जीएसटी से किसको फ़ायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुवा है ?

जीएसटी से किसको फ़ायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुवा है ?

 


नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि ( जीएसटी से किसको फ़ायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुवा है ?) और यह भी समझेंगे कि जीएसटी क्या है? और किन-किन सामानों में कितना जीएसटी लगता है? और जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं?


GST



जीएसटी क्या है?


जीएसटी यानी ( Goods and Services Tax)। यानी वस्तुओं में और सर्विसेज में जो टैक्स लगता है उसे हम जीएसटी कहते हैं। जीएसटी को भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया है और इसे टैक्स में और सुधार करने के लिए बनाया गया है।



यह एक देश एक टैक्स के सिस्टम को बढ़ावा देता है , इसका मतलब पूरे देश में  वस्तुओं के ऊपर एक ही टैक्स लगाया जाएगा इसलिए भी जीएसटी को लाया गया है।


जैसे आपका इलेक्ट्रॉनिक का दुकान है, आप टीवी बेचते हैं, तो उस पर 12% का टैक्स है चाहे आप मुंबई में रह रहे हैं या आप चेन्नई में रह रहे हैं,  आपको एक ही टैक्स लगेगा।


जीएसटी में पेट्रोलियम, अल्कोहल और नेचुरल गैस को छोड़कर लगभग सभी वस्तुओं को सामिल किया गया है।


जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं?


जीएसटी 4 प्रकार के होते हैं, एक है केंद्रीय जीएसटी जिसे हम (सीजीएसटी - CGST) कहते हैं दूसरा है राज्य जीएसटी जिसे हम (एसजीएसटी - SGST) कहते हैं और तीसरा है ( इंटीग्रेटेड जीएसटी) और चौथा है ( यूटीजीएसटी - UGST)। 


यूटीजीएसटी मतलब यूनियन टेरिटरी जीएसटी जहां पर उनकी अपनी विधानसभाएं नहीं होती है।


केंद्रीय जीएसटी   और यूटीजीएसटी को केंद्र सरकार  लागू करती है वहीं राज्य जीएसटी को राज्य सरकार लागू करती है।


लगभग सभी वस्तुओं में केंद्र सरकार और राज्य सरकार एक साथ मिलकर के जीएसटी लगाती है, और जो वस्तुएं जीएसटी से बाहर है उन कारोबारों को छोड़कर लगभग सभी में समान रूप से टैक्स लगाया जाता है।


जैसे,  इलेक्ट्रॉनिक सामान है,  तो उन पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार का एक ही तरह का जीएसटी रहता है,  वही जैसे पेट्रोलियम है , जिस पर जीएसटी नहीं लगाया जाता है, इसीलिए राज्य सरकार अपने अनुसार उन पर टैक्स लगाती है। और यही वजह है कि आपको हर एक राज्य में पेट्रोल का दाम अलग-अलग दिखाई देता है।


लेकिन अब आप पूछेंगे कि फिर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के जीएसटी में क्या अंतर है?


देखिए दोनों सरकार के अपने-अपने वस्तुएं हैं जिनपर वह टैक्स लगाते हैं 


जैसे केंद्र सरकार ,, किसी भी सामान के बनने के ऊपर टैक्स लगाती है ,, उन पर जो खर्च होता है उन पर टैक्स लगाती है,, उनका जो सर्विसेज होता है उन पर टैक्स लगाती है,, और फिर उनका जो ट्रांसपोर्टेशन होता है उन पर टैक्स लगाती है।


वही जो राज्य सरकार है ,, वह अपने स्तर पर सेल्स टैक्स लगाती है,, मनोरंजन का टैक्स लगाती है जैसे सिनेमा हो गया,, बिक्री के ऊपर टैक्स लगाती है,, अपने प्रदेश में आने पर टैक्स लगाती है,, लॉटरी के ऊपर टैक्स लगाती है,, सट्टा या जुआ इत्यादि जितने भी प्रोग्राम होते हैं उन पर टैक्स लगाती है।


तो इस तरह केंद्र सरकार के अंतर्गत जो आते है उन पर वे टैक्स लगते हैं, और जो राज्य सरकार के अंतर्गत आते है उन पर वे अपना टैक्स लगाते हैं,, इस तरह दोनों सरकारों का अलग-अलग टैक्सेशन सिस्टम हो जाता है।


किन वस्तुओं के ऊपर कितना टैक्स लगता है?


जीएसटी 0%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर कोई भी तरह का टैक्स नहीं लगता है, इनमें है अनाज, दूध, नमक, काजल नैपकिन, म्यूजिक के किताबें इत्यादि।


जीएसटी 5%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 5 % का जीएसटी टैक्स लगता है ,जैसे,, चाय पत्ती, चीनी, सस्ते कपड़े, जूते, चप्पल, अगरबत्ती, काजू, बायोगैस इत्यादि।


जीएसटी 12%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 12% का जीएसटी लगता है, जैसे मोबाइल, प्लास्टिक की माला, रेडियो लेंस, खाने के मुरब्बा इत्यादि।


जीएसटी 18 % ,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 18 % जीएसटी लगता है, जैसे,, टूथपेस्ट, कंप्यूटर ,टेबलेट खाने का तेल, इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे टीवी, कंप्यूटर इत्यादि।


जीएसटी 28%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 28% जीएसटी लगता है, जैसे,, मोटरसाइकिल,कार, ए .सी,  फ्रिज इत्यादि।


जीएसटी को वित्त मंत्रालय के द्वारा बढ़ाया भी जाता है और जीएसटी को घटाया भी जाता है, इसीलिए कई सामान जो बोहोत किफायती होते हैं तो उन पर ज्यादा जीएसटी लगाया जाता है और कई सामान की जरूरत जब बढ़ जाती है तो उन पर कभी-कभी जीएसटी को घटाया भी जाता है।


अब चलिए चलते हैं अपने मुख्य मुद्दे पर की जीएसटी से किसको फायदा हुआ और किसको नुकसान हुआ?


जीएसटी से किसको फायदा हुआ?


आप सभी को पता होगा कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा जो है वह केंद्र सरकार को हुआ है लेकिन किन-किन चीजों में हुआ है चलिए उसको हम समझ लेते हैं, 


 व्यापार मे,, व्यापार के लेनदेन से सरकार को बहुत ज्यादा मुनाफा हुआ है क्योंकि जीएसटी के आने से टैक्स लेना बहुत ही सरल हो गया है और इसमें नए-नए कंपनियां जुड़ने से बहुत ही ज्यादा टैक्स की वसूली होने लगी।


राज्य सरकार को भी जीएसटी लागू होने से बहुत ही ज्यादा फायदा हुआ है क्योंकि अब टैक्स लेने में पारदर्शिता आई है जिसके कारण राज्य सरकार को भी बहुत ज्यादा मुनाफा हो रहा है।


2023 के राजस्व संग्रह के अनुसार राज्य सरकार ने 98000 करोड़ का मुनाफा किया है, वहीं केंद्र सरकार ने 1 लाख 70 हज़ार करोड रुपए का मुनाफा किया है केवल जीएसटी से।


आम लोगों को भी,, जीएसटी आने से सामान के ले आने और ले जाने में लाभ हुआ है जिससे व्यापार में बढ़ोतरी हुई है और व्यापार तेजी से आगे बढ़ रही है।


जीएसटी से किसको नुकसान हुआ है?


जीएसटी से सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को हुआ है, क्योंकि जो दिन प्रतिदिन इस्तेमाल की जाने वाली चीजें हैं जैसे खाने का तेल, सरसों तेल,  उसपर 18 % टैक्स लिया जा रहा है, जो की गरीबों के लिए चिंता का विषय है, 18 % टैक्स बहुत ज्यादा हो जाता है क्योंकि गरीब जो है वही तेल नमक चीनी यही सब पर आश्रित रहते हैं ,किंतु सरसों के तेल के ऊपर 18 % टैक्स लेकर के गरीबों को और गरीब बनाने की कोशिश की जा रही है।


यहां तक की बैंकिंग सिस्टम के ऊपर भी 18 पर्सेंट टैक्स लिया जा रहा है जो कि पहले 15% था जिससे कि बैंकिंग सेवाएं और भी ज्यादा महंगी हो गई है और आम लोगों के ऊपर इसका बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है।


पेट्रोल के ऊपर जीएसटी ना लगने पर भी आम लोगों के ऊपर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है, क्योंकि लगभग 40 से 50 % टैक्स पेट्रोल के ऊपर लगाया जा रहा है, यदि यही जीएसटी रहता तो इस पर बहुत  कम टैक्स लगता ,तो पेट्रोल की कीमतें इतनी नहीं बढ़ जाती बल्कि बहुत ही कम रहती।


जिस पर जीएसटी लगाना चाहिए उसपर तो सरकार जीएसटी लगाती नहीं है, और जिस पर जीएसटी नहीं लगानी चाहिए उन पर सरकार जीएसटी लगती है ।


इस प्रकार सरकार जो है दो मुख होकर के नीतियां लागू करती है, सरकार सिर्फ अपना फायदा देखती है कि वह जानती है कि यदि पेट्रोल के ऊपर जीएसटी लगाएंगे तो मेरा मुनाफा नहीं होगा हम ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पाएंगे, इसलिए वह पेट्रोल के ऊपर जीएसटी नहीं लगाती है और वह जानती है कि खाने का समान हो गया,  इलेक्ट्रॉनिक सामान हो गया, और बाकी सब चीज हैं इन पर अगर टैक्स लगाएंगे तो हम ज्यादा मुनाफा कमाएंगे, बाकी उनको ना तो देशवासियों की चिंता है और ना ही सरकार को किसी की परवाह है।



कुल देखा जाए तो जीएसटी लाने का मकसद केवल और केवल सरकार को फायदा पहुंचाना है, पहले क्या होता था कि बिचौलिए लोग जो होते थे, टैक्स नहीं देते थे, लेकिन जीएसटी आने से सरकार को बहुत ज्यादा मुनाफा हुआ और आम लोगों को इस पर बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है।


 क्योंकि उनको आप टैक्स देना ही देना है वह किसी भी तरह से टैक्स देने से नहीं छुप सकते क्योंकि सारा कुछ डिजिटल हो गया है इसलिए हम लोग और ज्यादा गरीब हो रहे हैं खाने के लिए भी हमारे पास पैसे नहीं है ।


क्योंकि टैक्स से सामान की कीमतें बहुत ज्यादा हो गई है वही नौकरी नहीं है और ना ही पैसे कमाने का कोई जरिया है जिसपर अपना अपना घर चला सके , तो इस तरह से जीएसटी केवल सरकार को फायदा पहुंचाने वाली सिस्टम है, जो दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है पिछले साल 1 लाख 20 करोड रुपए टैक्स से वसूला गया और इस साल 1 लाख 70 करोड रुपए हो गए यानी साफ तौर पर देखा जा रहा है कि जीएसटी से सरकार को बहुत ज्यादा मुनाफा हो रहा है।


 वहीं आम लोग और ही गरीब होते जा रहे हैं तेल के दाम हो गया, बैंकिंग सिस्टम हो गया और भी ऐसी ऐसी चीजें हैं जिन पर टैक्स लगाया जा रहा है, खाने की चीज हैं जिन पर बहुत ज्यादा टैक्स लगाया जा रहा है, जो की बिल्कुल बर्दाश्त के बाहर है इसलिए मैं आपसे कहना चाहूंगा कि जीएसटी केवल और केवल सरकार को मुनाफा देने वाली टैक्सेशन सिस्टम है।


तो दोस्तों यह थी जानकारी की (जीएसटी से किसको फायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुआ है ?) मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी।  यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो जरूर हमें नीचे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूर अन्य लोगों तक शेयर करें ताकि उन्हें भी जीएसटी के ऊपर जानकारी मिल सके और वह सबकुछ समझ सके।  धन्यवाद।


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 क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए?

क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए?


नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए? यदि आप क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं या आप क्रेडिट कार्ड से संबंधित जानकारी जानना चाहते हैं, तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि क्रेडिट कार्ड की जरूरत क्यों होती है और कब आपको क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए। लेकिन उससे पहले हम जान लेते हैं कि क्रेडिट कार्ड क्या होता है?


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क्रेडिट कार्ड क्या होता है?


क्रेडिट कार्ड नाम से ही आप समझ गए होंगे कि ऐसा कार्ड जिसमें आपको क्रेडिट दिया जाता हो, यानी पैसे खर्च करने के लिए दिया जाता है, तो ऐसे कार्ड को हम क्रेडिट कार्ड कहते हैं जिसमें आपको पहले से ही पैसे खर्च करने के लिए दिया जाता है, और बाद में फिर उसके इंटरेस्ट के साथ पैसे वसूला जाता है।


क्रेडिट कार्ड आपको पैसे खर्च करने के लिए पहले से ही देती है, जब आप पैसे खर्च करते हैं एक समय सीमा तक आपको इंटरेस्ट नहीं लगता है, लेकिन जब एक समय सीमा तक आप पैसे नहीं जमा कर पाते हैं तो फिर आपको उसमें इंटरेस्ट लगने लगता है।


जैसे आप ₹1000  खर्च करते हैं क्रेडिट कार्ड से और क्रेडिट कार्ड का समय सीमा था एक महीने। यदि 1 महीने तक आप पैसे वापस नहीं करते हैं तो फिर आपको इंटरेस्ट देना पड़ेगा , तो जैसे ही एक महीने के बाद आप पैसा जमा करने जाते हैं तो फिर आपको 1000 के ऊपर इंटरेस्ट लगने लगता है। 


तो इस तरह क्रेडिट कार्ड की कंपनियां पैसे कमाती है और यही होता है क्रेडिट कार्ड का बिजनेस या आप इसे मॉडल भी कह सकते हैं।


क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए?


देखिए हर एक बैंक के क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग फीचर्स होते हैं, कोई बैंक आपको शॉपिंग करने पर ज्यादा का डिस्काउंट देते हैं और कोई बैंक आपको शॉपिंग करने पर बहुत काम का डिस्काउंट देते हैं, ज्यादातर बैंक आपको शॉपिंग करने पर ज्यादा डिस्काउंट देते हैं, ऐसा इसलिए ताकि वह अपने ग्राहक को लुभा सके और क्रेडिट कार्ड उसे दे सके।


यदि बैंक, शॉपिंग करने पर डिस्काउंट नहीं देगी तो कोई भी क्रेडिट कार्ड नहीं लेगा , इसीलिए बैंक शॉपिंग करने पर ज्यादा डिस्काउंट देती है, तो आप वैसा ही क्रेडिट कार्ड ले जो शॉपिंग करने पर आपको ज्यादा डिस्काउंट दे ताकि आपको भी ज्यादा फायदा हो।


तो यदि आप ऑनलाइन या ऑफलाइन ज्यादा शॉपिंग करते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड ले लेना चाहिए, ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप क्रेडिट कार्ड से ज्यादा का शॉपिंग करते हैं तो उसमें लगभग 5% तक का छुट दिया जाता है, जैसे यदि आप ऑनलाइन ₹10000 का शॉपिंग करते हैं तो उसका 5%, यानि ₹500 आपको छूट मिलता है। तो इसीलिए यदि आप ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग करते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड ले लेना चाहिए।।


लेकिन यहां पर बात आती है कि किस बैंक का क्रेडिट कार्ड ले, तो आप उस बैंक का क्रेडिट कार्ड ले जिस बैंक में ज्यादा ऑफर्स आते हैं और जिनके सालाना चार्ज भी कम हो, आपको पता होगा कि क्रेडिट कार्ड सालाना चार्ज लेती है जो कि लगभग ₹1000 तक होती है, यदि आप एसबीआई की बात करें तो वह लगभग 900 से ₹1000 तक सालाना चार्ज लेती है क्रेडिट कार्ड के ऊपर।


जब आप अमेजॉन, फ्लिपकार्ट या किसी भी ऑनलाइन शॉप से सामान खरीदते हैं तो आप वहां पर देखे होंगे कि नीचे डिस्काउंट का ऑप्शन रहता है कि इस क्रेडिट कार्ड से खरीदने पर 10% का डिस्काउंट, इस बैंक के क्रेडिट कार्ड से खरीदने पर 15% का डिस्काउंट. तो इन क्रेडिट कार्ड को लेने का यही फायदा होता है कि जब आप शॉपिंग करते हैं तो आपको डिस्काउंट मिलता है, लेकिन अमेजॉन में आप देख ले की किस बैंक का क्रेडिट कार्ड पर डिस्काउंट दिया जाता है, तो आप यदि अमेजॉन से शॉप करते हैं तो आप जरूर उसी का क्रेडिट कार्ड खरीद लें ताकि आपको और ज्यादा फायदा हो।


यदि आप इंटरनेशनल शॉपिंग करते हैं तब भी आप क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं क्योंकि क्या होता है कि एटीएम से और फोन पर से या वॉलेट से हम इंटरनेशनल शॉपिंग नहीं कर पाते हैं, किन्तु क्रेडिट कार्ड से हम इंटरनेशनल शॉपिंग कर पाते हैं इसलिए यदि आप इंटरनेशनल शॉपिंग करना चाहते हैं तो आप क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं।


या पेपल (paypal ) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन paypal का इस्तेमाल करने से नुकसान यह होता है कि उसमें आपकी सारी जानकारी दी हुई होती है , और paypal वाले क्या करते हैं, की आपकी सारी जानकारी को बेंच देते हैं क्योंकि वह तो है फॉरेन कंट्री में, इसीलिए उन्हें पैसे कमाना होता है, इसलिए आपका डाटा को बेंच देते हैं . इसलिए paypal उतना सुरक्षित नहीं है लेकिन यदि आप इमरजेंसी में है और आपको इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करना है तो उसके लिए paypal का इस्तेमाल कर सकते हैं और नहीं तो सबसे अच्छा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें।


क्रेडिट कार्ड कब नहीं लेना चाहिए?


यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग नहीं करते हैं या ऑफलाइन ज्यादा शॉपिंग नहीं करते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड नहीं लेना चाहिए ऐसा इसलिए क्योंकि क्रेडिट कार्ड लेने पर आपको इंटरेस्ट देना होगा और फिर सालाना कार्ड का पैसा देना होगा।


इसलिए यदि आप एटीएम से पे करते हैं या आप कैश पे करते हैं तो आपको फिर क्रेडिट कार्ड नहीं लेने की जरूरत है।


ज्यादातर बैंक वाले क्या करते हैं, वह देखते हैं कि किसके अकाउंट में ज्यादा पैसा है और फिर उसके अनुसार से वह लोगों को कॉल करते हैं और बोलते हैं कि आप क्रेडिट कार्ड ले लीजिए , आपको शॉपिंग करने पर फायदा होगा, आप जितना ज्यादा सामान खरीदेंगे उतना ज्यादा आपको फायदा होगा लेकिन आप ऐसे लालचों में ना आए क्योंकि यह आपको फसाने का तरीका होता है,


ताकि आप उसके जाल में फँस सके और क्रेडिट कार्ड ले सके और फिर जब आप पैसे नहीं दे पाए तो इंटरेस्ट के रूप में आप उसे और ज्यादा पैसा देते रहें, तो यह एक जाल होता है बैंकों के द्वारा जो बड़े-बड़े पूंजी लोगों को क्रेडिट देकर के उन्हें बेवकूफ बनाते हैं।


यदि आप स्टूडेंट है तब भी आप क्रेडिट कार्ड न लें क्योंकि यदि आप स्टूडेंट है और यदि आप पैसे नहीं जमा कर पाए टाइम पर, तो इंटरेस्ट आपको देना पड़ेगा और आपका सर दर्द और ज्यादा बढ़ जाएगा इसलिए यदि आप स्टूडेंट है तो बिल्कुल भी क्रेडिट कार्ड न लें।


यदि आप महीने का 15 से ₹20000 कमाते हैंऔर आप क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं तो भी आप बिल्कुल ना लें ऐसा इसलिए क्योंकि आपका तो मन करेगा कि हम ज्यादा का सामान खरीद लें और लुभाने के चक्कर में या फिर किसी को दिखाने के चक्कर में आप सामान खरीद लेंगे ज्यादा का और फिर आप उसे ब्याज के तौर पर भरते रहेंगे इसलिए क्रेडिट कार्ड के लालच में ना आए और जितना भी आप पैसे कमा रहे हैं उसको बचा करके रखें और हो सके तो आपको जब जरूरत पड़ता है सामान लेने की तो ऑफलाइन ले ले या फिर एटीएम के द्वारा शॉपिंग कर ले या फोन से शौपिंग कर ले , जो भी आपके पास है उसे आप शॉपिंग कर ले। लेकिन क्रेडिट कार्ड से ना करें .


क्रेडिट कार्ड रहने पर हम तो सोचते हैं कि मेरे पास अभी एक महीने का टाइम है, एक महीने में हम दे देंगे ना क्या हो जाएगा, 1 महीने के बाद हम पेमेंट कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं होता है, कभी-कभी हमारे सिचुएशंस ऐसे हो जाते हैं कि हम पैसे नहीं दे पाते हैं, और फिर जब इंटरेस्ट बढ़ता है तो वह इतना बढ़ जाता है कि फिर हम देने के लिए सोचते रहते हैं.


आपको पता होगा कि क्रेडिट कार्ड का इंटरेस्ट बहुत ज्यादा होता है इसीलिए एक बार यदि आप पैसे नहीं दे पाए तो फिर आपका इंटरेस्ट बढ़ता ही रहता है , बढ़ता ही रहता है इसलिए इसके चंगुल से बचें यदि आपके पास कम पैसे हैं तो आप बिल्कुल भी क्रेडिट कार्ड न लें।


क्या आप अब भी क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं?


यदि आप ऊपर में बताए गए सारी चीजों को जानते हुए भी क्रेडिट कार्ड लेना चाहते हैं तो मैं उसके लिए कुछ क्रेडिट कार्ड का नाम दे दिया हूँ , जिसे आप ले सकते है.


HDFC Bank Credit Card


IndusInd Bank Credit Card


Axis Bank Credit Card


Kotak Bank Credit Card


नोट :- यदि आप क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड से दी हुई सारी जानकारी को जरुर पढ़ ले कि उसका महीने का चार्ज, उसका सालाना चार्ज कितना है, और फिर कितने दिनों तक हमसे इंटरेस्ट नहीं लेंगे और कितने दिनों बाद में अपना इंटरेस्ट लेना चालू करेंगे और कितना पर्सेंट वह इंटरेस्ट लेंगे यह सब सारी जानकारी आप जरूर पढ़ लें उसके बाद ही आप निर्णय करें कि आपको कौन सा क्रेडिट कार्ड लेना है।


मैं अपने अनुभव से बता रहा हूं कि मैंने कई लोगों को देखा है कि उन्हें क्रेडिट कार्ड दे दिया जाता है बैंक के द्वारा , लेकिन उन्हें पता नहीं होता है कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हम कैसे करें, हम कैसे इसको इस्तेमाल कर सकते हैं, कैसे उसके पैसे को रिटर्न कर सकते हैं . उनको यहां तक भी पता नहीं होता है.


इसलिए यदि आप क्रेडिट कार्ड ले रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड से संबंधित सारी जानकारियां ले लें कि कैसे हम उसको इस्तेमाल करें , कैसे उसका पैसा जमा करना है , क्या पैसा अपने आप कट जाएगा मेरे बैंक अकाउंट से या हमको खुद से जाकर के जमा करना है, यह सब सारी जानकारियां ले ले और फिर जो है कि उसका क्रेडिट कार्ड ले.


और यह भी सुनिश्चित करें कि जिससे आप क्रेडिट कार्ड ले रहे हैं क्या उसका मोबाइल ऐप है या नहीं है या डायरेक्ट वह बैंक के द्वारा कंट्रोल होती है इस तरह की पूरी जानकारी आप ले ले उसके बाद ही आप क्रेडिट कार्ड ले।


तो दोस्तों यह थी जानकारी की (क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए) मुझे उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आया होगा यदि आपका कोई सवाल यह सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूर दूसरे लोगों तक भी शेयर करें ताकि उन्हें भी मालूम पड़ सके कि क्रेडिट कार्ड हमें लेना चाहिए या नहीं लेना चाहिए.


बहुत-बहुत धन्यवाद


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ग्रोमो ऐप रियल है या फेक है ? क्या ग्रोमो ऐप से पैसे कमा सकते हैं?

ग्रोमो ऐप रियल है या फेक है ? क्या ग्रोमो ऐप से पैसे कमा सकते हैं?

नमस्कार दोस्तों आपका अनेकरूप में स्वागत है. आज हम ग्रोमो ऐप के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि ( क्या ग्रोमो ऐप रियल है या फेक है ?  क्या ग्रोमो से पैसे कमा सकते हैं?) लेकिन उससे पहले हम ग्रोमो ऐप के बारे में थोड़ा सा जान लेते हैं।


Gromo app is real or fake



ग्रोमो ऐप क्या है?


ग्रोमो ऐप एक फाइनेंशियल ऐप है जो की प्रोडक्ट को रेफर करने पर पैसे देती है और उनके सभी प्रोडक्ट बैंकिंग और फाइनेंस से जुड़े होते हैं. 


जैसे यदि किसी को एक्सिस बैंक में अपना अकाउंट खोलना है और आपने ग्रोमो के द्वारा उनका बैंक अकाउंट खुलवा दिया तो उसके लिए आपको पैसे दिए जाएंगे।


ग्रोमो ऐप इसी मॉडल पर काम करती है, जब आप किसी को बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस रेफर करके खुलवाते हैं तो उसके लिए आपको पैसे मिलते हैं।


ग्रोमो ऐप में रेफर आप व्हाट्सएप के द्वारा, मैसेंजर के द्वारा या फिर लिंक को शेयर करके भी कर सकते हैं।


ग्रोमो ऐप रियल है या फेक है ?


कई लोगों के मन में यह प्रश्न होगा कि क्या ग्रोमो ऐप सच में पैसे देती है या कोई फेक ऐप है। लेकिन मैं आपको कहना चाहता हूं की ग्रोमो ऐप सच में पैसे देती है , जब आप किसी दूसरे को रेफर करते हो तो आपको यहां पर पैसे मिलते हैं।


और यदि आपको टेस्ट करना है कि क्या ग्रोमो ऐप सच में पैसे देती है तो इसके लिए आप अपने किसी घर के सदस्य को व्हाट्सएप के द्वारा रेफर करके उनका बैंक अकाउंट खुला करके देख सकते हैं या फिर कोई क्रेडिट कार्ड दिलवा करके देख सकते हैं जिससे आप संतुष्ट हो जाएंगे कि सच में ग्रोमो ऐप आपको पैसे देती है।


क्या ग्रोमो ऐप से पैसे कमा सकते हैं?


ग्रोमो ऐप से आप पैसे जरुर कमा सकते हैं। इसके लिए आपको ऐप में दिए गए प्रोडक्ट्स को रेफर करना है और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उनके प्रोडक्ट को पहुंचा करके बेचना है। जब आप प्रोडक्ट को बेचने में सफल हो जाते हैं तो आपको फिर उसके पैसे दिए जाते हैं।


किंतु यहां पर आपको समझना होगा की ग्रोमो में सभी प्रोडक्ट फाइनेंस से जुड़े हैं इसीलिए आप ऐसे लोगों को रेफर करें जो फाइनेंस से जुड़े प्रोडक्ट को खरीदना चाहते हैं या फिर जिनकी फाइनेंशियल जरूरत है।


जैसे किसी को पर्सनल लोन लेना हो, किसी को बैंक अकाउंट खुलवाना हो, किसी को क्रेडिट कार्ड लेना हो किसी को इंश्योरेंस लेना हो इत्यादि.


ग्रोमो में आपको ऐसे ही प्रोडक्ट मिलेंगे जिसे आपको दूसरों तक पहुंचाना है और बेचना है या आप ग्रोमो ऐप को भी किसी दूसरे को शेयर करके पैसे कमा सकते हो। यदि आप ग्रोमो ऐप को डाउनलोड करना चाहते हैं तो उसका लिंक मैंने नीचे दे दिया है।


( Download ग्रोमो ऐप )


ग्रोमो ऐप में रेफर करने का कितना पैसा मिलता है?


ग्रोमो में अलग-अलग प्रोडक्ट्स के अलग-अलग पैसे मिलते हैं।


जैसे यदि आप किसी को क्रेडिट कार्ड सेल करते हैं तो आपको लगभग ₹3500 मिलते हैं,

 यदि आप किसी को पर्सनल लोन दिलाते हैं तो आपको उसे लोन का 4 से 5% मिलता है ,

और यदि आप किसी का सेविंग अकाउंट खुलवा देते हैं तो आपको लगभग ₹1300 मिलते हैं,

 और यदि आप किसी का डिमैट अकाउंट खुलवा देते हैं तो आपको लगभग 1750 रुपए मिलते हैं,

 और यदि कोई इंवेस्टमेंट आप कर देते हैं तो लगभग ₹1200 मिलते हैं,

  यदि आप यूपीआई रेफर करते हैं जैसे पेटीएम तो आपको ₹100 तक मिलते हैं ,

और ग्रोमो ऐप को रेफर करते हैं किसी दूसरे व्यक्ति को तो आपको लगभग ₹1100 मिलते हैं।


इसके अलावा आपको और भी पैसे मिलते हैं। ग्रोमो में प्रोडक्ट्स को कैसे बेचना है उसके लिए भी ट्रेनिंग दिया गया है जिसे देखकर भी आप पैसे कमा सकते हैं ।

जितना ज्यादा आप ट्रेनिंग करेंगे उसके अनुसार आपको पैसे दिए जाएंगे लेकिन ट्रेनिंग के लिए आपको बहुत कम पैसे दिए जाएंगे वह सिर्फ सीखने के लिए आपको प्रेरित करने के लिए दिए जाएंगे।


ग्रोमो में कई तरह का क्रेडिट कार्ड है, कई कंपनियों का क्रेडिट कार्ड आप सेल करके पैसे कमा सकते हैं जैसे एसबीआई का भी है और भी बहुत सारे बैंकों का है ।


पर्सनल लोन भी लगभग सभी बैंकों का है। जिस बैंक का पर्सनल लोन देना हो,  तो आप उसे उस बैंक के द्वारा भी दिलवा सकते हैं।


 सेविंग अकाउंट भी बहुत सारे बैंकों का आप खुलवा सकते हैं,  डिमैट अकाउंट भी बहुत सारे डीमैट बैंकों द्वारा खुलवा सकते हैं । जैसे अप स्टॉक और एंजेल वन इत्यादि यूपीआई पेटीएम के द्वारा भी आप इन्वेस्टमेंट करवा सकते हैं । और ग्रोमो ऐप को भी आप रेफर करके पैसे कमा सकते हैं।


कहने का अर्थ है कि यहां पर पैसे कमाने का साधन बहुत सारे हैं,  बहुत सारे ऑप्शंस हैं। आप यदि  दिल से चाहे तो आप महीने का लगभग 50000 से ₹100000 तक इसमें कमा सकते हैं।  इसमें थोड़ा समय लग सकता है आपको आगे बढ़ने में किंतु एक बार जब आप अपना क्लाइंट बना लेंगे , एक बार आप मार्केट में आ जाएंगे उतर जाएंगे तो फिर आपके लिए आसान हो जाएगा।


 शुरुआत में हो सकता है कि आप किसी को रेफर करें और वह अकाउंट नहीं खुलवाए,  लेकिन जैसे जितना जितना आप रेफर करेंगे जितना जितना दोस्तों के पास आप रेफर करेंगे और उसके अनुसार ही आपको उतना ज्यादा पैसा मिलते जाएगा।


कहां कहां रेफर कर सकते हैं इसके प्रोडक्ट को?


ग्रोमो के प्रोडक्ट को आप किसी भी सोशल मीडिया साइट पर रेफर कर सकते हैं जैसे व्हाट्सएप हो गया फेसबुक हो गया ट्विटर हो गया इंस्टाग्राम हो गया और यदि आप अपना वेबसाइट चलाते हैं, ब्लॉगिंग करते हैं, तो आप वहां पर भी इनको रेफर कर सकते हैं या चाहे तो आप यूट्यूब पर भी इनका वीडियो बना करके नीचे डिस्क्रिप्शन में लिंक डाल करके रेफर कर सकते हैं।


और आप चाहे तो लिंक शेयर करके भी रेफर और earn कर सकते हैं।


ग्रोमो का कस्टमर सपोर्ट कैसा है?


किसी भी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए कस्टमर सपोर्ट बेहतर होना बहुत जरूरी है और जब आप ग्रोमो के कस्टमर से बात करेंगे तो वह आपको जरुर मदद करेंगे आपको जरूर आगे बढ़ाने में प्रोत्साहन करेंगे ।

इसका कस्टमर सपोर्ट सोमवार से शनिवार सुबह से शाम तक होता है। मैं आपको इसका नंबर दे दे रहा हूं आप चाहे तो इनसे बात करके भी हेल्प ले सकते हैं।


ग्रोमो कस्टमर सपोर्ट नंबर -  +911246933315 or 1246933315


क्या ग्रोमो विदेशी कंपनी है या भारतीय कंपनी है?


ब्रोमो एक भारतीय कंपनी है जिसे अंकित खंडेलवाल ने स्थापित किया है और यह कंपनी (IRDAI) से प्रमाणित है यानी यह एक  रजिस्टर्ड कंपनी है।


इस ऐप के प्ले स्टोर पर 4.4 रेटिंग है। और काफी अच्छा रिव्यू इस ऐप को दिया गया है.


ग्रोमो ऐप से पैसे कैसे निकाले?


यदि आपके ग्रोमो ऐप पर पैसे हैं तो आप उसे डायरेक्ट अपने बैंक खाता के द्वारा निकाल सकते हैं । जिसके लिए आपको अपने बैंक खाते का डिटेल्स देना होगा । डीटेल्स को पूरा करने पर ग्रोमो की टीम आपके बैंक खाते में छोटा अमाउंट भेजेगा जांच करने के लिए, कि बैंक अकाउंट आप ही का है या किसी और का है और फिर वह बैंक अकाउंट ग्रोमो में लिंक हो जाएगा फिर जब भी आपके पास काम से कम ₹100 होंगे तो आप उन पैसों को ग्रोमो के द्वारा अपने बैंक खाते में  ले पाएंगे।


जब भी आप कोई प्रोडक्ट सेल करते हैं तो उसके पैसे आपको तुरंत नहीं मिलते हैं उसके पैसे आने में लगभग 10 दोनों का टाइम लग जाता है,  इसीलिए जब आप कोई प्रोडक्ट सेल करें तो तुरंत यह फैसला ना ले लें की ग्रोमो ऐप ने मुझे पैसा नहीं दिया बल्कि 10 दिनों तक इंतजार करें क्योंकि ग्रोमो ऐप को प्रोसेसिंग के लिए 10 दोनों का टाइम लगता है और फिर 10 दोनों के बाद पैसे को आपके ग्रोमो में अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता  है।  इसीलिए 10 दोनों का आप वेट करें.


क्या ग्रोमो एक सक्सेसफुल करियर साबित हो सकता है?


यदि ग्रोमो को आप अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो  बना सकते हैं किंतु इसमें मैं यह कहना चाहूंगा कि ग्रोमो में जो ऑफर आते हैं वह दिन प्रतिदिन बदलते जाते हैं इसलिए केवल गोमो के ऊपर सहारा करना यह सही नहीं है किंतु आप गमो को एक पार्ट टाइम जॉब बना सकते हैं जिसे करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं।


जहां तक करियर का सवाल है तो ग्रोमो के अलावे आप जिस फील्ड में काम कर रहे हैं उसी फील्ड में बने रहें और पार्ट टाइम के रूप में इसे आप कर सकते हैं।


( डाउनलोड ग्रोमो ऐप )


तो दोस्तों यह थी जानकारी ग्रोमो ऐप के बारे में कि ( ग्रोमो ऐप रियल है या फेक है?  और क्या आप ग्रोमो ऐप से पैसे कमा सकते हैं ) मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.  यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें जरूर नीचे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूर अन्य लोगों तक शेयर करें ताकि उन्हें भी फायदा हो सके और वह भी घर बैठे काम कर सके और पैसे कमा सके।


धन्यवाद।


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विदेशी निवेश किसे कहते हैं ? क्या भारत को विदेशी निवेश की जरूरत है?

विदेशी निवेश किसे कहते हैं ? क्या भारत को विदेशी निवेश की जरूरत है?

 विदेशी निवेश किसे कहते हैं?

जब किसी दूसरे देश के द्वारा अपनी देश में अनुमति दी जाती है कि वह अपने देश में आकर के पैसे लगाए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाएं कंपनी बनाएं फैक्ट्रियां खोलें ताकि देश में विकास हो सके इसे ही हम विदेशी निवेश कहते हैं।

Videshi nivesh


ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी देश के पास पूरे संसाधन नहीं होते हैं, सभी देश में कुछ ना कुछ कमियां होती है जैसे भारत में पेट्रोल की कमी है, विदेश में खाने की कमी है , तो उसकी पूर्ति के लिए एक देश दूसरे देश को न्योता देता है कि वह मेरे देश में आए और हमारे देश में जो कमी है उसकी पूर्ति करें, इसको भी हम आसान शब्दों में विदेशी निवेश कहते हैं।

यदि भारत की बात करें तो भारत 1990 से विदेशी निवेश के ऊपर बल दे रहा है और यह विदेशी निवेश ही है जिन्होंने भारत को 1990 के दशक में आर्थिक रूप में गिरने से बचाया था।

विदेशी निवेश कितने प्रकार के होते हैं?

विदेशी निवेश दो प्रकार के होते हैं पहला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और दूसरा पोर्टफोलियो विदेशी निवेश

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किसे कहते हैं?

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी ऐसा निवेश जिसमें जमीन मशीन और बड़ी कंपनियों के ऊपर विदेश के द्वारा निवेश किया जाता हो।

जो विदेशी कंपनियां है वह स्वदेशी कंपनिया के साथ मिलकर आपस में कुछ हिस्सेदारी करके कंपनी को आगे बढ़ाते हैं जिससे कि देश में विकास होता है और देश पैसे कमा पाती है।

उदाहरण के तौर पर आप हीरो होंडा कंपनी के द्वारा समझ सकते हैं कि हीरो जो है वह स्वदेशी कंपनी है, और जो होंडा है वह विदेशी कंपनी है । इन दोनों ने बहुत साल पहले मिलकर के हीरो होंडा कंपनी बनाई थी जिसमें इन दोनों का एग्रीमेंट हुआ था की कुछ शेयर हम आपस में बांट लेंगे और कंपनी को चलाएंगे और कंपनी को आगे बढ़ाएंगे और फिर एक समय सीमा के बाद हम दोनों कंपनियां अलग हो जाएंगे जब हमारा कर्तव्य पूरा हो जाएगा।

इस तरह का निवेश एफडीआई के अंतर्गत आता है और ऐसे निवेश बहुत ही लंबे समय के लिए होते हैं और इसमें दोनों देशों के बीच एक अच्छा संबंध भी बनता है।

पोर्टफोलियो विदेशी निवेश क्या होता है?

इस तरह के निवेश को आप म्युचुअल फंड के द्वारा भी समझ सकते हैं। जिस तरह म्युचुअल फंड में हम कंपनी के किसी भाग को खरीदने हैं , इसी तरह विदेशी निवेशों के द्वारा कंपनी के किसी भाग को खरीद लिया जाता है जिसमें उसकी कुछ परसेंटेज में लाभ की गारंटी दी जाती है।

इस तरह का निवेश ज्यादातर शेयर मार्केट के द्वारा होता है और ऐसे निवेश को (पीएफआई) के अंतर्गत शामिल किया जाता है. .

इस तरह का निवेश सरकारी पेपर बनाने पर किया जाता है और इसमें टैक्स भी लगाए जाते हैं। ऐसे निवेश ज्यादा लंबे समय के लिए नहीं होता है और ज्यादातर ऐसे निवेश में लोग फायदा मिलते ही चले जाते हैं।

आप इसको आसान शब्दों में समझ सकते हैं कि जब विदेशों से भारत के कंपनी के किसी भी शेर को खरीदा जाए तो उसे पोर्टफोलियो निवेश कहा जाता है।

 क्या भारत को विदेशी निवेश की जरूरत है?

भारत ने अपने अर्थव्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए कई सारे योजनाओं की शुरुआत की है, जैसे - मेक इन इंडिया और जीएसटी टैक्स लगाना. फिर भी भारत के अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं आया है यह अभी भी मंदिर की चपेट में है।

ऐसा इसलिए क्योंकि आज भी बेरोजगारी और किसानों का आर्थिक विकास ना हो पाना भारत में गरीबी बढ़ना और रोजगार ना मिल पाना।

इसका अन्य एक कारण यह भी है कि बहुत से पूंजी पति लोग एनपीए होने के कारण देश छोड़कर के चले गए हैं वह बैंकों से हजारों करोड रुपए लेकर के इस देश को छोड़कर के चले गए हैं जिसके कारण देश में पैसों की कमी हो रही है और जिसे गरीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

ऐसे ही चुनौतियों को दूर करने के लिए भारत में विदेशी निवेश जरूरी है। जैसे - हाल ही में ऐपल ने भारत में अपना कार्यालय शुरू किया है। ऐसे ही विदेशी मोबाइल कंपनी , इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां और मोटर कंपनियां भी भारत में आकर के निवेश कर रहे हैं और भारत को आर्थिक रूप से मजबूत कर रहे हैं।

और इसलिए भी भारत में विदेशी निवेश की जरूरत है क्योंकि यहां पर नए-नए और बड़े-बड़े कारोबार उत्पन्न नहीं हो पा रहे हैं केवल गिने चुने नाम एक दो नाम अंबानी अडानी बिरला टाटा यही चार-पांच प्रमुख कंपनियां है जो उच्च स्तर पर लोगों को नौकरियां दे पा रही है और भारत को मुनाफा दे पा रही है बाकी इसके अलावा सभी छोटे-छोटे कंपनियां हैं जो भारत को उतना ज्यादा फायदा नहीं दे पा रहा है और ना ही नौकरी दे पा रहा है।

विदेशी निवेश के क्या-क्या लाभ है?

विदेशी निवेश के बहुत सारे लाभ है जिनमें से कुछ मैं आपको बता रहा हूं सबसे पहले लाभ है,

  कि यहां के लोगों को रोजगार मिलती है ।

 दूसरा जो लाभ है कि लोग स्किल बनते हैं लोग विदेश के हुनर को सीख पाते हैं।

 तीसरा जो लाभ है कि भारत को टैक्स के रूप में पैसे मिलते हैं और भारत की अर्थव्यवस्था सुधरता है।

 चौथा जो लाभ है की ज्ञान का आदान-प्रदान होता है जिससे लोग विदेशी शिक्षा भी सीख पाते हैं आधुनिक शिक्षा सीख पाते हैं।

आज भारत को विदेशों से फाइटर जेट खरीदनी पड़ रही है जिसमें करोड़ों रुपए खर्च हो जाते हैं यदि वही फाइटर जेट भारत में बनते तो आज भारत को खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती और फिर भारत भी दूसरे देशों को बेच पाता ।

तो कहने का अर्थ यही है कि जब लोग आपके देश में समान आकार के बनाते हैं वहां पर अपना सेटअप करते हैं तो लोगों को शिक्षा मिलती है लोगों को विदेश का ज्ञान मिलता है जिससे वह खुद से अपने देश में उस चीज का उत्पादन कर पाते हैं और फिर स्वयं से उस चीज का निर्माण कर देश को आगे बढ़ा पाते हैं।

विदेशी निवेश से क्या-क्या हानि होती है?

विदेशी कंपनियों से सबसे ज्यादा हानि यहां के स्वदेशी घरेलू कंपनियों को होती है जो खुद से सामान का निर्माण करते हैं । ऐसे में जब विदेशी कंपनियां आती है तो वह बड़ी तेजी से आगे जाती है और फिर ऐसे घरेलू कंपनियों को पीछे छोड़ जाती है। ऐसे में विदेशी कंपनियों से छोटे कंपनियों को बहुत ज्यादा नुकसान होता है और यह छोटे कंपनियां छोटा ही बनाकर के रह जाती है।

हालांकि विदेशी निवेश से सरकार को बहुत ज्यादा मुनाफा होता है किंतु इससे आम लोग और छोटे-छोटे कंपनियां बहुत ज्यादा प्रभावित होती है इसमें लोगों को रोजगार उतना ज्यादा नहीं मिल पाता और ज्यादातर मशीनों का इस्तेमाल होता है। जिससे भी लोग बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं, और आर्थिक रूप से गरीब होते हैं।

विदेशी निवेश से यह भी खतरा है कि विदेश के लोग ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं और यहां के धन को अपने देश ले जाते हैं और फिर वह वहां पर अपने देश को सुंदर और अमीर बनाते हैं।

भारत में विदेशी निवेश के कुछ नाम

आज ज्यादातर भारत के सरकारी कंपनियों को विदेशी निवेश के अंदर दे दिया गया है जिसमें से प्रमुख नाम है-

 कोयला खनन यानी कोल इंडिया , सड़क बनाना भारत में जो रोड बनते हैं वह भी विदेशों को दे दिया गया है.

 पर्यावरण नियंत्रण वह भी विदेश के हाथों में है . प्रिंट मीडिया वह भी विदेश के हाथों में. पैट्रोलियम . रिफायनिंग . हवाई अड्डे और फाइव स्टार होटल. चाय का बागान ऐसे कई सारी सरकारी कंपनियों को विदेश के हाथों में दिया जा चुका है।

यहां तक की अब रेलवे को भी विदेशी निवेश के अंतर्गत दे दिया गया है और मेडिकल्स में फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में विदेशी निवेश कर दिया गया है।

हाल ही में एयर इंडिया को भी विदेशी निवेश के अंतर्गत लाने की बात हो रही है।

यदि भारत में विदेशी निवेश के आंकड़ों की बात की जाए तो यह 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है यानी भारतीय रुपयों में 4 लाख करोड़। और यह 2020 का आंकड़ा है। 

जहां देश आत्मनिर्भर भारत की बात करता है वही अंदर ही अंदर यह विदेशी निवेश को बढ़ावा देता है यहां पर आत्मनिर्भर होने की कोई बात नहीं है क्योंकि सारे सरकारी कंपनियों को विदेश के हाथों में दिया जा चुका है और अभी भी दिया जा रहा है ।

अब प्रिंट मीडिया भी हो सकता है कि विदेश के हाथ में हो और कॉलेज भी विदेश के हाथ में हो यहां तक कि हमारे ऑफिसर्स भी विदेश के हाथों में हो ऐसा भी हो सकता है।

 इसलिए यह कहना कि आत्मनिर्भर भारत है यह बिल्कुल भी गलत है क्योंकि सारी कंपनियां अभी विदेश के अंतर्गत आ रही है विदेशी निवेश के अंतर्गत आ रही है।

लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि भारत अभी तेजी से सबसे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था साबित हो रही है और निरंतर सुधार हो रहा है लेकिन इसमें यह ध्यान रखने की बात है कि विदेशी नीति को मजबूत किया जाए और लोगों को ज्यादा से ज्यादा नौकरी दी जाए ताकि भारत के लोगों में भी आर्थिक रूप से सुधार हो ना कि केवल पैसों में सुधार हो बल्कि लोग भी मजबूत बने और भारत के साथ-साथ भारत के लोगों के पास भी धन आए न केवल सरकार के पास धन आए बल्कि भारत के लोगों के पास भी धन आए।

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बैंक की रॉबरी से बचें, safe banking करें।

एसबीआई कैशबैक कार्ड के बारे में पूरी जानकारी। आसान शब्दों में।

एसबीआई कैशबैक कार्ड के बारे में पूरी जानकारी। आसान शब्दों में।

  नमस्कार दोस्तों आपका anekroop में स्वागत है। आज के इस पोस्ट में हम SBI कैशबैक कार्ड के बारे में जानेंगे । यदि आप SBI कार्ड लेना चाहते हैं या उसके बारे में जानना चाहते हैं तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है इस पोस्ट में हम SBI कैशबैक कार्ड के बारे में पूरी जानकारी जानेंगे ताकि आप अच्छे से इस कार्ड के बारे में समझ सके और फिर इसे लेना है या फिर नहीं लेना है, निर्णय कर सकें।

Sbi cashback card



एसबीआई कैशबैक कार्ड इस नाम से ही आप समझ गए होंगे कि इस कार्ड के द्वारा आप कैशबैक प्राप्त कर सकते हैं यानी पैसे प्राप्त कर सकते हैं। इस कार्ड से जब आप ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग करेंगे तो आपको 5% ऑनलाइन शॉपिंग पर और 1% ऑफलाइन शॉपिंग पर कैशबैक मिलेगा।


उदाहरण यदि आप ऑनलाइन 500 का सामान खरीदते हैं तो आपको ₹25 कैशबैक के रूप में मिलेंगे यानी आपको ₹25 छूट दे दी जाएगी या आपके कार्ड में ऐड कर दी जाएगी।


इस तरह यदि आप ऑफलाइन किसी मार्केट से एसबीआई कैशबैक कार्ड का उपयोग करके सामान खरीदेंगे तो आपको एक परसेंट का छूट मिलेगा यानी आप ₹1000 का सामान खरीदेंगे तो आपको ₹10 छूट मिलेंगे।


तो इस तरह आप एसबीआई कैशबैक कार्ड का प्रयोग कर पैसे प्राप्त कर सकते हैं।


कौन एसबीआई कैशबैक कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं?


यदि आप महीने के 20000 या उससे अधिक कमाते हैं तो आप एसबीआई कैशबैक कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। चाहे आप सरकारी नौकरी करते हैं या फिर आपका बिजनेस है, आपकी मंथली इनकम ₹20000 से अधिक होनी चाहिए।


एसबीआई कैशबैक कार्ड अप्लाई करने के लिए आपकी आयु कम से कम 21 वर्ष की होनी चाहिए और अधिक से अधिक 60 वर्ष की होनी चाहिए।


एसबीआई कैशबैक कार्ड की फी कितनी लगती है?


एसबीआई कैशबैक का कार्ड की जॉइनिंग फी 999 रुपए प्लस जीएसटी है। और इसका सालाना फी पहले साल में नहीं लगेगी और फिर अगले साल से वही 999 प्लस जीएसटी रुपए लगेगी।


यदि आप सालाना ₹200000 से अधिक का शॉपिंग करते हैं तो फिर आपको सालाना फी नहीं लगेगी।


किसके लिए है एसबीआई कैशबैक कार्ड


एसबीआई कैशबैक कार्ड उन लोगों के लिए है जो इंटरनेट से बहुत ज्यादा शॉपिंग करते हैं। यदि आप इंटरनेट के द्वारा बहुत ज्यादा शॉपिंग करते हैं तो आपको एसबीआई कैशबैक कार्ड जरूर लेना चाहिए क्योंकि इसको लेने से आपको 5% की छूट हर एक वस्तु खरीदने में मिलेगी और यदि आप सालाना 2 लाख से ज्यादा रुपयों का ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो यह कार्ड आपको जरूर लेनी चाहिए, इसे लेने से आपके बहुत सारे पैसे बच जाएंगे।


और यदि आप ज्यादा ऑनलाइन शॉपिंग नहीं करते हैं तो मैं आपको सलाह दूंगा कि यह कार्ड आप बिल्कुल भी ना लें और बल्कि यह कहूंगा कि आप किसी भी तरह का क्रेडिट कार्ड ना ले।


एसबीआई कैशबैक कार्ड के लिए अप्लाई कैसे करें


यदि आप अत्यधिक शॉपिंग करते हैं और आप एसबीआई कैशबैक कार्ड को लेना चाहते हैं तो उसके लिए मैंने नीचे एक लिंक दे दिया है जिस पर क्लिक करके आप तुरंत एसबीआई कैशबैक कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।


SBI Cashback Card Apply Now


एसबीआई कैशबैक कार्ड के लिए डॉक्यूमेंट


यदि आप एसबीआई का कैशबैक कार्ड लेना चाहते हैं तो आपके पास एक आईडी प्रूफ होना चाहिए एड्रेस प्रूफ होना चाहिए इनकम प्रूफ होना चाहिए और पैन कार्ड होना चाहिए यदि आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो आपको फिर फॉर्म 60 भर के देना होगा।


आईडी प्रूफ एड्रेस प्रूफ के लिए आप अपना आधार कार्ड दे सकते हैं ड्राइविंग लाइसेंस दे सकते हैं या फिर वोटर आईडी वोटर आईडी कार्ड भी दे सकते हैं।


तो इस तरह आप एसबीआई कैशबैक कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।



एसबीआई कैशबैक कार्ड के अन्य फायदे


एसबीआई कैशबैक कार्ड के बहुत सारे फायदे हैं यदि आप ऑनलाइन कुछ भी खाने का सामान मंगाते हैं तो उसमें आपको छूट दी जाएगी कोई शॉपिंग करते हैं तो उसमें आपको छूट दी जाएगी कोई कपड़ा या फिर कोई भी वस्तु मंगवाते हैं तो उसमें आपको छूट दी जाएगी और साथ ही साथ मूवी टिकट या अन्य सो आप देखना चाहते हैं तो उस पर भी छूट आपको दी जाएगी।


इस प्रकार एसबीआई कैशबैक कार्ड के फायदे बहुत सारे हैं । वर्तमान समय में ज्यादातर लोग ऑनलाइन के माध्यम से ही अपनी वस्तुएं खरीदते हैं इसलिए इस जनरेशन के लिए एक कैशबैक कार्ड होना बहुत जरूरी है इसलिए यदि आप चाहते हैं हम कैशबैक कार्ड ले तो मैं आपको सलाह दूंगा कि आप एसबीआई का ही कैशबैक कार्ड ले क्योंकि एसबीआई एक भरोसेमंद बैंक है जो आपको बेहतर कस्टमर सपोर्ट भी देती है और साथ ही साथ आपको नए-नए फीचर्स प्रदान करते रहते हैं।



तो दोस्तों यह थी जानकारी एसबीआई कैशबैक कार्ड के बारे में, मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी। मैंने आसान शब्दों में इसे समझाने की कोशिश की है । यदि एसबीआई कैशबैक कार्ड से संबंधित आपका कोई भी सवाल है या फिर कोई सुझाव है तो आप हमें जरूर नीचे कमेंट करके बताएं। धन्यवाद ।


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ऑनलाइन लोन कैसे ले सबसे कम ब्याज पर टाटा कैपिटल से





ऑनलाइन लोन कैसे लें सबसे कम ब्याज पर

ऑनलाइन लोन कैसे लें सबसे कम ब्याज पर

    नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे की ऑनलाइन के द्वारा हम कैसे सबसे कम ब्याज पर लोन ले सकते हैं वह भी भरोसेमंद बैंक या कंपनी के द्वारा।

Online loan kaise le
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आजकल ऑनलाइन लोन तो ढेर सारी कंपनियां दे रही है, किंतु उन कंपनियों के द्वारा बहुत से लोगों को ऑनलाइन लोन के द्वारा ठगा जा रहा है, उनसे सारे डाक्यूमेंट्स ले लिए जाते हैं और फिर बाद में उन्हें लोन नहीं दिया जाता है , 


और कई बार यह भी देखा गया है कि ऐसी कंपनियां लोन देने के बाद जब अगला व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता है तो उन पर कई तरह के दबाव डाला जाता है। इसीलिए मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि ऐसी कंपनियों से बचें जो आपको लोन देने के नाम पर ठगते हो।


कैसे पता करें कि कौन सा कंपनी रजिस्टर्ड है और कौन सा कंपनी रजिस्टर्ड नहीं है?


चेक करने के लिए की लोन देने वाला कंपनी रजिस्टर्ड है या नहीं आप आरबीआई के ऑफिसियल वेबसाइट में जाकर इसे चेक कर सकते हैं। या गूगल में सर्च करें companies registered for giving loan in rbi (rbi.org.in) site aayegi.


तो फिर एक पीडीएफ फाइल आपको दिख जाएगा आरबीआई के वेबसाइट पर जिसमें सभी कंपनियों का नाम लिखा हुआ होगा।

ऑनलाइन लोन देने वाली दो भरोसेमंद कंपनियां

आज मैं आपको दो सबसे भरोसेमंद कंपनियों का नाम बताने जा रहा हूं , जो ऑनलाइन लोन देती है, जहां से आप आसानी से ऑनलाइन लोन ले सकते हैं जिसमें आपको कॉलेटरल (गिरवी) भी नहीं देना होगा और जिसमें पेपर वर्क भी बहुत कम होगा। वह दो कंपनियों का नाम है टाटा कैपिटल और दूसरा इंडसइंड बैंक.


चलिए अब जानते हैं कि इन दो कंपनियों के द्वारा हम कैसे ऑनलाइन लोन ले सकते हैं और इसके नियम व शर्तें क्या-क्या है।

टाटा कैपिटल से ऑनलाइन लोन ले

यदि आप टाटा कैपिटल से ऑनलाइन लोन लेना चाहते हैं तो आप आसानी से ले सकते हैं आप यहां पर 30 लाख तक का लोन ले सकते हैं जिसमें आपको 10.49% ब्याज के रूप में देना होगा।


आप इसमें 5 सालों तक के लिए लोन ले सकते हैं ,इसके नियम है कि यदि आप सैलेरी पर्सन है यानी आपको सरकार के द्वारा सैलरी दिया जाता है या फिर आप सेल्फ एंप्लॉयड है यानी आपका खुद का बिजनेस है तो भी आप टाटा कैपिटल से लोन ले सकते हैं।


टाटा जो की एक भरोसेमंद कंपनी है भारत का, यह आपके लोन को जल्द से जल्द प्रक्रिया करती है और 2 से 3 दिनों के अंदर आपको लोन दे देती है लोन देने की प्रक्रिया सारी ऑनलाइन होती है और इसमें पेपर वर्क भी कम होता है, इसमें आपको ऑनलाइन केवाईसी करना होता है और जरूरी डॉक्यूमेंट देने होते हैं।


यदि आप टाटा कैपिटल के द्वारा ऑनलाइन लोन लेना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक के ऊपर क्लिक करके लोन ले सकते हैं।

टाटा कैपिटल से ऑनलाइन लोन लेना है तो क्लिक करें।

इंडसइंड बैंक से ऑनलाइन लोन ले

इंडसइंड बैंक यह भी भारत का एक भरोसेमंद बैंक है जो कि आपको ऑनलाइन लोन देती है। यह आपको लगभग ₹500000 तक के लोन देती है जिसमें सालाना ब्याज आपको 10.49 परसेंट तक देना पड़ सकता है।


यदि समय सीमा की बात करें तो यह आपको चार सालों तक के लिए लोन देती है, लोन देने की प्रक्रिया पेपर लेस होती है और फूली डिजिटल होती है इसमें आपको किसी भी तरह का कॉलेटरल नहीं देना होता है यानी लोन लेने के लिए आपको कुछ भी गिरवी नहीं देना पड़ता है।


इंडसइंड बैंक से लोन लेने के लिए कुछ जरूरी नियम है और वह यह है कि आपकी आयु कम से कम 21 वर्ष की होनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा 60 वर्ष तक की होनी चाहिए और आपकी इनकम लगभग महीने का 20 से 25000 तक की होनी चाहिए यदि आप कोई सरकारी नौकरी करते हैं या फिर आपका कोई प्राइवेट काम है तो भी आपकी कमाई 20000 के आसपास होनी चाहिए।


यदि आपकी कमाई 20000 से कम है और आप लोन लेना चाहते हैं तो आपको भरोसा दिलाना होगा कि आप लोन की रकम वापस कर देंगे। जिसके लिए आप कस्टमर केयर से भी बात कर सकते हैं जो की मैं आपको बता दूंगा नीचे की कैसे आप उनसे निवेदन कर सकते हैं।


इंडसइंड से ऑनलाइन लोन लेने के लिए आपको केवाईसी करना होता है और कमाई की रसीद जो है या बैंक स्टेटमेंट देने होते हैं यदि आपका बैंक का क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो भी आप इंडसइंड से ऑनलाइन लोन ले सकते हैं। और यदि आपके बैंक क्रेडिट स्कोर खराब है तो भी रिक्वेस्ट करने पर आपको ऑनलाइन लोन दे दिया जाता है।


यदि आप इंडसइंड बैंक से ऑनलाइन लोन लेना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक के ऊपर क्लिक करके ऑनलाइन लोन ले सकते हैं.

 इंडसइंड  बैंक से ऑनलाइन लोन ले।

ऑनलाइन लोन आपको कब लेना चाहिए?

जब आपको पैसे की अति आवश्यक हो तभी आप ऑनलाइन लोन ले या फिर आप कहीं दूर दराज इलाके में फंस गए हो और आपके पास पैसे नहीं है तब आप ऑनलाइन लोन ले.


यदि आप बैंक जाना पसंद नहीं करते हैं तो भी आप घर बैठे ऑनलाइन लोन ले सकते हैं किंतु बैंक जाकर लोन लेने में और ऑनलाइन लोन लेने में प्रक्रिया का बहुत ज्यादा अंतर है। 


यदि आप बैंक में जाकर लोन लेते हैं तो आपको एक फॉर्म दिया जाता है जिसे आपको फील करके देना होता है और साथ में कॉलेटरल भी मांगा जा सकता है वहीं पर यदि आप ऑनलाइन लोन लेते हैं तो आपको सारी फॉर्म डिजिटल रूप में देना होता है और डिजिटल रूप में ही आपको पेपर वर्क करना होता है।


यदि आप इंटरेस्ट रेट की बात करें तो मैं सभी बैंकों का रिसर्च करने के बाद यह दो बैंक आपको सजेस्ट किया हूं जिसमें पहले है टाटा कैपिटल और दूसरा इंडसइंड बैंक इन दोनों कंपनियों का इंटरेस्ट रेट ऑनलाइन लोन देने में सबसे कम है।


 तो यदि आप ऑनलाइन लोन लेना चाहते हैं तो इन दो कंपनियों से ले सकते हैं और यदि आप ज्यादा इंटरेस्ट पे करना चाहते हैं तो कई सारी कंपनियां है जहां से आप ऑनलाइन लोन ले सकते हैं। और अंत में मैं आपको कहना चाहूंगा कि आप जहां से भी ऑनलाइन लोन ले रहे हैं जिस भी कंपनी से ऑनलाइन लोन ले रहे हैं सबसे पहले आप उस कंपनी का नाम आरबीआई में रजिस्टर है या नहीं है यह जरूर चेक कर ले और उसके बाद ही ऑनलाइन लोन ले मैंने इन दो कंपनियों का नाम इसलिए भी सजेस्ट किया है क्योंकि यह दोनों कंपनियां भरोसेमंद है और आरबीआई में रजिस्टर्ड है।


तो मैं उम्मीद करुंगा कि आज का यह पोस्ट (ऑनलाइन लोन कैसे ले सबसे कम इंटरेस्ट पर) आपको पसंद आया होगा यदि इससे संबंधित आपका कोई सवाल है या कोई सुझाव है तो आप हमें नीचे जरूर कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूरतमंद लोगों तक जरूर शेयर करें ताकि वह भी ऑनलाइन लोन ले सकें और ऑनलाइन लोन का फायदा उठा सके।


धन्यवाद।

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