूर्ण समर्पण होते हैं। तो फिर परमात्मा भी उन पर समर्पण हो जाते हैं और फिर ज्ञान मार्ग की शुरुआत हो जाती है।

 उनका ज्ञान धारणाओं का ज्ञान था। ऐसा नहीं कि रट्टू तोता जैसे  रट लिए, नहीं. उस ज्ञान को उन्होंने अपने जीवन में उतारा। ऐसे  धारणा मूर्त बने कि कोई भी उन्हें देखते थे तो उनको दिव्य रूप दिखाई देता था। वह कहते थे-  कि आज सारी दुनिया अज्ञान अंधेरे में है और यह ज्ञान अंधों की लाठी है यानी यह ज्ञान सभी का सहारा है। जो यह ज्ञान लेता है उसको फिर किसी भी सहारे की जरूरत नहीं पड़ती है।

 वह ज्ञान हमेशा लेते रहते थे वह रोज मुरली चलाते थे और उनका विचार करते रहते थे।

 ऐसे ही जीवन में हमेशा ज्ञान लेते रहना चाहिए कुछ ना कुछ सीखते रहना चाहिए जो ज्ञान लेना बंद कर देता है तो वह जैसे जिंदा मृत के समान बन जाता है।

ब्रह्मा बाबा का चौथा गुण है :- प्यार -स्नेह

 प्यार के मूर्ति थे। कोई उनसे 2 मिनट भी मिलता था तो कहता था कि ब्रह्मा बाबा ने हमें जितना प्यार दिया उतना प्यार किसी ने नहीं दिया। जिस तरह मां अपने बच्चों को पालना देती है उसे सीने से लगा के रखती है वैसी ही पालना ब्रह्मा बाबा सभी बच्चों को देते थे। 

 बाबा  मुर्गियों में कहते थे कि यह ब्रह्मा तुम्हारी मां भी है तो दादा भी है। उन्होंने कभी भी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की सभी को बच्चे बच्चे कहकर पुकारते थे।

 उनका सभी से आत्मिक  प्रेम था वह कॉपी में लिखते थे कि रमेश भाई आत्मा जगदीश भाई आत्मा ।इस तरह वह सभी को आत्मा समझने का अभ्यास करते थे।  आत्मिक प्यार अंदर का प्यार होता है  ,यह ऐसा प्यार होता है जिसे कोई दूर से भी महसूस कर सकता है और ऐसा ही प्यार ब्रह्मा बाबा अपने सभी बच्चों से करते थे।

ब्रह्मा बाबा का  पांचवा और अंतिम गुण है :- सेवा

वह कहते थे की- सेवा में भी देखो तो मनसा सेवा सर्वश्रेष्ठ सेवा है। ऐसे तो वे सभी तरह के सेवा करते थे लेकिन ज्यादातर वे मनसा सेवा में समय बिताते थे।  वह टहलते -टहलते   मन से सेवा करते रहते थे। अपने हाथों को पीछे करके  टहलते रहते थे चक्कर लगाते रहते थे।

 ब्रह्मा ने अपने संकल्पों से सृष्टि रची? कैसे? तो इसका यही राज है मनसा सेवा।

 यज्ञ प्रमुख होते हुए भी वह हर छोटा मोटा काम करते थे। उनका कहना था कि बच्चे यह  है कर्म योग,  हर छोटे-मोटे कार्य करते हुए परमात्मा को याद किया जा सकता है। उसके लिए अलग से आसन लगाकर बैठने की जरूरत नहीं है।

 वह तीनों ही सेवा में अव्वल थे-

 चाहे मनसा सेवा हो वाचा सेवा हो किसी को ज्ञान सुनाना हो,  करमना सेवा हो -यज्ञ का कोई भी कार्य करना हो। वह सभी में अव्वल थे।

 जब से उन्हें पता चला कि परमात्मा मेरे द्वारा कार्य करा रहा है,  तब से उन्होंने अपना तन मन धन तीनों ही समर्पण कर दिया। जानकारी के लिए बता दूं कि वह हीरो के बहुत बड़े व्यापारी थे यज्ञ में आते ही उन्होंने अपना सारा कमाया हुआ धन यज्ञ की सेवा में लगा दी।

 सिर्फ यही नहीं मरने के बाद भी, शरीर छोड़ने के बाद भी अपनी सर्विस को नहीं भूले। गुलजार दादी में प्रवेश होकर बच्चों को ज्ञान सुनाने लगे। वह करके दिखा दिए जो आज तक किसी ने नहीं किया। मर भी जाए लेकिन जो सोच लिया है वह कर के छोडेंगे। मरने के बाद 50 सालों तक वह गुलजार दादी में प्रवेश होकर ज्ञान सुनाते रहे जिसे हम अव्यक्त वाणी कहते हैं। ऐसा ज्ञान सुनाने लगे कि देश-विदेश सभी जगहों से लोग आने लगे। और आज हर देश में ,हर शहर में ,हर एक गांव में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम खुल चुका है। वह कहते थे कि आत्मा कभी मरती नहीं है और यह बात उन्होंने सच साबित करके दिखा दिया है।

 ऐसी आत्मा की तुलना हम किसी से नहीं कर सकते सिर्फ उनसे सीख ले सकते हैं। आप ब्रह्मा बाबा के इन गुणों को अपने जीवन में अवश्य धारण करें आपको सफलता   मिलनी ही मिलनी है। निश्चय बुद्धि विजयंती- यदि आपको अपने कार्य के ऊपर निश्चय है तो विजय होना ही है। और बस आज के लिए इतना ही

 तो दोस्तों यह थी ब्रह्मा बाबा के 5 महत्वपूर्ण गुण . यह पोस्ट आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताये , ब्रह्मा बाबा के ये गुण आपको कैसे लगें यह भी जरूर बताये , और इस पोस्ट को अपने दोस्तों तक जरूर शेयर करें ताकि और लोग ब्रह्मा बाबा के बारे में जान पाए . 

धन्यवाद .

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निबंध लेखन।Hindi Essay Writing

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नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम हिंदी में निबंध लेखन सीखेंगे। निबंध कैसे लिखते हैं  निबंध  लिखने का क्या तरीका होता है। और निबंध के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जानेंगे।

यदि आप हिंदी में निबंध लिखना चाहते है , तो इस पोस्ट को पढने के बाद आप आसानी से कोई भी निबंध लिख पाएंगे । आपको सिर्फ कुछ ही चीजों का ध्यान रखना है। वह क्या है उसके लिए इस post को जरूर अंत तक पढ़े।

आज हम जानेंगे :-

  1. निबंध क्या है ?
  2. निबंध की परिभाषा क्या होती है ?
  3. निबन्ध का महत्त्व 
  4. निबन्ध के अंग 
  5. निबन्ध के कितने प्रकार होते हैं ?
  6. 'सुसंगठित' (सुन्दर और संगठित  ) निबन्ध कैसे लिखे?
  7. निबन्ध-लेखन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
  8.  निबन्ध कैसे लिखें?
  9. निबंध लेखन :-  सरल हिंदी भाषा में 
  10. निबंध लेखन का उदाहरण 
शरीर क्या है और आत्मा क्या है ?

शरीर क्या है और आत्मा क्या है ?

 शरीर क्या है और आत्मा क्या है 

आज किसी से पूछा जाए कि आप कौन है ? आपका परिचय क्या है ? तो सब अपने नाम और धंधे के बारे में बताने लगेंगे। 


कहेगा मैं रविश कुमार पत्रकार हूँ।  मैं अजय कुमार डॉक्टर हूँ। 
कोई इंजीनियर होगा तो कहेगा मैं इंजीनियर हूँ कोई डॉक्टर होगा तो कहेगा मैं डॉक्टर हूँ। सब अपने नाम और धंधे के बारे में बताने लगेंगे। 


लेकिन फिर उनसे पूछा जाए कि जब आप जन्म लिए थे , तब भी डॉक्टर और इंजीनियर थे क्या ?
जब हम जन्म लेते हैं तब हमारा ना कोई नाम होता है और ना कोई पद होता है। तो हम कौन है ?जो कभी नहीं बदलता , हम जन्म लेते हैं तब भी वही रहते हैं नौजवान में भी वही रहते हैं , बुढ़ापा में भी वही रहते हैं और मृत्यु के बाद भी वही रहते हैं। तो हम कौन हैं ?


बहुतों को समझ में आ गया होगा। हम एक चैतन्य आत्मा हैं।  यानि हम एक प्राण हैं। हम एक शुक्ष्म ज्योतिबिंदु आत्मा हैं। अब कोई कहे क्या प्रूफ हम आत्मा कैसे हैं ?


तो इसको ऐसे समझिये - जब हम कहते हैं मेरा घर ,इसका मतलब मैं अलग हूँ और घर अलग है। मैं घर से अलग एक व्यक्तित्व हूँ। मैं घर में रहता हूँ लेकिन मैं घर नहीं हूँ। 


वैसे ही जब हम कहते हैं मेरा गाँव , तो गाँव अलग है और मैं अलग हूँ। 
फिर कहते हैं मेरा देश , यानि देश अलग है और मैं अलग हूँ। मैं देश में रहता हूँ , मैं देश नहीं हूँ। 


* वैसे ही हम कहते हैं मेरा पैर ,मेरा हाथ , मेरा आँख , मेरा मुख मेरा शरीर यानि मैं शरीर से अलग हूँ। मैं शरीर से अलग एक व्यक्तित्व हूँ। 


शरीर अलग है और मैं अलग हूँ। मैं शरीर में रहता हूँ , लेकिन मैं शरीर नहीं हूँ। मैं आँखों से देखता हूँ , कानों से सुनता हूँ , मुख से बोलता हूँ। तो यहाँ पर स्पष्ट हो रहा है मैं कहने वाला कोई और है और शरीर अलग है। यानि शरीर अलग है और आत्मा अलग है। 


sharir kya hai aur aatma kya hai
आत्मा क्या है 


शरीर और आत्मा में अंतर 


शरीर :- 

शरीर 5 तत्वों से बनता है :- जल ,वायु ,अग्नि ,पृथ्वी और आकाश। 
शरीर में 70 % जल है , वायु से हम स्वांस लेते हैं , अग्नि से भोजन का पाचन होता है जिसे हम जठर अग्नि कहते हैं ,पृथ्वी - हाड मांस का शरीर है और आकाश यानि खाली स्थान शरीर में है। 


आत्मा :- 

वहीँ आत्मा 3 चीजों से मिलकर बनता है। मन -बुद्धि और संस्कार। 
मन विचार करता है , बुद्धि निर्णय लेती है और हम जैसे कर्म करते हैं वैसे हमारे संस्कार बनते हैं। 
मन क्या करता है? विचार करता है यानि सोचता है , जैसे ताजमहल के बारे में किसी ने कहा , तो ताजमहल का दृश्य सामने आ गया। और ताजमहल के बारे में जो भी ज्ञान होगा वो सामने आ जायेगा। 
तो मन दृश्य और ज्ञान के आधार पर विचार करता है। 
फिर है बुद्धि :- बुद्धि निर्णय लेती है कि क्या सही है और क्या गलत है। 


जैसे :- मुझे ताजमहल जाना हो ,तो ट्रैन से हम जाते हैं तो 1000 रुपये खर्च होते हैं वहीँ बस से जाते हैं तो 2000 रुपये खर्च होते हैं। 


तो बुद्धि यहाँ निर्णय लेती है कि ट्रैन से जाना फायदेमंद है या बस से। तो यहां ट्रैन से जाने में 1000 रुपये का फायदा हो रहा है , तो ट्रैन से जाना अच्छा है। तो बुद्धि इस तरह से निर्णय लेती है कि क्या सही है उसके लिए और क्या गलत है।


संस्कार :-
हम जैसे कर्म करते हैं वैसे हमारे संस्कार बनते हैं। अब हम ताजमहल गए देखने , वहाँ देखें कि एक बूढी औरत रोड क्रॉस करना चाह रही है , तो मदद कर दिए , इसका मतलब आपके संस्कार अच्छे हैं ,क्या ? तो मदद करने के संस्कार हैं। 


वैसे ही कोई देख करके भी बैठा है , इसका मतलब उसके संस्कार अच्छे नहीं है। क्या संस्कार है ? तो आलस्य के। 
तो हम जैसे कर्म करते हैं वैसे ही हमारे संस्कार बनते हैं। और जैसे हमारे संस्कार होंगे वैसे ही हमारा हमारा अगला जन्म होगा। कोई बचपन से बोहोत अच्छा गाता है , कोई बचपन से ही विद्वान है , इसका मतलब उसके पिछले जन्म के संस्कार अच्छे हैं। 


तो आत्मा मृत्यु के बाद संस्कार लेकर जाती है ,और उसी के अनुसार उनका नया जन्म होता है। 


आत्मा का सम्बन्ध शरीर के साथ कैसे है ?


यहाँ आत्मा का सम्बन्ध मस्तिष्क से जुड़ा है और मस्तिष्क का सम्बन्ध सारे शरीर में फैले ज्ञान तंतुओं से है। आत्मा में ही पहले संकल्प उठता है और फिर मस्तिष्क तथा तंतुओं द्वारा व्यक्त होता है। आत्मा ही शांति तथा सुख -दुःख का अनुभव करती है  तथा निर्णय करती है और उसी में संस्कार रहते हैं। 


इसका अर्थ यही है कि मन और बुद्धि आत्मा से अलग नहीं है। लेकिन आज आत्मा अपने को भूलकर देह (शरीर ) स्त्री , पुरुष ,बूढ़ा , जवान समझने लगा है। और अपने को शरीर समझना ही सभी दुखों का कारन है। 


शरीर में आत्मा का निवास कहाँ है ?


आत्मा एक चेतन (प्राण ) एवं अविनाशी ज्योतिबिंदु है। जो कि शरीर में भृकुटि में निवास करती है। आत्मा का वास भृकुटि में होने के कारन ही मनुष्य गहराई से सोचते समय यहीं हाथ लगाता है। जब वह कहता है कि मेरे तो भाग्य ही खोटे हैं ,तब भी वह यहीं हाथ लगाता है। 


आत्मा का वास यहां होने के कारन ही भक्त लोगों में यहां ही बिंदी और तिलक लगाने की प्रथा है। 
उदहारण :- मोटर और ड्राइवर 
शरीर को गाडी समझिये और आत्मा को ड्राइवर। जिस तरह ड्राइवर गाडी को चलाता है वैसे ही आत्मा शरीर को चलाती है। ड्राइवर के  बिना गाडी का कोई महत्व नहीं , वैसे ही आत्मा के बिना शरीर का कोई महत्व नहीं। दोनों एक दूसरे के पूरक है। 


इसीलिए परमपिता परमात्मा कहते हैं "आत्मा की पहचान " होने पर ही हम इस शरीर को अच्छे से चला सकते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं। आत्मा की पहचान होने पर ही लोग स्वयं सुख - शांति में रहते हैं और दूसरों को भी सुख -शांति ही देते हैं। 


ॐ शांति। 


ये भी जाने :-
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राशन कार्ड क्या होता है और Ration card कैसे apply करें? |

राशन कार्ड क्या होता है और Ration card कैसे apply करें? |

नमस्कार दोस्तों अनेक रूप में आपका स्वागत है। तो आज हम जानने वाले है कि राशन कार्ड के बारे में की राशन कार्ड क्या होता है ? (What is ration card in Hindi ?), राशन कार्ड कितने प्रकार के होते है ?,  नीला, गुलाबी, पीला, सफेद, लाल राशन कार्ड क्या होता है ?

और एक प्रश्न जो सभी के मनो में रहता है की PHH और AAY राशन कार्ड क्या होता है?(AAY और PHH ration card) और इन सभी राशन कार्ड धारकों को कितने अनाज मिलते है? तो आज मैं आपके इन्ही प्रश्नों का जवाब दूंगा और यह भी बताऊंगा की राशन कार्ड के लिए apply कैसे किया जाता है ?

ration card kya hota hai aur ration card ke liye kaise apply kaise karen?
राशन कार्ड 


इस आर्टिकल में आप जानेंगे -


Ration card क्या होता है ? (What is ration card in hindi)


राज्य सरकार के द्वारा जारी की जाने वाली अन्य दस्तावेजों में ration card एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जिसके द्वारा राज्य के आर्थिक स्थिति से निम्न वर्ग के लोगो को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के द्वारा सस्ते दामों पर उपयुक्त अनाज उपलब्ध कराया जाता है। और यह ration card एक पहचान पत्र की तरह काम करती है। 

आपने यह तो जान लिया किया कि ration card क्या है ?, लेकिन यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है की ration card कितने प्रकार के होते है ? तो चलिए अब जानते है । 

Ration card कितने प्रकार के होते हैं ?


राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली (NFSA - 2013) के तहत मुख्य तौर पर राशन कार्ड दो प्रकार के है इन्ही ration card धारकों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public distribution system- PDS) के द्वारा सस्ते दामों में अनाज उपलब्ध कराया जाता है। और वो दोनों राशन कार्ड के प्रकार निम्न है- 

1. PHH ration card (PHH ration card क्या होता है ?)


PHH (Priority household) राशन कार्ड जिसे हिंदी में पात्र गृहस्थी ration card भी कहा जाता है। यह राशन कार्ड लाल और गुलाबी रंग का होता है। यह राशन कार्ड उन लोगों को दिया जाता है जिनकी आर्थिक स्थिति थोड़ी अच्छी है। विभिन्न राज्यों में इस ration card के वितरण के भिन्न-भिन्न criteria है। 

पीएचएच राशन कार्ड धारकों को हर महीने 5 kg अनाज प्रति व्यक्ति दिया जाता है। जिसमे चावल का मूल्य 3 रु प्रति kg, गेहू का मूल्य 2 रु प्रति kg तथा 1 रु प्रति kg मोटे अनाज का वितरण किया जाता है। 

नोट- PHH ration card को Non-priority ration card यानि की गैर प्राथमिकता भी कहा जाता है। 

क से ज्ञ तक की बारहखड़ी को जानने के लिए इसे पढे । 

2. AAY ration card (AAY ration card क्या होता है ?)


AAY (Antyoday ann yojna) राशन कार्ड। अंत्योदय अन्न योजना ration card मुख्यतः पीले रंग का होता है। यह राशन कार्ड राज्य के उन्ही लोगों को दिया जाता है जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है। यानि की जिन लोगों के पास आय का कोई जरिया नहीं है।  (जैसे- बुजुर्ग आदि) हलकी राज्य सरकार द्वारा एएवाय ration card के वितरण के लिए कुछ और भी criteria है। जो अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग है। 

 AAY ration कार्ड धारकों को हर महीने 35 kg अनाज हर परिवारों को दिया जाता है। 

नोट- AAY ration card को priority ration card यानि प्राथमिक का दर्जा दिया जाता है। 

NFSA के लागू होने से पहले TPDS (लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली- Targeted Public Distribution System) के तहत अनाज का वितरण किया जाता था। तब ration card मुख्यतः तीन प्रकार के थे जो इस प्रकार है -

1.  BPL (BPL ration card क्या है ?)


BPL (Below Poverty Line) यानि की गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को यह राशन कार्ड प्रदान किया जाता है। इस ration card का रंग लाल और गुलाबी होता है । राज्य सरकार द्वारा निर्धारित कीये पैमाने के आधार पर ही गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों का पहचान किया जाता है । 

BPL ration card धारकों को 25-35 kg अनाज दिया जाता है।

2. APL (APL ration card क्या होता है ?)


APL (Above Poverty Line) यानि की गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों को यह राशन कार्ड दिया जाता है। इस ration card का रंग नीला होता है। यह राशन कार्ड भी राज्य द्वारा निर्धारित किए गए पैमाने के आधार पर ही गरीबी रेखा से ऊपर वाले लोगों को पहचाना जाता है और उन्हे यह राशन कार्ड प्रदान किया जाता है। 

APL ration card धारकों को 10-15 kg अनाज दिया जाता है। 

3. AY (AY ration card kya है ?)


AY यानि की अन्नपूर्णा योजना। यह AY ration card उन गरीब बुजुर्गों को दिया जाता है जिनकी उम्र 65 वर्ष से ज्यादा हो चुकी है। 

AY ration card धारकों को 10 kg अनाज प्रति महीने PDS द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। 

NOTE:- ज्यादातर राज्यों में NFSA (National Food Security Act) लागू हो चुकी है और जिन राज्यों में यह प्रक्रिया में है वहाँ TPDS (Targeted Public Distribution System) के द्वारा ही लोगों को अनाज उपलब्ध कराया जाता है। 

ऊपर दिए गए राशन कार्ड की सूची के अलावा कुछ और राशन कार्ड जैसे सफेद राशन कार्ड भी होते है तो चलिए इसके बारे में भी जान लेते है । 

सफ़ेद ration card क्या होता है ? (what is white ration card in hindi ?)


सफ़ेद ration card उन्ही लोगों को दिया जाता है जो गरीबी रेखा से ऊपर (APL) है। और जिनकी वार्षिक आय 1 लाख से ऊपर है। तथा जिनके परिवार में किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन है और 4 हेक्टेर या उससे अधिक सिंचित भूमि भी है। यह safed ration card एक प्रूफ के तरह होता है की आप भारत के नागरिक हो। 

राशन कार्ड के उपयोग क्या-क्या है ? 


राशन कार्ड के प्रकार को तो हमने जान लिया तो चलिए अब यह जानते है की राशन कार्ड के उपयोग क्या है ? और यदि हमारे पास ration card है तो उसका उपयोग हम कहाँ-कहाँ कर सकते हैं चलिए उसे भी जान लेते है -
  • राशन कार्ड एक प्रूफ होता है की हम भारतीय है। 
  • यदि आप voter id कार्ड बनवाने जा रहे है तो वहाँ ration card की जरूरत पड़ सकती है। 
  • LPG कनेक्शन प्राप्त करने के लिए ration कार्ड की जरूरत पड़ती है। 
  • PAN Card के validation के लिए ration card का भी उपयोग किया जा सकता है। 
  • राशन कार्ड को अपनी पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र के रूप में उपयोग कर SIM 
    Card, Telephone connection आदि लेने के लिए किया जा सकता है। 
 ऊपर दिए गए उपयोगों के अलावा राशन कार्ड के और भी कई सारे उपयोग है। जो हमारे लिए लिए बहुत जरूरी है। 

Ration card कैसे बनाए ? (How to apply for ration card in hindi ?) 


राशन कार्ड बनाने के लिए हमे कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। जो हमारे पास होना बहुत जरूरी है। तो चलिए जानते है-

राशन कार्ड बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेज 


जैसा की आप सभी को पता है की राशन कार्ड को परिवार के मुखिया के नाम के आधार पर ही बनाया जाता है। जिसमे परिवार के सभी सदस्यों के नाम सम्मिलित होते है। तो चलिए अब जानते है की राशन कार्ड को बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के बारे में-
  • परिवार के महिला मुखिया की 2 पासपोर्ट साइज़ फोटो 
  • सभी सदस्यों के आधार कार्ड की फोटो कॉपी 
  • वोटर-आयडी का फोटो कॉपी 
  • परिवार के मुखिया की बैंक passbook का फोटो कॉपी 
  • आय प्रमाणपत्र
नोट- कुछ-कुछ राज्यों में महिला मुखिया के फोटो के अलावा परिवार के सभी सदस्यों की भी फोटो की भी आवश्यकता होती है। 

यदि आपने ऊपर दिए गए सभी दस्तावेजों को एकत्रित कर लिया है तो अब आप ration card के लिए apply कर सकते है। ration card के लिए apply करने के लिए दो तरीके है- एक ऑफलाइन और दूसरा अनलाइन। 

जैसा की मैंने आपको शुरुआत में ही बताया की राशन कार्ड अब मुख्यतः दो प्रकार के है- AAY ration card और PHH ration card । AAY ration card वो ही अप्लाइ कर सकते है जिनके पास कोई रोजगार नहीं है और जिनकी वार्षिक आय लगभग 20 हजार है । और PHH ration card वो ही अप्लाइ कर सकते है जिनकी वार्षिक आय 20 हजार से अधिक और 1 लाख रु से कम है। 

नोट- हर राज्यों में इन दोनों ration कार्ड को अप्लाइ करने के criteria अलग-अलग है । 

Ration card को offline कैसे apply करे? (How to apply ration card offline ?)


Offline ration card apply करने के लिए नीचे दिए इन स्टेप्स को फॉलो करे- 
  • Ration card को offline apply करने के लिए आपको एक form fill up करना होगा । और यह form आपको आपके ब्लॉक (प्रखण्ड) में मिल जाएगा। और यदि आप चाहते है कि online इस form को प्राप्त करना तो आपको अपने राज्य के official राशन वितरण वाले website पर जाना होगा। जहाँ से आप यह form अनलाइन प्राप्त कर सकते है। 
  • Form को प्राप्त कर लेने के बाद उसमे पूछे गए information को fill up कर दे। 
  • Form को fill up करने के बाद उसकी बारीकी से एक बार जांच कर ले ताकि गलती होने की कोई गुंजाइश न हो। क्योंकि एक बार कुछ गलत information fill up हो जाने के बाद उसे सुधारना एक अलग सर-दर्द बन जाता है। 
  • अब आप उस form को अपने ration card dealer (कोटेदार) को या food inspector को जमा कर दे। 
यह प्रक्रिया को कर लेने के बाद आप इंतजार करे अपने ration card के बन जाने की। क्योंकि ration card को बनने में अब ज्यादा समय नहीं लगता है। 

Ration card को online कैसे apply करे? (How to apply ration card online ?)


यदि आप चाहते है घर बैठे अपने ration card को बनाना तो आप ration card को online ही apply कर सकते है। Online ration card apply करना थोड़ा आसान हो जाता है क्योंकि इसके लिए आपको physically कही भाग-दौड़ करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है तो चलिए अब जानते है की online ration card kaise apply karen ?

Online ration card apply करने के लिए दिए गए इन स्टेप्स को फॉलो करे -
  • सबसे पहले आप अपने राज्य के official राशन वितरण वाले website पर जाए। 
  • वेबसाईट पर जाने के बाद सबसे पहले आप उसमे यह देखे की apply for a ration card का option कहाँ है 
  • जब आपको यह मील जाए तो आप उस पर क्लिक करे और और वहाँ जाने के बाद अपने जिले को select करे 
  • जिले को सिलेक्ट करने के बाद आप एक फॉर्म पर land कर जायेंगे जहाँ आपको अपने information जैसे- आधार कार्ड, passport size photo, block (प्रखंड), परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी आदि को fill करना है। 
  • यह सभी कुछ करने के बाद आपको अपने ration card को प्रिन्ट कर लेना है। 
  • और उसका एक फोटो कॉपी निकाल कर रख लेना है । 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)


Q: Offline ration card apply करने के बाद कितने दिनों में बनता है ? 

उत्तर: यदि आपने ration card को offline apply किया है तो आपका ration card लगभग 15-30 में बन कर आपके पास पँहुच जाएगा। 

Q: Ration card online apply करने के बाद कितने दिनों में बनता है ?

उत्तर: यदि ration card को online apply किया जाता है तब भी राशन कार्ड बनने में 10-15 दिनों का समय लग ही जाता है। क्योंकि कुछ लंबी प्रक्रियाएं होती है जिनमे इतना व्यक्त लग जाता है। 

Q: हमे ration card online apply करना चाहिए या offline?

उत्तर: यह तो totally आपके ऊपर depend करता है की आप राशन कार्ड कैसे अप्लाइ करना चाहते है यदि आप चाहते है घर बैठे अप्लाइ करना तो बेशक आप online ही apply करे क्योंकि इसमे आपको कोई भाग-दौड़ करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। 


इसे भी पढे-
मुझे पूरी उम्मीद है की आपको यह अच्छी तरह से समझ आ गया होगा की Ration card क्या होता है ? और Ration card को online या offline कैसे apply किया जाता है ? यदि आपको अभी भी कोई प्रश्न है कमेन्ट बोक्स में बेझिझक अपने प्रश्न को पूछे और हां आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ share जरूर करे।  
धन्यवाद !
ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक कैसे Add करें

ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक कैसे Add करें

  

नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे कि ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक कैसे add करते हैं ? जब हम ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में कोई लिंक add करते हैं तो वह plane text की तरह show होता है। वह वैसा ही show होता है जैसा की बाकि words show होते हैं। ऐसे में users को काफी परेशानी होती है , वह अपने लिंक को  नहीं डाल  पाते यहां तक कि ब्लॉग owner भी लिंक add नहीं कर पाते। 

तो आज का ये पोस्ट इसी के ऊपर है कि कैसे हम ब्लॉगर comment box में लिंक add करते हैं :- यदि आपको भी जाननी है तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है आप इसे अंत तक जरूर पढ़े। 



ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक क्यों नहीं Show होते हैं ?

ब्लॉगर में लिंक Add करने से पहले आप यह समझ ले कि ब्लॉगर ने अपने कमेंट system में लिंक को क्यों disable करके रखा है , जिससे कि आपको ब्लॉगर कमेंट बॉक्स को समझने में आसानी होगी। 

ब्लॉगर ने अपने कमेंट बॉक्स में लिंक को क्यों disable रखा है इसके कई कारन हो सकते हैं , जैसे :-

ब्लॉगर एक free service है :- अन्य प्लेटफार्म जहां blogging के लिए पैसे देने होते हैं वहीँ ब्लॉगर एक free platform है। इसीलिए इसमें आपको सभी features provide नहीं किये जाते हैं। 

ब्लॉगर comment बॉक्स हल्का है :- हल्का का मतलब , low script है , इसमें ज्यादा features add नहीं है इसीलिए  यह comments  को fast load करता है। 

Spam कमेंट :- ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि ब्लॉगर नहीं चाहता हो कि इसमें लोग फालतू का लिंक add करें जो लोगों के privacy के खिलाफ हो। 

तो ऐसे और भी कई कारन हो सकते हैं , जिसके चलते ब्लॉगर ने अपने comment box में लिंक को disable रखा है। 

blogger comment me link add kare
blogger comment me link add kare

ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक क्यों Add करते हैं ?

ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक Add करने के कई कारन हो सकते हैं :-

मदद के लिए :- जब भी कोई comment में सवाल पूछता है तो उसका जवाब कहा है , कौन से वेबसाइट में है इसको बताने के लिए लिंक add करना जरूरी हो जाता है। लिंक होने पर लोगों को बोहोत मदद हो जाती है , वह डायरेक्ट ही उस वेबसाइट में जा पाते हैं। 

Traffic के लिए :- कमेंट बॉक्स में पोस्ट का लिंक add करने से page views बढ़ते हैं , इससे आपके ब्लॉग पोस्ट में अधिक लोग आने लगते हैं। और इस तरह आप अपने ब्लॉग का Traffic भी बढ़ा सकते हैं। 

Backlink :- यदि आप blogging करते हैं तो आपको पता होगा कि backlink क्या होता है। जितना ज्यादा आपके ब्लॉग पोस्ट का backlink होगा उतना ज्यादा chances है कि आपका पोस्ट search engine में  पहले show होगा। तो comment box में लिंक add करके आप अपने ब्लॉग का backlink भी बना सकते हैं। 

Engaging Readers :- कोई भी user जब आपके ब्लॉग में आता है तो उसे बांध करके कैसे रखना है , ये आपको आना चाहिए। जब भी आप comment box में किसी को reply करते हैं तो दूसरे post का link शेयर करे जिससे की users आपके ब्लॉग में बने रहेंगे और इससे ब्लॉग का bounce rate कम हो जायेगा। 

ये भी जाने :-

ब्लॉगर कमेंट बॉक्स में लिंक कैसे Add करें ?

  • सबसे पहले आप नीचे दिए कोड को copy करके comment box में paste करें 
  • <a href="LINK">Keyword</a>
  • फिर LINK की जगह पोस्ट का लिंक डाले और Keyword की जगह लिंक का नाम डाले। 
  • और बस हो गया आपके comment box में लिंक add . 

Example :- 

<a href="https://www.anekroop.com/2020/09/blogger-new-premium-theme.html"> ब्लॉगर थीम </a>

तो इस तरह आप अपने ब्लॉगर comment box में लिंक add कर सकते हैं , जो की बिलकुल आसान है। 

तो दोस्तों यह थी जानकारी कि कैसे आप अपने ब्लॉगर comment box में लिंक add करते हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आयी होगी। यदि इससे सम्बंधित कोई सवाल है तो हमें comment करके जरूर बताये। 

और इस post को अपने दोस्तों तक जरूर share करें। और हमारे blog को Subscribe करें। 

धन्यवाद। 

Blog में Recent Post Widget कैसे Add Kare

Blog में Recent Post Widget कैसे Add Kare


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे कि Blog में Recent Post Widget कैसे add करते हैं। आप यदि Blogger use करते हो या Wordpress use करते हो , आप इस post की मदद से अपने blog में recent post widget add कर पाएंगे। आप मन पसंद style के recent widget को add कर पाएंगे जिसकी जानकारी कुछ इस प्रकार है :-

आज का Topic :-

  • Recent Post Widget क्या होता है ?
  • Recent Post Widget के फायदे ?
  • Blog में recent post widget कैसे add करे ?
  • Recent post widget with Text Add करें 
  • Recent Post Widget with Image /Date & Time Add करें 
  • Recent Post Widget with Image / Post Navigation 
  • Recent Post Widget with Thumbnail / Next -Pre Button Add करें। 

तो फिर चलिए , हम अपने blog में recent post widget add करते हैं। 

blog me recent post widget add kare
blog me recent post widget add kare
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Recent Post Widget क्या होता है ?

हाल ही में जब आप post को publish करते हैं तो उसे recent post कहा जाता है , या नया post भी कह सकते हैं। 

यह recent post दर्शाता है कि हाल के दिनों में आपने कौन-कौन से post publish किये हैं। ऐसे तो blog के homepage में जाने से ही recent post दिख जाता है लेकिन बोहोत कम ही लोग post पढ़ने के बाद homepage में जाते हैं। ऐसे में लोग आपके द्वारा publish किये नए post को नहीं देख पाते।

ऐसे में recent post widget मदद करता है blog के नए post को दिखाने में। जिसे कि हरेक post के  sidebar /footer / या post के नीचे आप recent post widget को show कर सकते हैं।  

Recent Post Widget के फायदे 

  1. Recent Post widget add करने में जो सबसे पहला फायदा होगा वह ये कि आपके blog का bounce rate कम हो जायेगा। 
  2. लोग आपके blog post को पढ़ के तुरंत नहीं चले जायेंगे , वे थोड़ी देर रुकेंगे और recent post को देखेंगे , जिससे कि per user time spend भी बढ़ेगा। 
  3. इससे सबसे ज्यादा फायदा होगा , कि आपके page views बढ़ेंगे। इसीलिए मैंने इसे अपने blog में भी add किया है। 
  4. मैंने Thumbnail with Next - Preview style के recent widget को add किया है , जिसका look आप scroll down करके देख सकते हैं। 

Blog में Recent Post Widget कैसे Add करें। 

यदि आप blogger या wordpress use करते हैं तो भी आप अपने blog में recent post widget add कर सकते हैं। 

मैंने यहां 4 तरह के recent post widget बताये हैं आप अपनी पसंद के अनुसार उसे choose कर सकते हैं। हरेक style का अपना-अपना features हैं जिसे नीचे बताया गया है। 

  1. Recent Post Widget with Text :- इस तरह के style में सिर्फ Text ही show होंगे , यदि आप अपने blog में sirf text दिखाना चाहते हैं तो इसे add करें। 
  2. Recent Post Widget with Thumbnail/ Date/Time :-यदि आप अपने blog में thumbnail (image ) और date -time दिखाना चाहते हैं तो फिर इस style को add करें। 
  3. Recent Post Widget with Thumbnail / Navigation /Next -Preview :- यदि आप recent post के title के साथ कुछ article भी दिखाना चाहते हैं तो इस style को add करें। इसमें आपको Next -Preview post button भी मिलेगा जिससे की users next post और previous post को भी देख पाएंगे। 
  4. Recent Post Widget with Thumbnail /Next -Preview :-इस style में आप thumbnail (image ) के साथ next -preview button भी दिखा सकते हैं। यह style ऊपर बताये style की तरह ही है लेकिन इसमे navigation नहीं है। 
अब चलिए बारी-बारी से हरेक style को add करने के तरीके के बारे में जानते हैं। जिससे की आप आसानी से अपने blog में add कर पाए। 

Blog में Recent Post Widget with Text Add करें। 

add recent post widget with text
add recent post widget with text
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  • सबसे पहले आप Blogger >> Layout >> Add a Gadget में जाके  >> HTML/ JavaScript Add करें। 
  • अब आपको नीचे दिए गए code link से code copy करके  HTML/ JavaScript में Add करना है। 
  • फिर Enter your url की जगह अपने blog का url add करें। जैसे - https://www.anekroop.com/


Blog में Recent Post Widget with Thumbnail / Date - Time Add करें। 

recent post widget with image thumbnail
recent post widget with image thumbnail
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  • इसके लिए भी वही process करना है। 
  • Layout >> Add a Gadget से >> HTML/ JavaScript Add करें। 
  • फिर नीचे दिए link से code copy करके paste कर दें। और इसमें आपको blog url देने की जरूरत नहीं है। 


ये भी जाने :-

Blog में Recent Post Widget with Thumbnail / Post Navigation  Add करें। 

recent post widget with thumbnail post navigation
recent post widget with thumbnail post navigation
.

  • इसके लिए भी वही process करना है। 
  • Layout >> Add a Gadget से >> HTML/ JavaScript Add करें। 
  • फिर नीचे दिए code link से code को copy करके paste करें। 
  • फिर Enter your url की जगह अपने blog का url add करें। जैसे - https://www.anekroop.com/ 
  • फिर Save कर दें। आपका widget add हो जायेगा। 

Blog में Recent Post Widget with Thumbnail / Next-Preview  Add करें। 

recent post widget with thumbnail next preview
recent post widget with thumbnail next preview
.

  • इसके लिए भी वही process करना है। 
  • Layout >> Add a Gadget से >> HTML/ JavaScript Add करें। 
  • फिर नीचे दिए code link से code को copy करके paste करें। 
  • फिर Enter your url की जगह अपने blog का url add करें। जैसे - https://www.anekroop.com/ 
  • फिर Save कर दें। आपका widget add हो जायेगा। 

इसमें जो code इस्तेमाल हुवा है वह ऊपर का code ही है , इसमें सिर्फ nav no को 40 से 0 कर दिया गया है। 

Code link :-


तो दोस्तों ये थे Recent Post widget के 4 styles जिसे आप अपने blogger /wordpress blog में add कर सकते हैं। यदि इसे add करने में कोई दिक्कत आती है तो ये video देखें :-


तो मैं उम्मीद करता हूँ कि आप भी अपने blog में recent post widget add कर लिए होंगे , यदि इससे सम्बंधित कोई प्रश्न हो तो हमें comment करके जरूर पूछ लें। मुझे बताने में ख़ुशी होगी। 

और मेरी मदद करने के लिए इस post को जरूर अपने दोस्तों तक Share करें। 
धन्यवाद। 
Blogger Me SEO Friendly Post Kaise Likhe #8

Blogger Me SEO Friendly Post Kaise Likhe #8

 नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे कि Blogger में SEO friendly post कैसे लिखते हैं। जिसमे हम बात करेंगे कि कैसे हम blogger में post लिखेंगे जिससे कि हमारा post search engine में सबसे पहले show हो। 

Blogger में SEO friendly post लिखने पर आज की topic -

  • Popular और Unique Post लिखे 
  • High Quality Content लिखे। 
  • Post को Paragraph के form में लिखे। 
  • Post title का प्रयोग content में अधिक बार करें। 
  • Heading को Large रखें। 
  • Important content को highlight करें। 
  • अधिक words के post लिखे। 
  • Post में simple language का इस्तेमाल करें। 
  • Post में Example , Note का इस्तेमाल करें। 
  • Search Description का ऐसे प्रयोग करें। 
  • Post में अधिक Ads का प्रयोग ना करें। 
  • Post का Backlink बनाये। 

seo friendly post kaise likhe
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तो चलिए इन सभी बातों को आसान भाषा में समझते हैं जिससे कि आप जब भी post लिखेंगे तो ये बातें automatically आपको याद रहेंगी। 

उससे पहले यदि आप Blogger के Post Editor के बारे में अनोखी जानकारी जानना चाहते हैं तो ये video देखें :-

Popular और Unique Post लिखे 

Blogger में SEO friendly post लिखने के लिए सबसे पहली बात जो आपको याद रखनी है , वो है Popular और Unique Post 

Popular Post :- ऐसा post जो बोहोत popular हो ,जिसे लोग अधिक search करते हो। 

तो आपको भी ऐसा ही post लिखना है जो लोग अधिक search करते हो , नहीं तो फिर आपके post को पढ़ने वाला कोई नहीं होगा। 

seo friendly post search tool.

इसके लिए आप Google Search Tool का इस्तेमाल कर सकते हैं , उसमे भी आपको पूरी post title नहीं लिखनी है , सिर्फ 2-3 word ही लिखना है , फिर Google Search Tool automatically उससे related post show करेगी। 

और फिर उसके अनुसार ही आप अपने post का title रखें। 

Unique Post :- ऐसा post जो कभी किसी ने नहीं लिखी। Google Search tool में post को search करने के बाद उसपर click करके देखें कि उसके ऊपर पहले से ही तो ढेर सारे post नहीं है ? यदि हैं तो फिर आप दूसरा post title चुनें। नहीं तो एक जैसा title होने पर Google search में top rank करना बोहोत मुश्किल हो जाता है। 

High Quality Content for SEO Friendly Post 

Blogger में SEO friendly post लिखने के लिए यह सबसे जरूरी चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सबसे अधिक matter करता है कि आप content कैसा लिखते हैं , यदि आपका content ही कुछ नया , कुछ informative नहीं है तो फिर कोई भी आपके post को पढ़ने वाला नहीं है। 

जितना ज्यादा time लोग आपके post पढ़ने में बिताएंगे उतना ही top में आपका post show होगा , और यही सबसे important formula है जिसका उपयोग Google भी करता है , Google भी ऐसे ही post को search में आगे रखता है जिसका view time  सबसे अधिक होता है। 

seo friendly post to increase traffic.

Example :- आप ऊपर के image में मेरे blog का traffic data देख सकते हैं कि मेरे blog में सिर्फ google search से 81% visitors आते हैं , तो इससे आप समझ गए होंगे कि सबसे ज्यादा visitors google search के द्वारा ही आते हैं और बाकि social , referral ये सिर्फ नाम मात्र के होते हैं। 

तो इसीलिए आप अपने post content को थोड़ा eye catching और informative बनाये जिससे की लोग अधिक से अधिक time आपके post में दें , जिससे कि आपका post search engine के top में show हो। 

Post को Paragraph के form में लिखे। 

SEO friendly Post के लिए और आपके Post में अधिक time बिताने के लिए यह सबसे अच्छा तरीका है कि अपने post को paragraph में तोड़-तोड़ कर लिखे। 

यानि post को एक ही paragraph में नहीं लिखना है , उसे कई paragraph में लिखना है जिसमे 1 paragraph में अधिक से अधिक 4 line होने चाहिए। 

Paragraph में अधिक line होने पर लोग उसे पढ़ना पसंद नहीं करते हैं और फिर blog से बाहर चले  जाते हैं। लम्बे paragraph को देखते ही लोगों के सिर में दर्द होने लगता है , तो छोटे-छोटे paragraph में अपने post को लिखे , इससे आपको बोहोत फायदा होगा। 

Post Title का प्रयोग Content में अधिक बार करें।

SEO friendly post के लिए Google, HTTP की मदद से search किये हुवे letters को आपके post में ढूंढता है कि किसमें ज्यादा बार ये letters मिलते हैं , और जिसमे ज्यादा search letters होते हैं उसी को  HTTP google search में दिखाती है। 

तो जितना ज्यादा बार आप title का प्रयोग अपने post में करेंगे उतना ही ज्यादा chance होगा कि HTTP आपके blog post को search में show करे। 

तो ये भी एक factor है Blogger में SEO friendly post लिखने के लिए , आप समझ ही गए होंगे। 

 Important Content को highlight करें और Heading को Large रखें। 

Blog Post को Eye catching बनाने के लिए आप important content को highlight कीजिये , जिससे कि users की नज़र उसपर पड़े और वह post को पढ़ने में मजबूर हो जाये। उसके लिए आप content का colour change कर दें ,या उसे bold कर दें। 

और जहां तक Post Heading की बात आती है तो उसे आप Large रखे , या फिर heading रखें। ऐसा इसलिए ताकि readers को समझ में आये कि Heading कौन सा है और paragraph कौन सा है। जिसके लिए आप post editor के ऊपर में जो menu bar है उससे  font size को large कर सकते हैं। 

अधिक Words का Post लिखें और Simple Language का इस्तेमाल करें। 

जब भी आप blog post लिख रहे हो तो कम से कम 1000 words यानि लगभग 5 paragraph का post जरूर लिखें। इससे लोग आपके post में अधिक time देंगे जिससे की आपका blog आसानी से search results में show होगा। 

Simple Language का मतलब , आम बोल -चाल की भाषा में post लिखे। जिससे users को पढ़ने में आसानी हो। अब users hard English या सम्पूर्ण हिंदी की वजह से आपके post को नहीं समझ पाते हैं तो फिर post लिखने का फायदा ही क्या हुवा।  तो आप ऐसे भाषा का इस्तेमाल करें जिसे लोग आसानी से आपकी बातों को समझ जाये।

Post में Example , Note , Bullet List / Numbered List का इस्तेमाल करना है। 

अबतक तो आपने जाना कि SEO Friendly Post कैसे लिखते हैं लेकिन यदि आप इनका इस्तेमाल करते हैं तो फिर search engine आपके post को recommend  में show करेगी। 

rank first in google search.

ऐसा इसलिए क्योंकि आपका post systematically लिखा हुवा है जिसे search engine को समझने में आसानी होती है , जैसा की आप ऊपर दिए हुवे Photo को देख सकते हैं। ( जब भी आपका post search engine में recommend होगा तो कुछ इस तरह show होगा। )

तो आप भी अपने post में example , note ,bullet list ,numbered list का इस्तेमाल करें और फिर फर्क देखें। 

Search Description का प्रयोग ऐसे करें :-

SEO Friendly post लिख लेने के बाद अब आपको अपने post से related important topic को अपने search description में लिखना है , जिसमे 150 words में ही आपको अपने post के बारे में बताना होता है। 

इसमें आप सबसे पहले blog का title लिखें , फिर post heading लिखें और उस post से related यदि कोई topic है जो जोग ज्यादा search करते हैं तो उसे भी आप लिख सकते हैं।

Post में अधिक Ads का प्रयोग ना करें 

ऐसा इसलिए  क्योंकि अधिक ads लगाने से page का speed बोहोत कम हो जाता है , और readers को भी irritation महसूस होता है , इसीलिए आप एक page में 2 -3 ads ही डालें। 

Post का Backlink बनाये। 

अब अपने post को Publish करके के बाद , जरूरी है उसका backlink बनाना , उसके लिए आप अपने post को facebook , watsapp , twitter, youtube  इत्यादि जगहों में share करें और उसका backlink बनाये। 

आज भी जितना ज्यादा backlink होगा ,उतना ज्यादा chance होगा search result पे top में आने की। 

और इसी के साथ आज का ये महत्वपूर्ण post समाप्त होता है। 

और इसी के साथ Blogger का tutorial भी समाप्त होता है , अब आप अपने blog में post लिखना चालू कर सकते हैं और फिर blog से पैसे कमा सकते हैं। 

Blogger Tutorial के बाद अब blogger design/ tricks के ऊपर Post रहेंगे जिसके लिए आगे का post पढ़ते रहे।

अबतक हमने जाना :-

 

तो दोस्तों ये थी जानकारी कि कैसे आप अपने Blogger post को SEO friendly बनाते हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको ये post जरूर मदद करेगी। 

यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें comment करके जरूर बताये , और इस post को  share करके ओर  लोगों की मदद करें। 

धन्यवाद। 



मन को Control कैसे करे - How to Control Your Mind

मन को Control कैसे करे - How to Control Your Mind

 नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे कि मन को control कैसे करते हैं? जिसमे हम बात करेंगे -


  • मन क्या है ?
  • मन का क्या काम है ?
  • मन को control कैसे करे ?
  • मन क्यों सभी को नाच-नचाता है ?
  • मन क्यों अपने अंदर जंजीर लपेट ली है ? 
  • मन का स्वामी कौन ?          

mann ko control kaise kare
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मन को control करने से पहले हमें मन के बारे में जानना चाहिए , कि मन क्या है ? और कैसे काम करती है ?

मन क्या है ?


मन आत्मा की 3 शक्तियों में से एक है। आत्मा की 3 शक्ति है - मन ,बुद्धि ,संस्कार। तो मन आत्मा की सबसे पहली शक्ति है। 


मन का क्या काम है ?


मन का काम है सोचना। यह हर पल कुछ ना कुछ सोचता ही रहता है। कभी अच्छा ,कभी बुरा। कभी अच्छे विचार से हंसाता है तो कभी बुरे विचार से रुलाता भी है। 


मन का और क्या-क्या काम है ?


मन शरीर की सभी इन्द्रियों का स्वामी है। 

शरीर की हरेक इन्द्रियां विषयों की ओर आकर्षित होती है। शरीर की हरेक इन्द्रियां भोग-भोगना चाहती है। जैसे -आँख अच्छे दृश्य देखना चाहता है ,जीभ -अच्छा भोजन खाना चाहती है , ऐसे ही हरेक इन्द्रियां भोग-भोगना  चाहती है। 

अब मनुष्य को तो भोग-भोगना छोड़ तो नहीं देना चाहिए। लेकिन निराशक्त होकर भोग -भोगना चाहिए। कि ये जो कुछ भी है सब प्रभु की देन है , प्रभु की याद में भोग -भोगना चाहिए। कोई भी इन्द्रियों से कर्म करें तो उसमे प्रभु की याद होनी चाहिए। 

और यदि ऐसा नहीं किये तो इन्द्रियों की उत्तेजना बढ़ जाती है ,मन ओर भी चंचल बन जाता है। वह विषयों को भोगने लगता है। और जो जितना भोगी होता है ,वह उतना रोगी भी बनता है। और फिर मन control नहीं हो पाता। 


मन को Control कैसे करे ?


मन को control करने के लिए 2 चीजों की जरूरत है। 

  1.  अभ्यास 
  2. वैराग्य। 

मन को control करने के लिए अभ्यास :-


मन को अपने आत्मा में स्थिर करो , वह वहाँ से भागेगा , उसे फिर लाओ , वह फिर भागेगा , उसे फिर पकड़ो। ऐसा बार -बार करना पड़ेगा। 


जैसे - घोडा का नवजात शिशु , वह पल-पल फुदकता रहता है , कोई उसपर सवार होना चाहे , तो वह उसे गिरा देता है। लेकिन सवार दृढ संकल्पी है , तो वह एक दिन घोड़े पर सवारी कर ही लेता है और जैसे चाहे वैसे घोड़े को नचाता है। 


उसी तरह अभ्यास करते-करते हमारा मन भी control में आ जायेगा और फिर हम जैसा चाहे वैसा अपनी मन को चलाएंगे। 


मन को control करने के लिए वैराग्य -


मन को control करने के लिए आत्मा को ये समझना होगा , कि ये सारे भोग नश्वर है , नस्ट होने वाले हैं। यह तो माया के द्वारा बनाया गया कुछ समय के लिए Pomp & Show (दिखावा ) है। जो जल्द ही ख़त्म होने वाली है। 


जितने भी भोग है वह कुछ समय सुख देकर सदा काल के लिए दुःख देने वाले हैं , सभी दुश्मन हैं। 


जैसे - एक अच्छा मित्र होता है ,एक बुरा मित्र होता है। जो अच्छा मित्र होता है वह बुरे वक़्त में आपका साथ देता है वहीँ बुरा मित्र आपसे सुख तो बांटता है लेकिन जब दुःख शुरू होता है तो वह किनारा कर लेता है। 


वैसे ही मन है , मन सुख तो चाहता है ,लेकिन जब इन्द्रियां कमजोर बन जाती है तो मन सहयोग देना बंद कर देती है और आत्मा को सारी तकलीफ होना शुरू हो जाता है। 


मन क्यों सभी को नाच-नचाता है ?


जबतक आप मन को विषयों के आधिन रहने देंगे , तब तक वह आपको नाच-नचाता रहेगा। जबतक आपने मन को खुला छोड़ रखा है तबतक आप माया के मोह जाल में फंसे हुवे हैं। 


हरेक वस्तु अपनी ओर आकर्षित करती है - चाहे वह सुन्दर कन्या हो , Internet हो ,शराब हो इत्यादि। अब यदि आपने मन को संभाला नहीं ,तो आप और भी गड्ढे में जाते रहेंगे। आपकी ख़राब आदत और भी ख़राब होते जाएगी। और मन आपको नाच-नचाता रहेगा। 


क्योंकि मन ही मान अपमान की ख़ुशी अथवा दुःख भोगता है। मन ही वहम में डालता है। मन ही अपनी खुशियों से ,दुःख से मोह करता है। और मोह की जाल में फंसाकर प्राणी को नाच-नचाते रहता है। 


मन क्यों अपने अंदर जंजीर लपेट ली है ?


मन ही अपनी खुशियों से , दुःख से मोह करता है। मन सदैव सुख की चिंता करता है , भोग-भोगना चाहता है। वह अपने भोगों को नहीं छोड़ना चाहता है। चाहे कोई इन्द्रियां कट भी जाये , जैसे - किसी की आँख चली जाये , तो अँधा व्यक्ति अपनी मन की आँखों से भगवान की कल्पना कर सकता है तो सुन्दर स्त्री की भी कल्पना कर सकता है। 


अपने भोगों की पूर्ति ना होने पर वह गलत कार्य भी कर सकता है। 


ऐसी स्थिति में मन को यह बात बतानी पड़ती है कि सुख-दुःख तो मनुष्य के प्रालब्ध ( कर्मों के फल ) हैं। प्राणी जैसा कर्म करेगा ,वैसा ही फल पायेगा , इसी को प्रालब्ध कहते हैं। भगवान प्रालब्ध नहीं बनाते। जिस नियत से आप कर्म करेंगे ,उसका फल भी आपको जरूर मिलेगा। 


मन का स्वामी कौन है ?


अब मन को control करना है , तो कौन करेगा मन को control ? जरूर उसका भी कोई स्वामी होगा। मन का स्वामी है आत्मा।  आत्मा बुद्धि के द्वारा मन को control कर सकती है। जिसकी बुद्धि विशाल है ,वह मन के मोह में नहीं पड़ता। 


बुद्धि का काम है निर्णय करना -


जैसे - Doctor ने अपने मरीज को खट्टा खाने से मना किया हो ,और मरीज जब इमली देखता है तो मन उसको खाने की इक्षा जाहिर करता है।अब  इस अवस्था में बुद्धि को निर्णय लेना पड़ता है कि वह मन की सुने या बुद्धि का उपयोग करके उसे ना खाये। 


कई लोग समझते हैं कि यह तो मन को मारना होता है -


लेकिन मैं आपको बता दूँ कि मन कभी मरता नहीं , इससे मन सुधरता है। इससे निर्णय शक्ति ,आत्मा की शक्ति बढ़ती है। ऐसा करने से आप मन के आधिन नहीं बल्कि मन आपके आधिन होने लगती है। और इस तरह आप बुद्धि का प्रयोग करके अपने मन को सुधार सकते हैं और मन को control कर सकते हैं। 


और यदि आप अपने मन को control में नहीं कर सकते तो आप मनुष्य नहीं है ,मनुष्य के रूप में जानवर हैं क्योंकि मनुष्य कहा ही जाता है -मन को वश में करने वालों को। 


तो दोस्तों यह थी जानकारी कि आप मन को control कैसे करते हैं ,मन क्या होता है मन को सुधारते कैसे हैं और भी मन से जुडी जानकारियां। तो मैं उम्मीद करता हूँ कि इस post के द्वारा आप भी अपने मन के ऊपर control पा लेंगे। 



यदि आपके दिमाग में कोई प्रश्न हो तो हमें comment करके जरूर बताये। 


और यदि आप अन्य लोगों की मदद करना चाहते हैं तो इस post को उनतक जरूर पहुंचाए , उसके लिए इसे share करें facebook ,watsaap में। 


अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद। 


Blogger Me Favicon Add Kare -फ़ेविकॉन बनाये #7

Blogger Me Favicon Add Kare -फ़ेविकॉन बनाये #7

 नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे कि Blogger में Favicon कैसे Add करते हैं और Favicon को कैसे बनाते हैं। यह blogger tutorial का सातवां post है , और इसी के साथ blogger का design part ख़त्म होता है , आगे के post में हम जानेंगे Blogger Post के बारे में। 

आज हम बात करेंगे कि -

  • Favicon क्या है ?
  • Favicon Add करने से क्या फायदा होता है ?
  • Favicon कैसे बनाते हैं ?
  • Blogger में Favicon कैसे Add करते हैं ?
favicon kaise banaye
favicon kaise banaye
.

Favicon क्या है ? 

Favicon :- यह एक logo/icon  है , जैसे हरेक कंपनी का अपना-अपना logo होता है वैसे ही हरेक website का अपना-अपना logo होता है , जिसे आप अपने blog के अनुसार या अपने पसंद के अनुसार रख सकते हैं। 

जैसे maruti की अपनी logo होती है , hyundai की अपनी logo होती है। वैसे ही हरेक blog /website की अपनी-अपनी logo होती है। 

 जब आप blogger में blog बनाते हैं तो उसमे पहले से ही dafault logo रहता है जिसे आपको change करना होता है। लेकिन आप चाहे तो blogger का default logo भी रख सकते हैं या फिर अपना logo बनाकर add कर सकते हैं। 

Favicon Add करने से क्या फायदा होता है ?

Blogger में favicon add करने का सबसे पहला फायदा यह होता है कि blog को नई identity मिलती है, blogger का default icon /logo हट जाता है और blog की अपनी logo होने से blog को अपनी पहचान मिलती है। 

Blogger में favicon add करने से आपके blog का look professional हो जाता है , फिर कोई भी पहचान नहीं सकता कि ये blog blogger में बना हुवा है। 

Favicon blog को represent करती है , log favicon देख कर ही आपके blog को पहचान जायेंगे। 

अच्छा favicon add करने से blog का look भी attractive होता है , और लोगों को देखने में भी अच्छा लगता है। 

Favicon कैसे बनाते हैं ?

  • Favicon बनाने के लिए , आज तो कई online website हैं , लेकिन मैं आपको suggest करूँगा कि आप photoshop से ही अपना favicon बनाये। 
  • ऐसा इसलिए क्योंकि online website में आप एक ही तरह के favicon बना सकते हैं , लेकिन photoshop से आप ओर लोगों से हटकर अपना favicon icon बना सकते हैं।
  • उसके लिए आप pixabay से या फिर किसी free stock image website से logo को download कर ले , और फिर photoshop से उसका size कम करके upload कर दें। 
  • या तो फिर बना-बनाया logo download करके , photoshop से उसका size कम करके upload कर सकते हैं। 
  • धयान रहे की favicon icon का size 1-2 kb तक होना चाहिए , नहीं तो loading time अधिक हो जायेगा , जिससे की आपका blog देरी से load होगा। 
  • favicon बनाते समय favicon का shape भी ध्यान में रखें , Blogger favicon के लिए आपका favicon square shape में होना चाहिए , यानि उसकी height और width दोनों बराबर होनी चाहिए। 
  • जिसके लिए आप , 64px × 64px, 32 ×32, 64px × 64px,  का इस्तेमाल कर सकते हैं। या फिर इसी की range में अपनी shape रख रख सकते हैं। 


और यदि आप online favicon बनाना चाहते हैं तो उसकी जानकारी भी आपको मिल जाएगी -

Favicon बनाने का website :-
favicon.io 


Blogger में Favicon कैसे Add करें ?

favicon kaise add kare
favicon kaise add kare
.

  • Blogger में Favicon add करना बोहोत ही आसान है , उसके लिए आप सबसे पहले Blogger >>>Settings में जाये। 
  • फिर Favicon के ऊपर click करें। 

favicon kaise upload kare


  • फिर choose file के ऊपर click करे और अपना favicon upload कर ले। 
  • फिर Save कर दें। 

और इस तरह आप अपना favicon icon blogger में add कर सकते हैं। 

Favicon कैसे बनाये -Youtube Video 


Note :- Blogger में favicon add करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखे कि  favicon किसी government agency का ना हो , ऐसा करने पर आपके ऊपर कार्रवाई भी हो सकती है। 
जैसे - SBI का जो logo है , आप उसे अपने blog के favicon में नहीं add कर सकते। इसीतरह कोई भी government agency /site का logo आप इस्तेमाल ना करें। 

तो दोस्तों यह थी जानकारी कि कैसे आप अपने blogger blog में favicon add करते हैं , और कैसे favicon बनाते हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको यह post जरूर मदद करेगी। 


यदि आपका कोई सवाल है या कोई सुझाव है तो हमें comment करके जरूर बताये। 
और इस post को जरूरत मंदों तक share जरूर करें। 

अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद।