Parshad Ko Application Kaise Likhe ? | पार्षद को application कैसे लिखे?

Parshad Ko Application Kaise Likhe ? | पार्षद को application कैसे लिखे?

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नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है हमारी वेवसाइट anekroop.com में । अगर आप अपने वार्ड के parshad ko application लिखना चाहते है तो यह पोस्ट ( parshad ko application kaise likhe? ) केवल आपके लिए है। 

हमने इस article में आपको parshad के बारे में सब कुछ जानकारी दी है और बताया है कि कैसे आप parshad ko application लिख सकते हैं। with examples और  format भी।

parshad ko application
parshad ko application kaise likhe

सबसे पहले हम parshad के बारे में जान लेते है।

Parshad kya kaam karta hai? | parshad क्या काम करता है?


पार्षद, नगर निगम का एक महत्वपूर्ण सदस्य होता है जो अपने वार्ड के विकास और नागरिकों की बेहतरी के लिए काम करता है।

सार्वजनिक सुविधाओं का रखरखाव: , सड़कों, नालियों, स्ट्रीट लाइट, पार्कों, और सार्वजनिक शौचालयों का देखरेख और मरम्मत करवाना।

नए विकास कार्यों की शुरुआत:, नए पार्क, सड़कें, नालियां, और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण करवाना।

नागरिकों की शिकायतों का समाधान , नागरिकों द्वारा सड़कों, नालियों, या अन्य सार्वजनिक सुविधाओं से संबंधित शिकायतों का समाधान करवाना।

Parshad ko application kis topic par likh sakte hai? | पार्षद को किस विषय पर application लिख सकते?


पार्षद को आप निम्नलिखित विषयों पर application लिख सकते हैं:

  • सड़क निर्माण/मरम्मत हेतु यदि आपके वार्ड में सड़कें खराब हैं या उनमें गड्ढे हैं, या टूट चुकी है तो आप पार्षद को सड़क निर्माण/मरम्मत के लिए application लिख सकते हैं।
  • नाली निर्माण/मरम्मत हेतु यदि आपके वार्ड में नालियां बंद हैं या उनमें गंदगी जमा है, तो आप पार्षद को नाली निर्माण/ठीक के लिए application लिख सकते हैं।
  • स्ट्रीट लाइट ठीक करवाने हेतु यदि आपके वार्ड में स्ट्रीट लाइट नहीं हैं या वे खराब हैं, तो आप पार्षद को स्ट्रीट लाइट लगाने/मरम्मत के लिए application लिख सकते हैं।
  • पानी की आपूर्ति: यदि आपके वार्ड में पानी की आपूर्ति कम है या गंदा पानी आता है, तो आप पार्षद को पानी की आपूर्ति में सुधार के लिए application लिख सकते हैं।
  • बिजली: यदि आपके वार्ड में बिजली की कटौती होती है या बिजली नहीं आती है, तो आप पार्षद को बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए application लिख सकते हैं।
  • कूड़ा उठवाने: यदि आपके इलाके में कूड़ा समय पर नहीं उठाया जाता है, तो आप पार्षद को कूड़ा उठाव की व्यवस्था में सुधार करने लिए application लिख सकते हैं।
  • Fogging: यदि आपके वार्ड में मच्छर बहुत हो गए है और उनसे बीमारी फैल रही है, तो आप पार्षद को Fogging करवाने के लिए application लिख सकते हैं।

Parshad ko application likhte samay kin baaton ka dhyaan rakhe? | पार्षद को application लिखते समय किन बातों का ध्यान रखें?


Parshad ko application लिखते समय इन बातों का ध्यान रखें:

भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए और भाषा विनम्र और सम्मानजनक होनी चाहिए। 

भाषा में कोई अशुद्धियां नहीं होनी चाहिए।

Application का format सही होना चाहिए। Application में सभी आवश्यक जानकारी शामिल होनी चाहिए।

Application में सभी जरूरी दस्तावेज जमा किए जाने चाहिए।

Application का विषय स्पष्ट और पूरा होना चाहिए।

Application में केवल एक ही विषय का उल्लेख होना चाहिए।

Application में कोई  झूठ नहीं होना चाहिए।

Parshad application format in hindi| पार्षद आवेदन फॉर्मेट


इस फॉर्मेट में आपका parshad ko application लिखने का कारण अलग हो सकता है या आपकी वार्ड संख्या , address अलग हो सकता है। लेकिन ये application format same रहेगा।

सबसे पहले आपको पेज पर -


सेवा में:

माननीय पार्षद [नाम],

वार्ड [संख्या],

[शहर]

विषय: [आपके आवेदन का विषय लिखे विस्तार में]

उसके बाद


अपना पूरा परिचय दें और पार्षद के वार्ड से अपना संबंध बताएं।

आप जिस मुद्दे या अनुरोध को उनके ध्यान में ला रहे हैं, उसे स्पष्ट रूप से समझाएं।

कोई भी प्रासंगिक विवरण या सहायक जानकारी प्रदान करें, जैसे कि स्थान, तारीख या दस्तावेज जैसे फोटो, प्रमाण पत्र।

अपने लहजे में संक्षिप्त और सम्मानजनक रहें।

फिर अंत में


उनके समय और विचार के लिए पार्षद को धन्यवाद दें।

आप कार्रवाई के लिए संपर्क किए जाने का अपना पसंदीदा तरीका बताना चाह सकते हैं।कोई उपाय भी बता सकते हैं।

अपनी application पर अपना पूरा नाम और हस्ताक्षर करें।


यह रहा parshad application format 


सेवा में,

माननीय पार्षद [नाम],

वार्ड [संख्या],

[शहर]

विषय: [आपके आवेदन का विषय]

महोदय/महोदया,

मैं [अपना नाम], [अपना पता] का निवासी हूँ। मैं आपसे [आपकी समस्या या अनुरोध] के बारे में अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं।

[अपनी समस्या या अनुरोध को स्पष्ट रूप से लिखे।]

[कोई भी प्रासंगिक विवरण या सहायक जानकारी प्रदान करें।]

मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि [आपका अनुरोध]।

आपके समय और विचार के लिए धन्यवाद।

भवदीय,

[अपना पूरा नाम]


ये था parshad application format अब आपको इस फॉर्मेट से जुड़े कुछ examples देते है जिससे आपको अच्छे से समझ आजाएगा।

Parshad ko application kaise likhe examples | parshad application के examples


हमारे द्वारा आपको को कुछ parshad application examples दिए है। 

1) खराब सड़क को ठीक करवाने के लिए parshad ko application 


सेवा में

माननीय पार्षद [नाम],

वार्ड [संख्या],

[शहर]

विषय: सड़क मरम्मत का अनुरोध

माननीय महोदय/महोदया,

मैं [अपना नाम], [अपना पता] का निवासी हूँ। मैं आपसे हमारे वार्ड में स्थित [सड़क का नाम] की मरम्मत करवाने के लिए अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं।

यह सड़क काफी खराब स्थिति में है। सड़क पर कई गड्ढे हैं, जिसके कारण वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को काफी परेशानी होती है। गड्ढों के कारण वाहनों की गति धीमी हो जाती है, जिससे यातायात जाम की समस्या भी पैदा होती है। बारिश के मौसम में गड्ढों में पानी भर जाता है, जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।

यह सड़क हमारे वार्ड के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह सड़क हमारे वार्ड को मुख्य शहर से जोड़ती है। इस सड़क का उपयोग हमारे वार्ड के लोग स्कूल, अस्पताल, बाजार और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर जाने के लिए करते हैं।

मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि इस सड़क की मरम्मत का काम जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए।

आपके समय और विचार के लिए धन्यवाद।

भवदीय,

[अपना पूरा नाम]

[अपना मोबाइल नंबर]

[अपना ईमेल पता]

[तारीख]

[हस्ताक्षर]


इसमें  अपना पूरा नाम, शहर, वार्ड संख्या, mobile number 
सब अच्छे से लिखे।

2) गली में street light लगवाने के लिए parshad ko application 


सेवा में,

माननीय पार्षद [नाम],
वार्ड [संख्या],

[शहर]

विषय: गली में स्ट्रीट लाइट लगवाने हेतु

माननीय महोदय/महोदया,

मैं [अपना नाम], [अपना पता] का निवासी हूँ। मैं आपसे हमारे वार्ड में स्थित [गली का नाम] में स्ट्रीट लाइट लगवाने के लिए अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं।

अभी, हमारी गली में कोई स्ट्रीट लाइट नहीं है। इससे रात के समय गली में अंधेरा रहता है, जिसके कारण वाहन में और पैदल चलने वालों को काफी परेशानी होती है। अंधेरे के कारण अपराध की संभावना भी बढ़ जाती है।

यह गली हमारे वार्ड के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस गली का उपयोग हमारे वार्ड के लोग स्कूल, अस्पताल, बाजार और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर जाने के लिए करते हैं।

मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि हमारी गली में स्ट्रीट लाइट लगवाने का काम जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए।

आपके समय और विचार के लिए धन्यवाद।

भवदीय,

[अपना पूरा नाम]

[अपना मोबाइल नंबर]

[अपना ईमेल पता]

[तारीख]

[हस्ताक्षर]

इसमें अपना पूरा नाम, शहर, वार्ड संख्या, mobile number 
सब अच्छे से लिखे।

यह थी हमारे द्वारा आपको दी गई पूरी जानकारी की आप parshad ko kaise application likh sakte है।

अभी भी आपको कोई दिक्कत हो रही है की parshad ko application kaise likhe तो आप हमे इस पोस्ट के नीचे कमेंट करे।

FAQ

Parshad ko English mai kya kehte hai?

: parshad को English मैं Councillor कहते हैं

Parshad ko application kaise submit kare?

:आवेदन पत्र को पार्षद के कार्यालय में  डाक से भेज सकते हैं। 

आवेदन पत्र को व्यक्तिगत रूप से पार्षद के कार्यालय में जमा करें।

यदि पार्षद ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करता है, तो उनकी वेबसाइट पर आवेदन पत्र भरें।

यदि पार्षद ईमेल द्वारा आवेदन स्वीकार करता है, तो उन्हें सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेजों के साथ ईमेल करें।


यह भी पढ़े 



Paryayvachi shabdh in Hindi for class 1 | Synonyms for class 1st in hindi

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Paryayvachi shabdh in Hindi for class 1 | Synonyms for class 1st in hindi | कक्षा 1 के लिए पर्यायवाची शब्द


नमस्कार आप अगर अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए paryayvachi shabdh with examples ढूंढ रहे है तो हमने इस article में कक्षा 1 के लिए पर्यायवाची शब्द
दिए है।  

उस से पहले हम जान लेते है की paryayvachi shabdh kya hota hai? या paryayvachi shabdh kise kehte hai?

Paryayvachi shabdh in Hindi for class 1
Paryayvachi shabdh in Hindi for class 1 | Synonyms for class 1st in hindi


Paryayvachi shabdh definition for class 1st in hindi | synonyms definition in hindi | पर्यायवाची शब्द की परिभाषा


Easy paryayvachi shabdh definition in hindi: 

पर्यायवाची शब्द वे शब्द होते हैं जिनका अर्थ एक होता है। इन शब्दों का उपयोग एक दूसरे के स्थान पर किया जा सकता है।
जैसे - आंख का लोचन, स्कूल का विद्यालय, जानवर का पशु , चांद का चंद्र etc इन शब्दों को paryayvachi shabdh कहते हैं।

आइए अब कुछ paryayvachi shabdh or synonyms के बारे में जान लेते है।

Paryayvachi shabdh for class 1 in hindi या synonyms in hindi for class 1


:  पर्यायवाची शब्द सूची। Synonyms list in hindi

शब्द पर्यायवाची शब्द
बच्चा बालक, शिशु, किशोर
घर आवास, निवास, सदन
माँ मां, जननी, अम्मा
पिता पापा,बाबा, ताता
हाथ कर, हस्त, पाणि
पैर चरण, पग,पाद
आँख नयन, नेत्र, लोचन
मुंह ओष्ठ, अधर, मुखारविंद
दांत दंत, दाँत, दंतपंक्ति
बाल केश, रोम, जटा
त्वचा चर्म, खाल, त्वचा
सूरज रवि, भानु, दिनकर
चाँद शशि, चंद्र, इंदु
बादल मेघ, घन, अंबर
बारिश वर्षा, जल, मेघ
हवा वायु, पवन, समीर
आग अग्नि, ज्वाला, लपट
पानी जल, तरल, नीर
नदी सरिता, नदी, धारा
पहाड़ पर्वत, गिरि, शैल
पेड़ वृक्ष, तरु, वनस्पति
फूल कुसुम, सुमन, पुष्प
जानवर पशु, प्राणी, जंतु
उदास दुखी,निराश,कष्ट
मछली मीन, जलचर, मत्स्य


Paryayvachi shabdh uses examples | synonyms sentence examples


हमने ऊपर बताए गए paryayvachi shabdh in hindi for class 1St से कुछ examples बताए है। जिस से आपको समझने में ओर आसानी होगी। 

paryayvachi shabdh sentences example 

बच्चा -
"माँ ने अपने शिशु को गोद में लिया और उसे दुलार से पुचकारा

यहाँ "बच्चा"शब्द के लिए पर्यायवाची"शिशु" शब्द का उपयोग किया गया है।

घर -
"वह अपने निवास स्थान में सुरक्षित और अच्छा महसूस करता है"

यहाँ "घर" के लिए paryayvachi "निवास"  शब्द का उपयोग किया गया है।

माँ -
"माता अपने पुत्र को प्यार से सुलाती है ।"

यहाँ "माँ" के लिए paryayvachi "माता" शब्द का उपयोग किया गया है।

पिता -
"पापा मुझ से बहुत प्यार करते है।"

यहाँ " पिता " के लिए paryayvachi "पापा" शब्द का उपयोग किया गया है।

हाथ -
"उसने अपने करों से गरीबों की मदद की।"

यहाँ " हाथ " के लिए paryayvachi "करों या कर" शब्द का उपयोग किया गया है।


ऐसे ही आप और शब्दों के paryayvachi shabdh in hindi for class 1st का प्रयोग करके खुद से sentence बना सकते है।


पर्यायवाची शब्दों का उपयोग करने के लाभ

Paryayvachi shabdh लेखन को और दिलचस्प और वाक्य को आकर्षक बना सकते हैं।
पढ़ने वाले को शब्दों के अर्थ को अच्छे से समझने में मदद कर सकता है।

पर्यायवाची शब्दों को कैसे याद करे? | Synonyms ko kaise learn kare?


Paryayvachi shabdh yaad करने के कई तरीके है इन तरीकों से आप अपने बच्चे को आसानी से याद करा सकते है:

पर्यायवाची शब्दों को वाक्यों में बार-बार उपयोग करें। इससे आपको शब्दों को बेहतर ढंग से याद रखने में मदद मिलेगी।

रोजाना बोलचाल में शब्दों के paryayvachi का इस्तेमाल करे इस से आपको वे याद रहेंगे।

रोजाना paryayvachi शब्दों की प्रैक्टिस करे उन्हें याद करे।
हमारे द्वारा बताए गए paryayvachi ki list को रोजाना पढ़े।

Conclusion

Paryayvachi shabdh (synonyms in hindi) इस्तेमाल करने से बच्चों के कई फायदे है । Paryayvachi shabdh आपकी भाषा को समृद्ध बनाते हैं, अर्थ को अच्छे से स्पष्ट करते हैं, भावनाओं को व्यक्त करते हैं, इस से हमे शब्द का अर्थ अच्छे से समझ आता है। ये गलतफहमी को रोकते हैं, शब्दावली में सुधार करते हैं, रचनात्मकता को बढ़ाते हैं, इसकी मदद से बच्चे परीक्षाओं में अपने जवाब को आसान तरीके से  स्पष्ट कर सकते हैं ।

यह थे हमारे द्वारा Paryayvachi shabdh in Hindi for class 1|  Synonyms for class 1st in hindi | कक्षा 1 के लिए पर्यायवाची शब्द। अगर आपको paryayvachi shabdh को समझने में कोई भी परेशानी है तो कमेंट करे।
और यह भी बताए शब्द कक्षा 1 (paryayvachi shabd in hindi for class 1) कैसी लगी।

FAQ


Paryayvachi shabdh ko English mai kya kehte hai?

:Synonyms 

Paryayvachi shabdh ko aur kya bolte hai?

:समानार्थी शब्द

Paryayvachi shabdh kitne hote?


:पर्यायवाची शब्दों की संख्या तय नहीं होती है।

कुछ शब्दों के बहुत से पर्यायवाची शब्द होते हैं, जैसे कि "प्रेम और सुंदर के।

प्रेम: प्यार, स्नेह, मोहब्बत, दुलार, लगाव, आकर्षण, इश्क, आदि।

सुंदर: खूबसूरत, मनमोहक, आकर्षक, भव्य, रमणीय, मनोहर, शोभायमान, आदि।

किसी शब्दों के एक या दो पर्यायवाची शब्द होते हैं, जैसे कि "आकाश", "पृथ्वी", "समुद्र"।

आकाश:  नभ, गगन
पृथ्वी:  धरती, भूमी
समुद्र:  सागर, महानदी

English मे paryayvachi shabdh ( synonyms) एक शब्द के बहुत से होते है जैसे की प्रेम शब्द के बहुत से paryayvachi होते है।
Collector Ko Application Kaise Likhe? With examples

Collector Ko Application Kaise Likhe? With examples

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हेलो दोस्तों हमारी वेबसाइट anekroop में आपका स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे की collector ko application kaise likhte hai.

 इस article में हमने आपको collector application  examples , sample और collector application format भी बताया है।

collector ko application
collector ko application


आगे बढ़ने से पहले हम थोड़ा कलेक्टर के बारे में जान लेते है की

Collector क्या काम करता है?

Collector एक जिला का सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक अधिकारी होता है और वह जिला का प्रमुख होता है उसपर जिले की कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है।

जैसे-

  • जिले मैं कोई आपदा आने से पहले सब चीजों का प्रबंधन करना।
  • जिला के विकास के कार्यों पर नजर रखना।
  • जमीनों के कागज़ों का रखरखाव करना। 
  • जनता की शिकायतों को सुलझाना। 



collector को आप किन किन विषयों पर application लिख सकते है।


Collector को आप कई चीजों  को लेकर application लिख सकते हैं।

जैसे की:
 
  • विकास कार्य  करने के लिए application लिख सकते हैं।
  • अपराध से जुड़ी शिकायत दर्ज करने के लिए।
  • भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत दर्ज करने के लिए।
  • जमीन का नाम बदलने के लिए।
  • सार्वजनिक परेशानियों को लेकर आप एप्लीकेशन लिख सकते है।
  • Pension लेने के लिए collector ko application दे सकते है।
  • Birth certificate लेने के लिए DM को application लिख सकते हैं।
  • Death certificate लेने के लिए आप application लिख सकते हैं।
  • Marriage certificate लेने के लिए आप collector को application लिख कर दे सकते हैं।
  • आप इन सब चीजों को लेकर collector ko application likh sakte hai.


Collector application format या Dm application format


इस फॉर्मेट में आपका dm ko application लिखने का कारण अलग हो सकता है लेकिन ये application format same रहेगा।

सबसे पहले आपको पेज पर -


  • सेवा में: जिलाधिकारी, [जिला का नाम]
  • प्रेषक: [आपका नाम]
  • पता: [आपका address]
  • विषय: [विस्तार में अपने application का उद्देश्य बताएं]

उसके बाद लिखे


  • परिचय: अपना पूरा परिचय दें और आवेदन लिखने का कारण बताएं।
  • विवरण: आपकी समस्या या अनुरोध को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से समझाएं। किसी भी प्रासंगिक विवरण, तिथियों या संदर्भ संख्या को लिखित करें।
  • दस्तावेज जोड़े : अपने आवेदन के समर्थन में आप किन दस्तावेजों को जोड़ रहे हैं, उनकी सूची बनाएं।

लास्ट में


  • अनुरोध:  अपना अनुरोध स्पष्ट और विनम्रतापूर्वक बताएं। उदाहरण के लिए, "मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूं कि कृपया..." या "मैं इस मामले में आपके विचारणीय निवेदन का विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं।"

  • दिनांक और हस्ताक्षर: आवेदन के नीचे दिनांक और अपना हस्ताक्षर शामिल करें।


Collector ko application kaise likhe in hindi examples


हमारे द्वारा आपको कुछ उदाहरण दिए गए हैं,जिससे आपको एक अच्छे से जानकारी मिल जाएगी की dm ko application kaise likhte hai और लिखते वक्त कोई भी समस्या नहीं होगी।

पहला उदाहरण


1) बच्चों के खेलने के लिए पार्क बनवाने हेतु collector ko application


सेवा में,

जिलाधिकारी महोदय, आगरा

विषय: बच्चों के लिए पार्क बनवाने हेतु

माननीय महोदय/महोदया,

मैं, उत्कर्ष सिंह, सुभाष नगर, आगरा का निवासी हूँ। मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि हमारे मोहल्ले में बच्चों के खेलने के लिए एक पार्क बनवाया जाए।

इस समय में, हमारे मोहल्ले में बच्चों के खेलने के लिए कोई भी जगह नहीं है। इस वजह से बच्चे सड़कों पर खेलने को मजबूर हैं, जिस से उनकी जान के लिए खतरा है। एक पार्क बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में खेलने का अवसर प्रदान करेगा।

पार्क में निम्नलिखित सुविधाएं होनी चाहिए:

बच्चों के खेलने के लिए झूले, फिसलपट्टी।
पेड़, पोधे ।
बैठने और पानी पीने की व्यवस्था हो।

मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यदि पार्क बनवाया जाता है, तो मोहल्ले के सभी लोग इसका उचित उपयोग करेंगे।

आपकी सहायता के लिए धन्यवाद।

भवदीय,
उत्कर्ष सिंह

सुभाष नगर, आगरा

दिनांक: 20 फरवरी 2024

हस्ताक्षर: उत्कर्ष सिंह

अतिरिक्त जानकारी

इसमें आप पार्क के लिए एक जगह का उल्लेख कर सकते हैं।


दूसरा उदाहरण


2) गुंडों द्वारा जमीन पर कब्जा किए जाने के संबंध में dm ko application 


सेवा में,

जिलाधिकारी महोदय, गाजियाबाद 

विषय: गुंडों द्वारा जमीन पर कब्जा किए जाने के संबंध में

माननीय महोदय/महोदया,

मैं, रमेश कुमार, गांव बहादुरपुर, जिला गाजियाबाद का निवासी हूँ। मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि मेरी जमीन खसरा संख्या 124, गांव बहादुरपुर पर कब्जा कर लिए जाने के मामले में मेरी सहायता करें।

मेरी जमीन संख्या 124 ,गांव बहादुरपुर पर 19 फरवरी 2024 को कुछ गुंडों ने कब्जा कर लिया था। इन गुंडों ने अवेध तरीके से मेरी जमीन पर कब्जा कर लिया था। मैंने इस मामले में थाना बहादुरपुर में एफआईआर दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

मैंने इन गुंडों से अपनी जमीन खाली करने का अनुरोध किया है, लेकिन उन्होंने मना कर दिया है। मैंने अपनी जमीन के असली कागज़ इस पत्र से जोड़ दिए है।

मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि आप इस मामले में मेरी सहायता करें और मुझे मेरी जमीन वापस दिलाने का आदेश दें। 

धन्यवाद।

भवदीय,
रमेश कुमार

गांव बहादुरपुर, जिला गाजियाबाद

दिनांक: 20 फरवरी 2024

हस्ताक्षर:
रमेश कुमार


अतिरिक्त जानकारी:

आप अपने application में पुलिस रिपोर्ट, गवाहों के बयान, या कोई अन्य डॉक्यूमेंट जोड़ कर दे सकते हैं।

Collector ko application लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना है?


Collector ko application लिखते टाइम, आपको नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखना है।

  • Application की शुरुआत अपने introduction से करे।
  • Application सरल और स्पष्ट भाषा में लिखनी है और आप की application में (आप,आपके) जैसे शब्द का इस्तेमाल करे।
  • Application में सभी आवश्यक जानकारी और आपकी परेशानी पूरी अच्छे से शामिल होनी चाहिए।
  • Application के साथ सभी important documents जुड़े होने चाहिए जो की आप को लगते है की इनकी जरूरत होगी।
  • Application के लास्ट में signature और date mention होना चाहिए। 
  • Application में उन्हें धन्यवाद जरूर करे।


यह थी हमारे द्वारा आपको दी गई पूरी जानकारी  की आप collector ko kaise application likh sakte है।

अभी भी आपको कोई दिक्कत हो रही है की dm ko application kaise likhe तो आप हमे इस पोस्ट के नीचे कमेंट करे।


FAQ


DM ki full form ?

DM की full form है district magistrate

Collector ko application kaise जमा करे?

आप Collector office में जाकर या ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं.

Collector को और क्या कहते है?

Collector को आप DM ओर हिंदी में जिला अधिकारी कह सकते है।

यह भी जाने -

होल्डिंग टैक्स अधिक आने पर नगर निगम को एप्लीकेशन

होल्डिंग टैक्स अधिक आने पर नगर निगम को एप्लीकेशन

नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज हम जानेंगे की होल्डिंग टैक्स अधिक आने पर हम नगर निगम को एप्लीकेशन कैसे लिखते हैं, और यह भी जानेंगे कि यदि हमारा होल्डिंग टैक्स बहुत ज्यादा आ गया है तो उसे कम करने के लिए क्या-क्या प्रक्रिया होती है।

Holding tax adhik aane par application



होल्डिंग टैक्स अधिक आ जाने पर क्या करें?


यदि आपका होल्डिंग टैक्स अधिक आ गया है तो उसके लिए आप एक आवेदन नगर निगम को दे सकते हैं, जिसके बाद वह जांच के लिए आपके घर एक व्यक्ति को भेजेंगे और फिर वह आपके घर की जांच करके होल्डिंग टैक्स में सुधार कर देंगे, तो यदि आपका होल्डिंग टैक्स ज्यादा आ गया है तो घबराने की बात नहीं है वह कुछ ही दिनों में कम हो जाएगा.

होल्डिंग टैक्स अधिक आने पर एप्लीकेशन

सेवा में
श्रीमान एसपीएस मैनेजर साहब
(धनबाद नगर निगम)

विषय विषय - होल्डिंग टैक्स अधिक आने के संबंध में
मान्यवर,
             सविनय निवेदन है कि मैं पप्पू महतो, पिता स्वर्गीय नकुल महतो ,ग्राम - लोयाबाद, थाना - लोयाबाद, पोस्ट- बांसवाड़ा ,जिला-  धनबाद (झारखंड ) का निवासी हूं. मेरे घर के होल्डिंग टैक्स को बढ़ाकर लिया गया है, मेरा घर 24*19 sq. ft है लेकिन इसके sq ft को बढ़कर , अधिक होल्डिंग टैक्स लिया गया है।

अतः श्रीमान से निवेदन है कि मेरे घर का जांच कर मेरे होल्डिंग टैक्स को कम किया जाए, इसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूंगा।

नाम - पप्पू महतो
मोबाइल नंबर - 99726464
Saf no -3536482636847

इस एप्लीकेशन से आप दो तरह का काम कर सकते हैं यदि आप अपने घर का जांच करवाना चाहते हैं तो आप इसी तरीके का एप्लीकेशन लिखेंगे, और यदि आप अपने घर के स्क्वायर फिट को घटाना चाहते हैं तो भी आप इसी तरह का एप्लीकेशन लिखेंगे

होल्डिंग टैक्स क्यों अधिक आ जाता है?

यदि आपका होल्डिंग टैक्स पहले से ज्यादा आ रहा है।
उदाहरण में जैसे पिछले साल आपका होल्डिंग टैक्स ₹700 था और इस साल वह बढ़कर 750 या 800 हो गया है तो इसमें घबराने की बात नहीं है क्योंकि प्रत्येक वर्ष होल्डिंग टैक्स सरकार के द्वारा बढ़ाया जा रहा है हर एक साल सरकार होल्डिंग टैक्स में ₹50 से ₹100 तक बढ़ा रही है।

लेकिन जब आपका होल्डिंग टैक्स बहुत ज्यादा बढ़ करके आए जैसे 700 की जगह 1000 या 1200 या 1500 तो फिर आपको एक एप्लीकेशन लिखकर नगर निगम को दे देना चाहिए और जांच के लिए बुलाना चाहिए नहीं तो प्रत्येक वर्ष आपका होल्डिंग टैक्स ज्यादा लगता जाएगा.

कई बार नगर निगम के लोग जान मुचकर भी होल्डिंग टैक्स को बढ़ा करके भेजते हैं, और कई बार सिस्टम खराब होने पर भी होल्डिंग टैक्स ज्यादा आ जाता है, तो ऐसी स्थिति में आप अपने पिछले साल का होल्डिंग टैक्स देख ले कि मेरा पिछले साल का होल्डिंग टैक्स कितना था और उसे इस साल के होल्डिंग टैक्स से कंपेयर करें। यदि होल्डिंग टैक्स में ₹50 से ज्यादा बढ़ाकर होल्डिंग टैक्स आ गया है तो फिर उसके लिए एक एप्लीकेशन लिख करके दे दें जो एप्लीकेशन मैंने ऊपर में लिख दिया है।

नगर निगम में और भी कई तरह की एप्लीकेशन की जरूरत होती है यदि आपको कोई और परेशानी है नगर निगम से और उसके लिए आपको एप्लीकेशन चाहिए या फिर कोई मदद चाहिए तो फिर आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं हम आपको जरुर मदद करेंगे और कोशिश करेंगे कि आपकी समस्या को हम सुलझा सकें।

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सिबील स्कोर क्या होता है ? और कैसे लोन लेते समय यह हमारे काम में आता है ?

सिबील स्कोर क्या होता है ? और कैसे लोन लेते समय यह हमारे काम में आता है ?


नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज हम जानेंगे सिबिल स्कोर के बारे में , कि ( सिबील स्कोर क्या होता है ? और कैसे लोन लेते समय यह हमारे काम में आता है ?) तो दोस्तों यदि आप लोन ले रहे हैं या सिविल स्कोर के बारे में जानना चाह रहे हैं तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है आप इस पोस्ट को जरूर अंत तक पढ़े।


Cibil score kya hota hai



सिबिल स्कोर क्या होता है?


 सिविल का फुल फॉर्म होता है ( क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) और यह एक कंपनी है जो बैंक के लेनदेन के अनुसार से उसे एक स्कोर देती हैं, जिसे सिविल स्कोर कहते हैं।


जब भी हम बैंक से लेनदेन करते हैं, तो उस लेनदेन के अनुसार हमारा स्कोर बनता है, जैसे यदि हम बैंक से ज्यादा पैसों का लेनदेन करते हैं, या ज्यादा लेनदेन करते हैं, तो हमारा ज्यादा सिबिल स्कोर बनता है, और जब हम लोन लेते हैं और सही टाइम पर चुका देते हैं तो भी हमारा अच्छा सिविल बनता है, और जब लोन लेते हैं और बहुत लेट बाद चुकाते हैं तो खराब सिबिल स्कोर बनता है, तो इस प्रकार बैंकों के लेनदेन को ध्यान में रखते हुए सिविल स्कोर को ऊपर और नीचे रखा जाता है।


सिबिल स्कोर को कितने भागों में बांटा गया है?


सिबिल स्कोर को पांच भागों में बांटा गया है।


पहले है 600 से कम इसको बहुत खराब सिबिल स्कोर माना गया है।

दूसरा है 600 से 649 इसको खराब सिबिल स्कोर माना गया है।

तीसरा 650 से 699 इसको सामान्य सिबिल स्कोर माना गया है।

चौथा है 700 से 749 इसको अच्छा सिबिल स्कोर माना गया है।

पांचवा है 750 से 900 इसको बहुत अच्छा सिबिल स्कोर माना गया है।


यहां पर सिबिल स्कोर को बांटने का मतलब है कि आपका जितना अच्छा सिविल स्कोर होगा, लोन लेने में आपको उतनी ही आसानी होगी और आप जल्दी लोन ले पाएंगे और लोन देने में आपको बैंक कभी भी लेट नहीं करेगी।


कैसे सिबील स्कोर लोन लेते समय हमारे काम में आती है?


आपका सिबिल स्कोर 600 से कम है इसका मतलब यही है कि आप समय पर लोन नहीं चुकाते, हैं लोन लेने के बाद आप बहुत देर-देर से लोन को चुकाते हैं या फिर लेने के बाद आप पैसे नहीं चुकाते हैं, आपके ऊपर केस चल रहा हो लोन से रिलेटेड।

 तो इस तरह के जो कस्टमर होते हैं उनका सिविल स्कोर बहुत ही खराब होता है और इसलिए इन कस्टमर को आगे लोन लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है ।


यदि आपका सिबिल स्कोर बहुत कम है 600 से कम है तो आपको लोन लेने में बहुत ही दिक्कत होगी और आपको लोन तभी मिलेगी जब आपके पास बहुत ज्यादा कॉलेटरल हो, सबूत के तौर पर या आप बैंक को भरोसा दिला सके कि हां हम लोन चुकता कर देंगे तभी जो है कि इस तरह के सिविल स्कोर में आपका लोन पास होगा।


जब आपका सिबिल स्कोर 600 से 649 है इसका मतलब भी आपका सिबिल स्कोर खराब है लेकिन इसमें संभावना है कि आपको लोन मिल सकता है।


649 का सिविल स्कोर यानी बहुत ही खराब है ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि समय पर हम लोन नहीं चुकाते हैं, हम सोचते हैं अभी टाइम है ना, समय है, बाद में दे देंगे , लेकिन लोगों को मालूम नहीं होता है, अवेयरनेस नहीं होती है, कि यदि हम समय सीमा के बाद लोन का पैसा देते हैं तो हमारा सिविल स्कोर घटता है। 


देखिए यहां पर लोगों को गलत नहीं बताया गया है बल्कि अवेयरनेस की कमी है यदि लोग अवेयर हो सिविल स्कोर के बारे में तो वह टाइम पर पैसे दे देंगे, लेकिन अवेयरनेस नहीं होती है सिविल स्कोर के बारे में इसीलिए लोग थोड़ा लेट पेमेंट करते हैं, वह सोचते हैं कि समय तो है, हम आज नहीं 1 महीने बाद कर देंगे, अच्छा अभी पूजा चल रहा है पूजा के बाद दे देंगे । उनके इरादे सही होते हैं लेकिन समय के टलने की वजह से उनका सिविल स्कोर खराब हो जाता है।


650 से 699 यदि आपका सिविल स्कोर है तो संभावना है की आपको लोन मिल सकता है ऐसा इसलिए क्योंकि यहां तक के सिबिल स्कोर को एवरेज सिविल स्कोर कहा गया है। इसका मतलब यह है कि आप जब लोन लेते हैं तो समय पर आप चुका देते हैं आप ज्यादा लेट नहीं करते हैं और आप बैंक से भी ज्यादा लेनदेन करते हैं इसलिए आपका इतना अच्छा सिबिल स्कोर है।


किंतु इसमें दिक्कत यह है कि जब हम छोटे-छोटे लोन लेते हैं ,तब भी  सिबिल स्कोर कम होता है , तो यदि आप छोटे लोन ले रहे हैं छोटे समय के लिए लोन ले रहे हैं, तब भी आपके सिविल स्कोर कम होगा।


 जैसे यदि आप साल 1 साल का लोन लेते हैं या फिर 6 महीना का लोन लेते हैं और फिर उसे टाइम पर चुकाते हैं तो पर भी हमारा सिविल स्कोर कम हो जाता है। क्योंकि ऐसे लोन से बैंक को बोहोत कम फायदा होता है,


 लेकिन ऐसे सिविल स्कोर पर संभावना होती है कि कस्टमर को लोन दे दिया जाए क्योंकि वह समय पर अपना लोन दे रहे हैं भले ही वह कम पैसों का लोन ले रहे हैं लेकिन वह समय पर लोन का पैसा दे रहे हैं इसलिए उनको लोन दे दिया जाता है।


700 से 749 यदि आपका सिविल स्कोर है इसका मतलब यह है कि आप बहुत अच्छे हैं लोन चुकाने के संबंध में, आपके और आपके बैंक से अच्छा संबंध है, जब भी आप कोई लोन लेते हैं तो उसे समय पर चुकाते हैं और आप लंबे समय के लिए लोन लेते हैं।


और यदि आप पहली बार लोन ले रहे हैं तब भी आपका सिबिल स्कोर 700 से 749 तक ही रहता है, जिसे हम -1 सिविल स्कोर भी कहते हैं, यदि आप पहली बार लोन ले रहे हैं तो यही सीमित स्कोर आपका रहता है जिसमें आपको लोन दे दिया जाता है।


 ज्यादातर लोग, जब पहली बार लोन लेते हैं तो उन्हें लोन दे दिया जाता है ,इसे पर्सनल लोन भी कहते हैं जब आप पर्सनल लोन लेते हैं तब आपका सिविल स्कोर इतना ही रहता है।


और यदि आप घर बनाने के लिए या पढ़ाई के लिए या फिर बहुत ज्यादा रुपयों का लोन ले रहे हैं तब आपके सिविल स्कोर को भी देखा जाता है और कॉलेटरल को भी देखा जाता है यानी आपकी इनकम को भी देखा जाता है कि आप कितना रुपए कमाते हैं, उसके अनुसार जो है कि आपको अधिक रुपयों का लोन दिया जाता है । और यदि आप पर्सनल लोन ले रहे हैं बहुत कम पैसों का, जैसे 2 लाख ,3 लाख रुपयों का तो आपको जो है कि आपका सिविल स्कोर देखकर लोन दे दिया जाता है।


यदि आपका सिविल स्कोर 750 से 900 तक है, इसका मतलब आप बहुत अच्छे हैं, बैंक के नजर में आप बहुत समय-समय पर अपना लोन चुकाते हैं , और आपने एक बार नहीं बल्कि कई बार लोन लिया है, और समय-समय पर आप लोन चुकाते हैं, आप बैंक को फायदा करते हैं इसलिए ऐसे लोगों को बैंक खुद खोजती है और लोन देना चाहती है जिनका सिबिल स्कोर 750 से 900 तक होता है।


देखिए सिबिल स्कोर एक बार लोन लेने से नहीं अच्छा हो जाता है यदि आपको बहुत अच्छा सिबिल स्कोर बनाना है 900 के आसपास तो उसके लिए आप को कई बार लोन लेना पड़ता है और समय पर उसे चुकाना पड़ता है, इससे बैंक समझ जाते हैं कि यह कस्टमर जो है मेरा फायदा पहुंचा रहा है तो बैंक खुद उसे ढूंढती है और उसे लोन देती है।


तो यदि आप बिजनेसमैन है आप पैसों का लेनदेन ज्यादा करते हैं, तो मैं आपसे कहूंगा कि आप अपना सिबिल स्कोर बहुत अच्छा रखें 800 और 900 के आसपास ताकि आपको कभी भी बैंक से लोन लेने में दिक्कत ना हो लेकिन इसके लिए क्या करना होगा कि आपको टाइम पर  अपना लोन पेमेंट करना होगा और यदि आप टाइम पर लोन पेमेंट ना कर रहे हैं तो आपको कम से कम एक नोटिस दे देना होगा ताकि बैंक समझ जाए कि यह अगले महीने लोन पेमेंट कर देगा। 


 तो नोटिस देखकर यदि आप लोन को बाद में पेमेंट करते हैं तो आपका सिविल स्कोर अच्छा हो जाता है लेकिन यदि आप बिना नोटिस के पेमेंट नहीं कर पाते तो इससे आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है। 


क्या होता है बिजनेस में कभी-कभी घटा भी होता है कभी-कभी फायदा भी होता है तो लोग बहुत अच्छे सिविल स्कोर को बनाए नहीं रख पाते हैं इसीलिए लोगों का सिबिल स्कोर खराब हो जाता है।


तो अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप समय पर अपना लोन का पेमेंट दें और बैंक से एक अच्छा संबंध बना कर रखें, देखिए यह सिबिल स्कोर क्या है एक बाहरी चीज है यह कागजी चीज है, लेकिन आपका जो कनेक्शन होगा बैंक के साथ वह अंदरूनी चीज है।


तो यदि आप बैंक से बहुत लम्बे समय से जुड़े हुए हैं और बहुत लंबे समय से लोन ले रहे हैं  और उसका पेमेंट कर रहे हैं, एक अच्छा संबंध बन गया है बैंक के साथ तो फिर आपको उस समय आसानी से लोन मिल जाता है , भले उस समय आपका सिविल स्कोर थोड़ा सा कम हो 600- 700 या उससे भी कम हो तो भी बैंक भरोसा करके आपको लोन दे देती है यदि आप बहुत लंबे समय से बैंक से जुड़े हैं तो।


तो इस तरह सिबिल स्कोर काम करता है  लोन के संबंध में ,और यदि आप पहली बार लोन ले रहे हैं तब भी यह सिविल स्कोर काम आएगा और जब आप दूसरी लोन लेने जाएंगे तब आपका सिविल स्कोर जरूर देखा जाएगा इसलिए यदि आप बैंक से अच्छा संबंध बनाए रखना चाहते हैं तो अपने सिविल स्कोर को जरूर अच्छा रखें ताकि आगे आने वाले समय में आपको परेशानी ना हो और आप आसानी से लोन ले सकें।


तो दोस्तों यह थी जानकारी सिबिल स्कोर के बारे में कि (सिबिल स्कोर क्या होता है ? और कैसे लोन लेते समय यह हमारे काम में आता है?)  मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो जरूर हमें नीचे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूर अन्य लोगों तक शेयर करें ताकि उन्हें भी सिविल स्कोर के बारे में पता चल सके बहुत-बहुत धन्यवाद।


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जीएसटी से किसको फ़ायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुवा है ?

जीएसटी से किसको फ़ायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुवा है ?

 


नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि ( जीएसटी से किसको फ़ायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुवा है ?) और यह भी समझेंगे कि जीएसटी क्या है? और किन-किन सामानों में कितना जीएसटी लगता है? और जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं?


GST



जीएसटी क्या है?


जीएसटी यानी ( Goods and Services Tax)। यानी वस्तुओं में और सर्विसेज में जो टैक्स लगता है उसे हम जीएसटी कहते हैं। जीएसटी को भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया है और इसे टैक्स में और सुधार करने के लिए बनाया गया है।



यह एक देश एक टैक्स के सिस्टम को बढ़ावा देता है , इसका मतलब पूरे देश में  वस्तुओं के ऊपर एक ही टैक्स लगाया जाएगा इसलिए भी जीएसटी को लाया गया है।


जैसे आपका इलेक्ट्रॉनिक का दुकान है, आप टीवी बेचते हैं, तो उस पर 12% का टैक्स है चाहे आप मुंबई में रह रहे हैं या आप चेन्नई में रह रहे हैं,  आपको एक ही टैक्स लगेगा।


जीएसटी में पेट्रोलियम, अल्कोहल और नेचुरल गैस को छोड़कर लगभग सभी वस्तुओं को सामिल किया गया है।


जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं?


जीएसटी 4 प्रकार के होते हैं, एक है केंद्रीय जीएसटी जिसे हम (सीजीएसटी - CGST) कहते हैं दूसरा है राज्य जीएसटी जिसे हम (एसजीएसटी - SGST) कहते हैं और तीसरा है ( इंटीग्रेटेड जीएसटी) और चौथा है ( यूटीजीएसटी - UGST)। 


यूटीजीएसटी मतलब यूनियन टेरिटरी जीएसटी जहां पर उनकी अपनी विधानसभाएं नहीं होती है।


केंद्रीय जीएसटी   और यूटीजीएसटी को केंद्र सरकार  लागू करती है वहीं राज्य जीएसटी को राज्य सरकार लागू करती है।


लगभग सभी वस्तुओं में केंद्र सरकार और राज्य सरकार एक साथ मिलकर के जीएसटी लगाती है, और जो वस्तुएं जीएसटी से बाहर है उन कारोबारों को छोड़कर लगभग सभी में समान रूप से टैक्स लगाया जाता है।


जैसे,  इलेक्ट्रॉनिक सामान है,  तो उन पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार का एक ही तरह का जीएसटी रहता है,  वही जैसे पेट्रोलियम है , जिस पर जीएसटी नहीं लगाया जाता है, इसीलिए राज्य सरकार अपने अनुसार उन पर टैक्स लगाती है। और यही वजह है कि आपको हर एक राज्य में पेट्रोल का दाम अलग-अलग दिखाई देता है।


लेकिन अब आप पूछेंगे कि फिर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के जीएसटी में क्या अंतर है?


देखिए दोनों सरकार के अपने-अपने वस्तुएं हैं जिनपर वह टैक्स लगाते हैं 


जैसे केंद्र सरकार ,, किसी भी सामान के बनने के ऊपर टैक्स लगाती है ,, उन पर जो खर्च होता है उन पर टैक्स लगाती है,, उनका जो सर्विसेज होता है उन पर टैक्स लगाती है,, और फिर उनका जो ट्रांसपोर्टेशन होता है उन पर टैक्स लगाती है।


वही जो राज्य सरकार है ,, वह अपने स्तर पर सेल्स टैक्स लगाती है,, मनोरंजन का टैक्स लगाती है जैसे सिनेमा हो गया,, बिक्री के ऊपर टैक्स लगाती है,, अपने प्रदेश में आने पर टैक्स लगाती है,, लॉटरी के ऊपर टैक्स लगाती है,, सट्टा या जुआ इत्यादि जितने भी प्रोग्राम होते हैं उन पर टैक्स लगाती है।


तो इस तरह केंद्र सरकार के अंतर्गत जो आते है उन पर वे टैक्स लगते हैं, और जो राज्य सरकार के अंतर्गत आते है उन पर वे अपना टैक्स लगाते हैं,, इस तरह दोनों सरकारों का अलग-अलग टैक्सेशन सिस्टम हो जाता है।


किन वस्तुओं के ऊपर कितना टैक्स लगता है?


जीएसटी 0%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर कोई भी तरह का टैक्स नहीं लगता है, इनमें है अनाज, दूध, नमक, काजल नैपकिन, म्यूजिक के किताबें इत्यादि।


जीएसटी 5%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 5 % का जीएसटी टैक्स लगता है ,जैसे,, चाय पत्ती, चीनी, सस्ते कपड़े, जूते, चप्पल, अगरबत्ती, काजू, बायोगैस इत्यादि।


जीएसटी 12%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 12% का जीएसटी लगता है, जैसे मोबाइल, प्लास्टिक की माला, रेडियो लेंस, खाने के मुरब्बा इत्यादि।


जीएसटी 18 % ,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 18 % जीएसटी लगता है, जैसे,, टूथपेस्ट, कंप्यूटर ,टेबलेट खाने का तेल, इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे टीवी, कंप्यूटर इत्यादि।


जीएसटी 28%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 28% जीएसटी लगता है, जैसे,, मोटरसाइकिल,कार, ए .सी,  फ्रिज इत्यादि।


जीएसटी को वित्त मंत्रालय के द्वारा बढ़ाया भी जाता है और जीएसटी को घटाया भी जाता है, इसीलिए कई सामान जो बोहोत किफायती होते हैं तो उन पर ज्यादा जीएसटी लगाया जाता है और कई सामान की जरूरत जब बढ़ जाती है तो उन पर कभी-कभी जीएसटी को घटाया भी जाता है।


अब चलिए चलते हैं अपने मुख्य मुद्दे पर की जीएसटी से किसको फायदा हुआ और किसको नुकसान हुआ?


जीएसटी से किसको फायदा हुआ?


आप सभी को पता होगा कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा जो है वह केंद्र सरकार को हुआ है लेकिन किन-किन चीजों में हुआ है चलिए उसको हम समझ लेते हैं, 


 व्यापार मे,, व्यापार के लेनदेन से सरकार को बहुत ज्यादा मुनाफा हुआ है क्योंकि जीएसटी के आने से टैक्स लेना बहुत ही सरल हो गया है और इसमें नए-नए कंपनियां जुड़ने से बहुत ही ज्यादा टैक्स की वसूली होने लगी।


राज्य सरकार को भी जीएसटी लागू होने से बहुत ही ज्यादा फायदा हुआ है क्योंकि अब टैक्स लेने में पारदर्शिता आई है जिसके कारण राज्य सरकार को भी बहुत ज्यादा मुनाफा हो रहा है।


2023 के राजस्व संग्रह के अनुसार राज्य सरकार ने 98000 करोड़ का मुनाफा किया है, वहीं केंद्र सरकार ने 1 लाख 70 हज़ार करोड रुपए का मुनाफा किया है केवल जीएसटी से।


आम लोगों को भी,, जीएसटी आने से सामान के ले आने और ले जाने में लाभ हुआ है जिससे व्यापार में बढ़ोतरी हुई है और व्यापार तेजी से आगे बढ़ रही है।


जीएसटी से किसको नुकसान हुआ है?


जीएसटी से सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को हुआ है, क्योंकि जो दिन प्रतिदिन इस्तेमाल की जाने वाली चीजें हैं जैसे खाने का तेल, सरसों तेल,  उसपर 18 % टैक्स लिया जा रहा है, जो की गरीबों के लिए चिंता का विषय है, 18 % टैक्स बहुत ज्यादा हो जाता है क्योंकि गरीब जो है वही तेल नमक चीनी यही सब पर आश्रित रहते हैं ,किंतु सरसों के तेल के ऊपर 18 % टैक्स लेकर के गरीबों को और गरीब बनाने की कोशिश की जा रही है।


यहां तक की बैंकिंग सिस्टम के ऊपर भी 18 पर्सेंट टैक्स लिया जा रहा है जो कि पहले 15% था जिससे कि बैंकिंग सेवाएं और भी ज्यादा महंगी हो गई है और आम लोगों के ऊपर इसका बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है।


पेट्रोल के ऊपर जीएसटी ना लगने पर भी आम लोगों के ऊपर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है, क्योंकि लगभग 40 से 50 % टैक्स पेट्रोल के ऊपर लगाया जा रहा है, यदि यही जीएसटी रहता तो इस पर बहुत  कम टैक्स लगता ,तो पेट्रोल की कीमतें इतनी नहीं बढ़ जाती बल्कि बहुत ही कम रहती।


जिस पर जीएसटी लगाना चाहिए उसपर तो सरकार जीएसटी लगाती नहीं है, और जिस पर जीएसटी नहीं लगानी चाहिए उन पर सरकार जीएसटी लगती है ।


इस प्रकार सरकार जो है दो मुख होकर के नीतियां लागू करती है, सरकार सिर्फ अपना फायदा देखती है कि वह जानती है कि यदि पेट्रोल के ऊपर जीएसटी लगाएंगे तो मेरा मुनाफा नहीं होगा हम ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पाएंगे, इसलिए वह पेट्रोल के ऊपर जीएसटी नहीं लगाती है और वह जानती है कि खाने का समान हो गया,  इलेक्ट्रॉनिक सामान हो गया, और बाकी सब चीज हैं इन पर अगर टैक्स लगाएंगे तो हम ज्यादा मुनाफा कमाएंगे, बाकी उनको ना तो देशवासियों की चिंता है और ना ही सरकार को किसी की परवाह है।



कुल देखा जाए तो जीएसटी लाने का मकसद केवल और केवल सरकार को फायदा पहुंचाना है, पहले क्या होता था कि बिचौलिए लोग जो होते थे, टैक्स नहीं देते थे, लेकिन जीएसटी आने से सरकार को बहुत ज्यादा मुनाफा हुआ और आम लोगों को इस पर बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है।


 क्योंकि उनको आप टैक्स देना ही देना है वह किसी भी तरह से टैक्स देने से नहीं छुप सकते क्योंकि सारा कुछ डिजिटल हो गया है इसलिए हम लोग और ज्यादा गरीब हो रहे हैं खाने के लिए भी हमारे पास पैसे नहीं है ।


क्योंकि टैक्स से सामान की कीमतें बहुत ज्यादा हो गई है वही नौकरी नहीं है और ना ही पैसे कमाने का कोई जरिया है जिसपर अपना अपना घर चला सके , तो इस तरह से जीएसटी केवल सरकार को फायदा पहुंचाने वाली सिस्टम है, जो दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है पिछले साल 1 लाख 20 करोड रुपए टैक्स से वसूला गया और इस साल 1 लाख 70 करोड रुपए हो गए यानी साफ तौर पर देखा जा रहा है कि जीएसटी से सरकार को बहुत ज्यादा मुनाफा हो रहा है।


 वहीं आम लोग और ही गरीब होते जा रहे हैं तेल के दाम हो गया, बैंकिंग सिस्टम हो गया और भी ऐसी ऐसी चीजें हैं जिन पर टैक्स लगाया जा रहा है, खाने की चीज हैं जिन पर बहुत ज्यादा टैक्स लगाया जा रहा है, जो की बिल्कुल बर्दाश्त के बाहर है इसलिए मैं आपसे कहना चाहूंगा कि जीएसटी केवल और केवल सरकार को मुनाफा देने वाली टैक्सेशन सिस्टम है।


तो दोस्तों यह थी जानकारी की (जीएसटी से किसको फायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुआ है ?) मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी।  यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो जरूर हमें नीचे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूर अन्य लोगों तक शेयर करें ताकि उन्हें भी जीएसटी के ऊपर जानकारी मिल सके और वह सबकुछ समझ सके।  धन्यवाद।


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Bank Se Loan Lene Ki Jankari


Bank Application In Hindi


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 क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए?

क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए?


नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए? यदि आप क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं या आप क्रेडिट कार्ड से संबंधित जानकारी जानना चाहते हैं, तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि क्रेडिट कार्ड की जरूरत क्यों होती है और कब आपको क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए। लेकिन उससे पहले हम जान लेते हैं कि क्रेडिट कार्ड क्या होता है?


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क्रेडिट कार्ड क्या होता है?


क्रेडिट कार्ड नाम से ही आप समझ गए होंगे कि ऐसा कार्ड जिसमें आपको क्रेडिट दिया जाता हो, यानी पैसे खर्च करने के लिए दिया जाता है, तो ऐसे कार्ड को हम क्रेडिट कार्ड कहते हैं जिसमें आपको पहले से ही पैसे खर्च करने के लिए दिया जाता है, और बाद में फिर उसके इंटरेस्ट के साथ पैसे वसूला जाता है।


क्रेडिट कार्ड आपको पैसे खर्च करने के लिए पहले से ही देती है, जब आप पैसे खर्च करते हैं एक समय सीमा तक आपको इंटरेस्ट नहीं लगता है, लेकिन जब एक समय सीमा तक आप पैसे नहीं जमा कर पाते हैं तो फिर आपको उसमें इंटरेस्ट लगने लगता है।


जैसे आप ₹1000  खर्च करते हैं क्रेडिट कार्ड से और क्रेडिट कार्ड का समय सीमा था एक महीने। यदि 1 महीने तक आप पैसे वापस नहीं करते हैं तो फिर आपको इंटरेस्ट देना पड़ेगा , तो जैसे ही एक महीने के बाद आप पैसा जमा करने जाते हैं तो फिर आपको 1000 के ऊपर इंटरेस्ट लगने लगता है। 


तो इस तरह क्रेडिट कार्ड की कंपनियां पैसे कमाती है और यही होता है क्रेडिट कार्ड का बिजनेस या आप इसे मॉडल भी कह सकते हैं।


क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए?


देखिए हर एक बैंक के क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग फीचर्स होते हैं, कोई बैंक आपको शॉपिंग करने पर ज्यादा का डिस्काउंट देते हैं और कोई बैंक आपको शॉपिंग करने पर बहुत काम का डिस्काउंट देते हैं, ज्यादातर बैंक आपको शॉपिंग करने पर ज्यादा डिस्काउंट देते हैं, ऐसा इसलिए ताकि वह अपने ग्राहक को लुभा सके और क्रेडिट कार्ड उसे दे सके।


यदि बैंक, शॉपिंग करने पर डिस्काउंट नहीं देगी तो कोई भी क्रेडिट कार्ड नहीं लेगा , इसीलिए बैंक शॉपिंग करने पर ज्यादा डिस्काउंट देती है, तो आप वैसा ही क्रेडिट कार्ड ले जो शॉपिंग करने पर आपको ज्यादा डिस्काउंट दे ताकि आपको भी ज्यादा फायदा हो।


तो यदि आप ऑनलाइन या ऑफलाइन ज्यादा शॉपिंग करते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड ले लेना चाहिए, ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप क्रेडिट कार्ड से ज्यादा का शॉपिंग करते हैं तो उसमें लगभग 5% तक का छुट दिया जाता है, जैसे यदि आप ऑनलाइन ₹10000 का शॉपिंग करते हैं तो उसका 5%, यानि ₹500 आपको छूट मिलता है। तो इसीलिए यदि आप ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग करते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड ले लेना चाहिए।।


लेकिन यहां पर बात आती है कि किस बैंक का क्रेडिट कार्ड ले, तो आप उस बैंक का क्रेडिट कार्ड ले जिस बैंक में ज्यादा ऑफर्स आते हैं और जिनके सालाना चार्ज भी कम हो, आपको पता होगा कि क्रेडिट कार्ड सालाना चार्ज लेती है जो कि लगभग ₹1000 तक होती है, यदि आप एसबीआई की बात करें तो वह लगभग 900 से ₹1000 तक सालाना चार्ज लेती है क्रेडिट कार्ड के ऊपर।


जब आप अमेजॉन, फ्लिपकार्ट या किसी भी ऑनलाइन शॉप से सामान खरीदते हैं तो आप वहां पर देखे होंगे कि नीचे डिस्काउंट का ऑप्शन रहता है कि इस क्रेडिट कार्ड से खरीदने पर 10% का डिस्काउंट, इस बैंक के क्रेडिट कार्ड से खरीदने पर 15% का डिस्काउंट. तो इन क्रेडिट कार्ड को लेने का यही फायदा होता है कि जब आप शॉपिंग करते हैं तो आपको डिस्काउंट मिलता है, लेकिन अमेजॉन में आप देख ले की किस बैंक का क्रेडिट कार्ड पर डिस्काउंट दिया जाता है, तो आप यदि अमेजॉन से शॉप करते हैं तो आप जरूर उसी का क्रेडिट कार्ड खरीद लें ताकि आपको और ज्यादा फायदा हो।


यदि आप इंटरनेशनल शॉपिंग करते हैं तब भी आप क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं क्योंकि क्या होता है कि एटीएम से और फोन पर से या वॉलेट से हम इंटरनेशनल शॉपिंग नहीं कर पाते हैं, किन्तु क्रेडिट कार्ड से हम इंटरनेशनल शॉपिंग कर पाते हैं इसलिए यदि आप इंटरनेशनल शॉपिंग करना चाहते हैं तो आप क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं।


या पेपल (paypal ) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन paypal का इस्तेमाल करने से नुकसान यह होता है कि उसमें आपकी सारी जानकारी दी हुई होती है , और paypal वाले क्या करते हैं, की आपकी सारी जानकारी को बेंच देते हैं क्योंकि वह तो है फॉरेन कंट्री में, इसीलिए उन्हें पैसे कमाना होता है, इसलिए आपका डाटा को बेंच देते हैं . इसलिए paypal उतना सुरक्षित नहीं है लेकिन यदि आप इमरजेंसी में है और आपको इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करना है तो उसके लिए paypal का इस्तेमाल कर सकते हैं और नहीं तो सबसे अच्छा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें।


क्रेडिट कार्ड कब नहीं लेना चाहिए?


यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग नहीं करते हैं या ऑफलाइन ज्यादा शॉपिंग नहीं करते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड नहीं लेना चाहिए ऐसा इसलिए क्योंकि क्रेडिट कार्ड लेने पर आपको इंटरेस्ट देना होगा और फिर सालाना कार्ड का पैसा देना होगा।


इसलिए यदि आप एटीएम से पे करते हैं या आप कैश पे करते हैं तो आपको फिर क्रेडिट कार्ड नहीं लेने की जरूरत है।


ज्यादातर बैंक वाले क्या करते हैं, वह देखते हैं कि किसके अकाउंट में ज्यादा पैसा है और फिर उसके अनुसार से वह लोगों को कॉल करते हैं और बोलते हैं कि आप क्रेडिट कार्ड ले लीजिए , आपको शॉपिंग करने पर फायदा होगा, आप जितना ज्यादा सामान खरीदेंगे उतना ज्यादा आपको फायदा होगा लेकिन आप ऐसे लालचों में ना आए क्योंकि यह आपको फसाने का तरीका होता है,


ताकि आप उसके जाल में फँस सके और क्रेडिट कार्ड ले सके और फिर जब आप पैसे नहीं दे पाए तो इंटरेस्ट के रूप में आप उसे और ज्यादा पैसा देते रहें, तो यह एक जाल होता है बैंकों के द्वारा जो बड़े-बड़े पूंजी लोगों को क्रेडिट देकर के उन्हें बेवकूफ बनाते हैं।


यदि आप स्टूडेंट है तब भी आप क्रेडिट कार्ड न लें क्योंकि यदि आप स्टूडेंट है और यदि आप पैसे नहीं जमा कर पाए टाइम पर, तो इंटरेस्ट आपको देना पड़ेगा और आपका सर दर्द और ज्यादा बढ़ जाएगा इसलिए यदि आप स्टूडेंट है तो बिल्कुल भी क्रेडिट कार्ड न लें।


यदि आप महीने का 15 से ₹20000 कमाते हैंऔर आप क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं तो भी आप बिल्कुल ना लें ऐसा इसलिए क्योंकि आपका तो मन करेगा कि हम ज्यादा का सामान खरीद लें और लुभाने के चक्कर में या फिर किसी को दिखाने के चक्कर में आप सामान खरीद लेंगे ज्यादा का और फिर आप उसे ब्याज के तौर पर भरते रहेंगे इसलिए क्रेडिट कार्ड के लालच में ना आए और जितना भी आप पैसे कमा रहे हैं उसको बचा करके रखें और हो सके तो आपको जब जरूरत पड़ता है सामान लेने की तो ऑफलाइन ले ले या फिर एटीएम के द्वारा शॉपिंग कर ले या फोन से शौपिंग कर ले , जो भी आपके पास है उसे आप शॉपिंग कर ले। लेकिन क्रेडिट कार्ड से ना करें .


क्रेडिट कार्ड रहने पर हम तो सोचते हैं कि मेरे पास अभी एक महीने का टाइम है, एक महीने में हम दे देंगे ना क्या हो जाएगा, 1 महीने के बाद हम पेमेंट कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं होता है, कभी-कभी हमारे सिचुएशंस ऐसे हो जाते हैं कि हम पैसे नहीं दे पाते हैं, और फिर जब इंटरेस्ट बढ़ता है तो वह इतना बढ़ जाता है कि फिर हम देने के लिए सोचते रहते हैं.


आपको पता होगा कि क्रेडिट कार्ड का इंटरेस्ट बहुत ज्यादा होता है इसीलिए एक बार यदि आप पैसे नहीं दे पाए तो फिर आपका इंटरेस्ट बढ़ता ही रहता है , बढ़ता ही रहता है इसलिए इसके चंगुल से बचें यदि आपके पास कम पैसे हैं तो आप बिल्कुल भी क्रेडिट कार्ड न लें।


क्या आप अब भी क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं?


यदि आप ऊपर में बताए गए सारी चीजों को जानते हुए भी क्रेडिट कार्ड लेना चाहते हैं तो मैं उसके लिए कुछ क्रेडिट कार्ड का नाम दे दिया हूँ , जिसे आप ले सकते है.


HDFC Bank Credit Card


IndusInd Bank Credit Card


Axis Bank Credit Card


Kotak Bank Credit Card


नोट :- यदि आप क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड से दी हुई सारी जानकारी को जरुर पढ़ ले कि उसका महीने का चार्ज, उसका सालाना चार्ज कितना है, और फिर कितने दिनों तक हमसे इंटरेस्ट नहीं लेंगे और कितने दिनों बाद में अपना इंटरेस्ट लेना चालू करेंगे और कितना पर्सेंट वह इंटरेस्ट लेंगे यह सब सारी जानकारी आप जरूर पढ़ लें उसके बाद ही आप निर्णय करें कि आपको कौन सा क्रेडिट कार्ड लेना है।


मैं अपने अनुभव से बता रहा हूं कि मैंने कई लोगों को देखा है कि उन्हें क्रेडिट कार्ड दे दिया जाता है बैंक के द्वारा , लेकिन उन्हें पता नहीं होता है कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हम कैसे करें, हम कैसे इसको इस्तेमाल कर सकते हैं, कैसे उसके पैसे को रिटर्न कर सकते हैं . उनको यहां तक भी पता नहीं होता है.


इसलिए यदि आप क्रेडिट कार्ड ले रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड से संबंधित सारी जानकारियां ले लें कि कैसे हम उसको इस्तेमाल करें , कैसे उसका पैसा जमा करना है , क्या पैसा अपने आप कट जाएगा मेरे बैंक अकाउंट से या हमको खुद से जाकर के जमा करना है, यह सब सारी जानकारियां ले ले और फिर जो है कि उसका क्रेडिट कार्ड ले.


और यह भी सुनिश्चित करें कि जिससे आप क्रेडिट कार्ड ले रहे हैं क्या उसका मोबाइल ऐप है या नहीं है या डायरेक्ट वह बैंक के द्वारा कंट्रोल होती है इस तरह की पूरी जानकारी आप ले ले उसके बाद ही आप क्रेडिट कार्ड ले।


तो दोस्तों यह थी जानकारी की (क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए) मुझे उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आया होगा यदि आपका कोई सवाल यह सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूर दूसरे लोगों तक भी शेयर करें ताकि उन्हें भी मालूम पड़ सके कि क्रेडिट कार्ड हमें लेना चाहिए या नहीं लेना चाहिए.


बहुत-बहुत धन्यवाद


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