Collector Ko Application Kaise Likhe? With examples

Collector Ko Application Kaise Likhe? With examples

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हेलो दोस्तों हमारी वेबसाइट anekroop में आपका स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे की collector ko application kaise likhte hai.

 इस article में हमने आपको collector application  examples , sample और collector application format भी बताया है।

collector ko application
collector ko application


आगे बढ़ने से पहले हम थोड़ा कलेक्टर के बारे में जान लेते है की

Collector क्या काम करता है?

Collector एक जिला का सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक अधिकारी होता है और वह जिला का प्रमुख होता है उसपर जिले की कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है।

जैसे-

  • जिले मैं कोई आपदा आने से पहले सब चीजों का प्रबंधन करना।
  • जिला के विकास के कार्यों पर नजर रखना।
  • जमीनों के कागज़ों का रखरखाव करना। 
  • जनता की शिकायतों को सुलझाना। 



collector को आप किन किन विषयों पर application लिख सकते है।


Collector को आप कई चीजों  को लेकर application लिख सकते हैं।

जैसे की:
 
  • विकास कार्य  करने के लिए application लिख सकते हैं।
  • अपराध से जुड़ी शिकायत दर्ज करने के लिए।
  • भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत दर्ज करने के लिए।
  • जमीन का नाम बदलने के लिए।
  • सार्वजनिक परेशानियों को लेकर आप एप्लीकेशन लिख सकते है।
  • Pension लेने के लिए collector ko application दे सकते है।
  • Birth certificate लेने के लिए DM को application लिख सकते हैं।
  • Death certificate लेने के लिए आप application लिख सकते हैं।
  • Marriage certificate लेने के लिए आप collector को application लिख कर दे सकते हैं।
  • आप इन सब चीजों को लेकर collector ko application likh sakte hai.


Collector application format या Dm application format


इस फॉर्मेट में आपका dm ko application लिखने का कारण अलग हो सकता है लेकिन ये application format same रहेगा।

सबसे पहले आपको पेज पर -


  • सेवा में: जिलाधिकारी, [जिला का नाम]
  • प्रेषक: [आपका नाम]
  • पता: [आपका address]
  • विषय: [विस्तार में अपने application का उद्देश्य बताएं]

उसके बाद लिखे


  • परिचय: अपना पूरा परिचय दें और आवेदन लिखने का कारण बताएं।
  • विवरण: आपकी समस्या या अनुरोध को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से समझाएं। किसी भी प्रासंगिक विवरण, तिथियों या संदर्भ संख्या को लिखित करें।
  • दस्तावेज जोड़े : अपने आवेदन के समर्थन में आप किन दस्तावेजों को जोड़ रहे हैं, उनकी सूची बनाएं।

लास्ट में


  • अनुरोध:  अपना अनुरोध स्पष्ट और विनम्रतापूर्वक बताएं। उदाहरण के लिए, "मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूं कि कृपया..." या "मैं इस मामले में आपके विचारणीय निवेदन का विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं।"

  • दिनांक और हस्ताक्षर: आवेदन के नीचे दिनांक और अपना हस्ताक्षर शामिल करें।


Collector ko application kaise likhe in hindi examples


हमारे द्वारा आपको कुछ उदाहरण दिए गए हैं,जिससे आपको एक अच्छे से जानकारी मिल जाएगी की dm ko application kaise likhte hai और लिखते वक्त कोई भी समस्या नहीं होगी।

पहला उदाहरण


1) बच्चों के खेलने के लिए पार्क बनवाने हेतु collector ko application


सेवा में,

जिलाधिकारी महोदय, आगरा

विषय: बच्चों के लिए पार्क बनवाने हेतु

माननीय महोदय/महोदया,

मैं, उत्कर्ष सिंह, सुभाष नगर, आगरा का निवासी हूँ। मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि हमारे मोहल्ले में बच्चों के खेलने के लिए एक पार्क बनवाया जाए।

इस समय में, हमारे मोहल्ले में बच्चों के खेलने के लिए कोई भी जगह नहीं है। इस वजह से बच्चे सड़कों पर खेलने को मजबूर हैं, जिस से उनकी जान के लिए खतरा है। एक पार्क बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में खेलने का अवसर प्रदान करेगा।

पार्क में निम्नलिखित सुविधाएं होनी चाहिए:

बच्चों के खेलने के लिए झूले, फिसलपट्टी।
पेड़, पोधे ।
बैठने और पानी पीने की व्यवस्था हो।

मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यदि पार्क बनवाया जाता है, तो मोहल्ले के सभी लोग इसका उचित उपयोग करेंगे।

आपकी सहायता के लिए धन्यवाद।

भवदीय,
उत्कर्ष सिंह

सुभाष नगर, आगरा

दिनांक: 20 फरवरी 2024

हस्ताक्षर: उत्कर्ष सिंह

अतिरिक्त जानकारी

इसमें आप पार्क के लिए एक जगह का उल्लेख कर सकते हैं।


दूसरा उदाहरण


2) गुंडों द्वारा जमीन पर कब्जा किए जाने के संबंध में dm ko application 


सेवा में,

जिलाधिकारी महोदय, गाजियाबाद 

विषय: गुंडों द्वारा जमीन पर कब्जा किए जाने के संबंध में

माननीय महोदय/महोदया,

मैं, रमेश कुमार, गांव बहादुरपुर, जिला गाजियाबाद का निवासी हूँ। मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि मेरी जमीन खसरा संख्या 124, गांव बहादुरपुर पर कब्जा कर लिए जाने के मामले में मेरी सहायता करें।

मेरी जमीन संख्या 124 ,गांव बहादुरपुर पर 19 फरवरी 2024 को कुछ गुंडों ने कब्जा कर लिया था। इन गुंडों ने अवेध तरीके से मेरी जमीन पर कब्जा कर लिया था। मैंने इस मामले में थाना बहादुरपुर में एफआईआर दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

मैंने इन गुंडों से अपनी जमीन खाली करने का अनुरोध किया है, लेकिन उन्होंने मना कर दिया है। मैंने अपनी जमीन के असली कागज़ इस पत्र से जोड़ दिए है।

मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि आप इस मामले में मेरी सहायता करें और मुझे मेरी जमीन वापस दिलाने का आदेश दें। 

धन्यवाद।

भवदीय,
रमेश कुमार

गांव बहादुरपुर, जिला गाजियाबाद

दिनांक: 20 फरवरी 2024

हस्ताक्षर:
रमेश कुमार


अतिरिक्त जानकारी:

आप अपने application में पुलिस रिपोर्ट, गवाहों के बयान, या कोई अन्य डॉक्यूमेंट जोड़ कर दे सकते हैं।

Collector ko application लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना है?


Collector ko application लिखते टाइम, आपको नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखना है।

  • Application की शुरुआत अपने introduction से करे।
  • Application सरल और स्पष्ट भाषा में लिखनी है और आप की application में (आप,आपके) जैसे शब्द का इस्तेमाल करे।
  • Application में सभी आवश्यक जानकारी और आपकी परेशानी पूरी अच्छे से शामिल होनी चाहिए।
  • Application के साथ सभी important documents जुड़े होने चाहिए जो की आप को लगते है की इनकी जरूरत होगी।
  • Application के लास्ट में signature और date mention होना चाहिए। 
  • Application में उन्हें धन्यवाद जरूर करे।


यह थी हमारे द्वारा आपको दी गई पूरी जानकारी  की आप collector ko kaise application likh sakte है।

अभी भी आपको कोई दिक्कत हो रही है की dm ko application kaise likhe तो आप हमे इस पोस्ट के नीचे कमेंट करे।


FAQ


DM ki full form ?

DM की full form है district magistrate

Collector ko application kaise जमा करे?

आप Collector office में जाकर या ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं.

Collector को और क्या कहते है?

Collector को आप DM ओर हिंदी में जिला अधिकारी कह सकते है।

यह भी जाने -

Sandeep Maheshwari Ab Kya Naya Karne Jaa Rahe Hai ???

Sandeep Maheshwari Ab Kya Naya Karne Jaa Rahe Hai ???

 Namaskar doston aapka anekroop me swagat hai. Iss post me hum Sandeep Maheshwari ke bare me janenge ki wah kya naya karne jaa rahe hai....Main aise post nahi likhta lakin aaj me likh raha hoon kyunki kayi baar aise logon ke bare me likhna chahiye jo aapko sahi raah dikhaye aur jo sabhi logon ke liye bhalayi ka kaam kare..... Aaplog to jante hoge Sandeep Maheshwari aur Vivek Bindra ke bich huwi controversy ke bare me ....

Lakin aapko yah jaan kar aur bhi aascharya hoga ki Sandeep Maheshwari ab kayi anya issues ke bare me bhi youth ko jagruk kar rahe hai....

Wah ab aise topic ko pakad rahe hain jo youth ko barbad kar raha hai ,, yaa jisse high level par fraud ka kaam chal raha hai...

Mujhe khushi hai ki ,,,desh me koi aisa bhi wyakti hai jo youth ko lekar serious hai aur usse sahi raah dikha raha hai...

Sandeep Maheshwari
image source : www.sandeepmaheshwari.com


EXAMPLE -1 

12th fail ek movie aayi thi ,,, jisme dikhaya gaya tha ki kaise ek ladka jo 12th fail rehta hai wah kadi mehnat se upsc ka exam clear kar leta hai.....Lakin uske dark side ko nahi dikhaya gaya ki ,,,,jin logon ka upsc clear nahi hota hai wah kaise depression me chale jaate hai aur unki life kaafi had tak kharab ho jaati hai... Kyunki upsc  ke padhayi se unhe koi bhi skill nahi milti aur naa hi uske basis par unhe kaam milta hai.....

UPSC me selection kewal 0.1 % logon ka hota hai....Baaki ke 99.9 % students berojgaar ho jaate hai aur phir chota mota kaam karna shuru kar dete hai....

Aise me country me high level par unskilled log ho jaate hai jisse desh me tarakki nahi ho paati hai...

Aur aise student apni bhi zindagi ko barbad kar dete hai....

Issiliye mujhe bohot khushi huyi ki aise topic par baat kiya jaa raha hai aur log samajhdaar ho rahe hai...

EXAMPLE - 2 

Kayi Coaching chalane waale bohot jyata fraud karte hai ,,,aapse saal bhar ka fee pahle hi le lete hai aur phir padhayi bohot hi kharab karate hai,,,aise me students phans jaate hai ...wah jab apne paise mangte hai to unhe diye nahi jaate .....diye bhi jaate hain to bohot kam .....isme unki paise aur time dono barbad ho jaate hai....

Issiliye coaching chalane wale se bach kar rahe ...Pahle pata kar le ki coaching chalane wale ki degree kya hai aur wahaan kitne bachon ka selection hoti hai....

Wah promotion ke liye selected bachon ko paise dekar unke tasveer ko apni Ads me lagate hai...Jo ki bohot hi galat hai....

Aise promotions lagbhag sabhi coaching institute karte hai...Main jab 11 th me tha tab bhi ye bohot chalta tha,,mera bhi 6 mahine aise hi barbad ho gaya tha.....Uss coaching institute ka naam tha Sigma Education....Padhayi to uski bohot bekaar ,,,teacher bhi time par class nahi lete the.....Aur fee pahle hi le liya jaata tha....To maine 6 mahine ke baad wah coaching chor diya tha...Isse mera base kamjor ho gaya tha...

Issiliye main aapse kehta hoon ki yadi aap 11 me hai to starting se hi aise coaching institute ko pakde to faltu ka advertisement nahi katta ho ,,, aur monthly fee leta ho,,,,aur unke bare me sabhi students ko jankari ho......

EXAMPLE 3 

MLM companiyan - Mere relation me ek wyakti hai jo networking se jude hai,,,,Pahle wah IMC me the ,,phir usko chor diye ,,,,phir Vestige me gaye ...usko bhi chor diye...aur ab wah kisi dusre company me jude hai...

MLM Companiyon ka moto rahta hai,,,bazaar se paise lena hai,,,5 se 10 logon ko crorepati banana hai aur phir saare paise lekar daba lena hai....

Iska model bohot simple rahta hai,,,Aap dusre logon ko jodiye ,,use company ke bare me bataiye,,,Wah judega phir wah dusron ko jodega,,,aise karte karte aapka graph badhte jayega...aur phir aapki payment bhi dheere dheere badhti jayegi...

Lakin dikkat isme yah aati hai ki product jo aapko market me 10 rupaye me mil jayenge ,,,,wahi product aapko inn companiyon me 50 rupaye me milegi....

Aur dusra dikkat yah hai ki ,,,companiyan kab bhagegi iska koi thikana nahi hai....Jab companiya bhagegi to aapke saare mehnat barbad ho jayenge...aur phir aapko starting se mehnat karni hogi...

Aisi companiyan dikhawe ke liye Cars ka istemaal karti hai....2-4 logon ko wah Car de deti hai....aur phir unko dekhkar bhole bhale log apne paise aur time invest karne lagte hai....

Aap samajh lijiye ki shortcut tarike se aap kabhi bhi kamyag nahi ho sakte,,,Yadi aapko success chahiye to pahle koi skill develop kijiye...

Chahe aap Writing kariye,,,Singing Kariye...Business Kariye...Yaa Phir koi technical degree lijiye jaise...B.tech,,,MBBS etc..

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To doston aaj ke liye itna hi...Mujhe ummid hai ki aapko yah post pasand aayi hogi...

Maine iss post me Sandeep Maheshwari jo kaam kar rahe hai ,,uske bare me bataya hai aur kuch apni bhi example diye hai...Mujhe ummid hai ki aapko yah jankari jaroor pasand aayi hogi...

Ispar aapki kya pratikriya hai hame comment me jaroor bataye....bohot bohot Dhanyawaad.....

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Yah bhi jane :-

होल्डिंग टैक्स अधिक आने पर नगर निगम को एप्लीकेशन

होल्डिंग टैक्स अधिक आने पर नगर निगम को एप्लीकेशन

नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज हम जानेंगे की होल्डिंग टैक्स अधिक आने पर हम नगर निगम को एप्लीकेशन कैसे लिखते हैं, और यह भी जानेंगे कि यदि हमारा होल्डिंग टैक्स बहुत ज्यादा आ गया है तो उसे कम करने के लिए क्या-क्या प्रक्रिया होती है।

Holding tax adhik aane par application



होल्डिंग टैक्स अधिक आ जाने पर क्या करें?


यदि आपका होल्डिंग टैक्स अधिक आ गया है तो उसके लिए आप एक आवेदन नगर निगम को दे सकते हैं, जिसके बाद वह जांच के लिए आपके घर एक व्यक्ति को भेजेंगे और फिर वह आपके घर की जांच करके होल्डिंग टैक्स में सुधार कर देंगे, तो यदि आपका होल्डिंग टैक्स ज्यादा आ गया है तो घबराने की बात नहीं है वह कुछ ही दिनों में कम हो जाएगा.

होल्डिंग टैक्स अधिक आने पर एप्लीकेशन

सेवा में
श्रीमान एसपीएस मैनेजर साहब
(धनबाद नगर निगम)

विषय विषय - होल्डिंग टैक्स अधिक आने के संबंध में
मान्यवर,
             सविनय निवेदन है कि मैं पप्पू महतो, पिता स्वर्गीय नकुल महतो ,ग्राम - लोयाबाद, थाना - लोयाबाद, पोस्ट- बांसवाड़ा ,जिला-  धनबाद (झारखंड ) का निवासी हूं. मेरे घर के होल्डिंग टैक्स को बढ़ाकर लिया गया है, मेरा घर 24*19 sq. ft है लेकिन इसके sq ft को बढ़कर , अधिक होल्डिंग टैक्स लिया गया है।

अतः श्रीमान से निवेदन है कि मेरे घर का जांच कर मेरे होल्डिंग टैक्स को कम किया जाए, इसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूंगा।

नाम - पप्पू महतो
मोबाइल नंबर - 99726464
Saf no -3536482636847

इस एप्लीकेशन से आप दो तरह का काम कर सकते हैं यदि आप अपने घर का जांच करवाना चाहते हैं तो आप इसी तरीके का एप्लीकेशन लिखेंगे, और यदि आप अपने घर के स्क्वायर फिट को घटाना चाहते हैं तो भी आप इसी तरह का एप्लीकेशन लिखेंगे

होल्डिंग टैक्स क्यों अधिक आ जाता है?

यदि आपका होल्डिंग टैक्स पहले से ज्यादा आ रहा है।
उदाहरण में जैसे पिछले साल आपका होल्डिंग टैक्स ₹700 था और इस साल वह बढ़कर 750 या 800 हो गया है तो इसमें घबराने की बात नहीं है क्योंकि प्रत्येक वर्ष होल्डिंग टैक्स सरकार के द्वारा बढ़ाया जा रहा है हर एक साल सरकार होल्डिंग टैक्स में ₹50 से ₹100 तक बढ़ा रही है।

लेकिन जब आपका होल्डिंग टैक्स बहुत ज्यादा बढ़ करके आए जैसे 700 की जगह 1000 या 1200 या 1500 तो फिर आपको एक एप्लीकेशन लिखकर नगर निगम को दे देना चाहिए और जांच के लिए बुलाना चाहिए नहीं तो प्रत्येक वर्ष आपका होल्डिंग टैक्स ज्यादा लगता जाएगा.

कई बार नगर निगम के लोग जान मुचकर भी होल्डिंग टैक्स को बढ़ा करके भेजते हैं, और कई बार सिस्टम खराब होने पर भी होल्डिंग टैक्स ज्यादा आ जाता है, तो ऐसी स्थिति में आप अपने पिछले साल का होल्डिंग टैक्स देख ले कि मेरा पिछले साल का होल्डिंग टैक्स कितना था और उसे इस साल के होल्डिंग टैक्स से कंपेयर करें। यदि होल्डिंग टैक्स में ₹50 से ज्यादा बढ़ाकर होल्डिंग टैक्स आ गया है तो फिर उसके लिए एक एप्लीकेशन लिख करके दे दें जो एप्लीकेशन मैंने ऊपर में लिख दिया है।

नगर निगम में और भी कई तरह की एप्लीकेशन की जरूरत होती है यदि आपको कोई और परेशानी है नगर निगम से और उसके लिए आपको एप्लीकेशन चाहिए या फिर कोई मदद चाहिए तो फिर आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं हम आपको जरुर मदद करेंगे और कोशिश करेंगे कि आपकी समस्या को हम सुलझा सकें।

Yah bhi jane -




            
    



सिबील स्कोर क्या होता है ? और कैसे लोन लेते समय यह हमारे काम में आता है ?

सिबील स्कोर क्या होता है ? और कैसे लोन लेते समय यह हमारे काम में आता है ?


नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज हम जानेंगे सिबिल स्कोर के बारे में , कि ( सिबील स्कोर क्या होता है ? और कैसे लोन लेते समय यह हमारे काम में आता है ?) तो दोस्तों यदि आप लोन ले रहे हैं या सिविल स्कोर के बारे में जानना चाह रहे हैं तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है आप इस पोस्ट को जरूर अंत तक पढ़े।


Cibil score kya hota hai



सिबिल स्कोर क्या होता है?


 सिविल का फुल फॉर्म होता है ( क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) और यह एक कंपनी है जो बैंक के लेनदेन के अनुसार से उसे एक स्कोर देती हैं, जिसे सिविल स्कोर कहते हैं।


जब भी हम बैंक से लेनदेन करते हैं, तो उस लेनदेन के अनुसार हमारा स्कोर बनता है, जैसे यदि हम बैंक से ज्यादा पैसों का लेनदेन करते हैं, या ज्यादा लेनदेन करते हैं, तो हमारा ज्यादा सिबिल स्कोर बनता है, और जब हम लोन लेते हैं और सही टाइम पर चुका देते हैं तो भी हमारा अच्छा सिविल बनता है, और जब लोन लेते हैं और बहुत लेट बाद चुकाते हैं तो खराब सिबिल स्कोर बनता है, तो इस प्रकार बैंकों के लेनदेन को ध्यान में रखते हुए सिविल स्कोर को ऊपर और नीचे रखा जाता है।


सिबिल स्कोर को कितने भागों में बांटा गया है?


सिबिल स्कोर को पांच भागों में बांटा गया है।


पहले है 600 से कम इसको बहुत खराब सिबिल स्कोर माना गया है।

दूसरा है 600 से 649 इसको खराब सिबिल स्कोर माना गया है।

तीसरा 650 से 699 इसको सामान्य सिबिल स्कोर माना गया है।

चौथा है 700 से 749 इसको अच्छा सिबिल स्कोर माना गया है।

पांचवा है 750 से 900 इसको बहुत अच्छा सिबिल स्कोर माना गया है।


यहां पर सिबिल स्कोर को बांटने का मतलब है कि आपका जितना अच्छा सिविल स्कोर होगा, लोन लेने में आपको उतनी ही आसानी होगी और आप जल्दी लोन ले पाएंगे और लोन देने में आपको बैंक कभी भी लेट नहीं करेगी।


कैसे सिबील स्कोर लोन लेते समय हमारे काम में आती है?


आपका सिबिल स्कोर 600 से कम है इसका मतलब यही है कि आप समय पर लोन नहीं चुकाते, हैं लोन लेने के बाद आप बहुत देर-देर से लोन को चुकाते हैं या फिर लेने के बाद आप पैसे नहीं चुकाते हैं, आपके ऊपर केस चल रहा हो लोन से रिलेटेड।

 तो इस तरह के जो कस्टमर होते हैं उनका सिविल स्कोर बहुत ही खराब होता है और इसलिए इन कस्टमर को आगे लोन लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है ।


यदि आपका सिबिल स्कोर बहुत कम है 600 से कम है तो आपको लोन लेने में बहुत ही दिक्कत होगी और आपको लोन तभी मिलेगी जब आपके पास बहुत ज्यादा कॉलेटरल हो, सबूत के तौर पर या आप बैंक को भरोसा दिला सके कि हां हम लोन चुकता कर देंगे तभी जो है कि इस तरह के सिविल स्कोर में आपका लोन पास होगा।


जब आपका सिबिल स्कोर 600 से 649 है इसका मतलब भी आपका सिबिल स्कोर खराब है लेकिन इसमें संभावना है कि आपको लोन मिल सकता है।


649 का सिविल स्कोर यानी बहुत ही खराब है ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि समय पर हम लोन नहीं चुकाते हैं, हम सोचते हैं अभी टाइम है ना, समय है, बाद में दे देंगे , लेकिन लोगों को मालूम नहीं होता है, अवेयरनेस नहीं होती है, कि यदि हम समय सीमा के बाद लोन का पैसा देते हैं तो हमारा सिविल स्कोर घटता है। 


देखिए यहां पर लोगों को गलत नहीं बताया गया है बल्कि अवेयरनेस की कमी है यदि लोग अवेयर हो सिविल स्कोर के बारे में तो वह टाइम पर पैसे दे देंगे, लेकिन अवेयरनेस नहीं होती है सिविल स्कोर के बारे में इसीलिए लोग थोड़ा लेट पेमेंट करते हैं, वह सोचते हैं कि समय तो है, हम आज नहीं 1 महीने बाद कर देंगे, अच्छा अभी पूजा चल रहा है पूजा के बाद दे देंगे । उनके इरादे सही होते हैं लेकिन समय के टलने की वजह से उनका सिविल स्कोर खराब हो जाता है।


650 से 699 यदि आपका सिविल स्कोर है तो संभावना है की आपको लोन मिल सकता है ऐसा इसलिए क्योंकि यहां तक के सिबिल स्कोर को एवरेज सिविल स्कोर कहा गया है। इसका मतलब यह है कि आप जब लोन लेते हैं तो समय पर आप चुका देते हैं आप ज्यादा लेट नहीं करते हैं और आप बैंक से भी ज्यादा लेनदेन करते हैं इसलिए आपका इतना अच्छा सिबिल स्कोर है।


किंतु इसमें दिक्कत यह है कि जब हम छोटे-छोटे लोन लेते हैं ,तब भी  सिबिल स्कोर कम होता है , तो यदि आप छोटे लोन ले रहे हैं छोटे समय के लिए लोन ले रहे हैं, तब भी आपके सिविल स्कोर कम होगा।


 जैसे यदि आप साल 1 साल का लोन लेते हैं या फिर 6 महीना का लोन लेते हैं और फिर उसे टाइम पर चुकाते हैं तो पर भी हमारा सिविल स्कोर कम हो जाता है। क्योंकि ऐसे लोन से बैंक को बोहोत कम फायदा होता है,


 लेकिन ऐसे सिविल स्कोर पर संभावना होती है कि कस्टमर को लोन दे दिया जाए क्योंकि वह समय पर अपना लोन दे रहे हैं भले ही वह कम पैसों का लोन ले रहे हैं लेकिन वह समय पर लोन का पैसा दे रहे हैं इसलिए उनको लोन दे दिया जाता है।


700 से 749 यदि आपका सिविल स्कोर है इसका मतलब यह है कि आप बहुत अच्छे हैं लोन चुकाने के संबंध में, आपके और आपके बैंक से अच्छा संबंध है, जब भी आप कोई लोन लेते हैं तो उसे समय पर चुकाते हैं और आप लंबे समय के लिए लोन लेते हैं।


और यदि आप पहली बार लोन ले रहे हैं तब भी आपका सिबिल स्कोर 700 से 749 तक ही रहता है, जिसे हम -1 सिविल स्कोर भी कहते हैं, यदि आप पहली बार लोन ले रहे हैं तो यही सीमित स्कोर आपका रहता है जिसमें आपको लोन दे दिया जाता है।


 ज्यादातर लोग, जब पहली बार लोन लेते हैं तो उन्हें लोन दे दिया जाता है ,इसे पर्सनल लोन भी कहते हैं जब आप पर्सनल लोन लेते हैं तब आपका सिविल स्कोर इतना ही रहता है।


और यदि आप घर बनाने के लिए या पढ़ाई के लिए या फिर बहुत ज्यादा रुपयों का लोन ले रहे हैं तब आपके सिविल स्कोर को भी देखा जाता है और कॉलेटरल को भी देखा जाता है यानी आपकी इनकम को भी देखा जाता है कि आप कितना रुपए कमाते हैं, उसके अनुसार जो है कि आपको अधिक रुपयों का लोन दिया जाता है । और यदि आप पर्सनल लोन ले रहे हैं बहुत कम पैसों का, जैसे 2 लाख ,3 लाख रुपयों का तो आपको जो है कि आपका सिविल स्कोर देखकर लोन दे दिया जाता है।


यदि आपका सिविल स्कोर 750 से 900 तक है, इसका मतलब आप बहुत अच्छे हैं, बैंक के नजर में आप बहुत समय-समय पर अपना लोन चुकाते हैं , और आपने एक बार नहीं बल्कि कई बार लोन लिया है, और समय-समय पर आप लोन चुकाते हैं, आप बैंक को फायदा करते हैं इसलिए ऐसे लोगों को बैंक खुद खोजती है और लोन देना चाहती है जिनका सिबिल स्कोर 750 से 900 तक होता है।


देखिए सिबिल स्कोर एक बार लोन लेने से नहीं अच्छा हो जाता है यदि आपको बहुत अच्छा सिबिल स्कोर बनाना है 900 के आसपास तो उसके लिए आप को कई बार लोन लेना पड़ता है और समय पर उसे चुकाना पड़ता है, इससे बैंक समझ जाते हैं कि यह कस्टमर जो है मेरा फायदा पहुंचा रहा है तो बैंक खुद उसे ढूंढती है और उसे लोन देती है।


तो यदि आप बिजनेसमैन है आप पैसों का लेनदेन ज्यादा करते हैं, तो मैं आपसे कहूंगा कि आप अपना सिबिल स्कोर बहुत अच्छा रखें 800 और 900 के आसपास ताकि आपको कभी भी बैंक से लोन लेने में दिक्कत ना हो लेकिन इसके लिए क्या करना होगा कि आपको टाइम पर  अपना लोन पेमेंट करना होगा और यदि आप टाइम पर लोन पेमेंट ना कर रहे हैं तो आपको कम से कम एक नोटिस दे देना होगा ताकि बैंक समझ जाए कि यह अगले महीने लोन पेमेंट कर देगा। 


 तो नोटिस देखकर यदि आप लोन को बाद में पेमेंट करते हैं तो आपका सिविल स्कोर अच्छा हो जाता है लेकिन यदि आप बिना नोटिस के पेमेंट नहीं कर पाते तो इससे आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है। 


क्या होता है बिजनेस में कभी-कभी घटा भी होता है कभी-कभी फायदा भी होता है तो लोग बहुत अच्छे सिविल स्कोर को बनाए नहीं रख पाते हैं इसीलिए लोगों का सिबिल स्कोर खराब हो जाता है।


तो अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप समय पर अपना लोन का पेमेंट दें और बैंक से एक अच्छा संबंध बना कर रखें, देखिए यह सिबिल स्कोर क्या है एक बाहरी चीज है यह कागजी चीज है, लेकिन आपका जो कनेक्शन होगा बैंक के साथ वह अंदरूनी चीज है।


तो यदि आप बैंक से बहुत लम्बे समय से जुड़े हुए हैं और बहुत लंबे समय से लोन ले रहे हैं  और उसका पेमेंट कर रहे हैं, एक अच्छा संबंध बन गया है बैंक के साथ तो फिर आपको उस समय आसानी से लोन मिल जाता है , भले उस समय आपका सिविल स्कोर थोड़ा सा कम हो 600- 700 या उससे भी कम हो तो भी बैंक भरोसा करके आपको लोन दे देती है यदि आप बहुत लंबे समय से बैंक से जुड़े हैं तो।


तो इस तरह सिबिल स्कोर काम करता है  लोन के संबंध में ,और यदि आप पहली बार लोन ले रहे हैं तब भी यह सिविल स्कोर काम आएगा और जब आप दूसरी लोन लेने जाएंगे तब आपका सिविल स्कोर जरूर देखा जाएगा इसलिए यदि आप बैंक से अच्छा संबंध बनाए रखना चाहते हैं तो अपने सिविल स्कोर को जरूर अच्छा रखें ताकि आगे आने वाले समय में आपको परेशानी ना हो और आप आसानी से लोन ले सकें।


तो दोस्तों यह थी जानकारी सिबिल स्कोर के बारे में कि (सिबिल स्कोर क्या होता है ? और कैसे लोन लेते समय यह हमारे काम में आता है?)  मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो जरूर हमें नीचे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूर अन्य लोगों तक शेयर करें ताकि उन्हें भी सिविल स्कोर के बारे में पता चल सके बहुत-बहुत धन्यवाद।


Yah bhi jane -







जीएसटी से किसको फ़ायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुवा है ?

जीएसटी से किसको फ़ायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुवा है ?

 


नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि ( जीएसटी से किसको फ़ायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुवा है ?) और यह भी समझेंगे कि जीएसटी क्या है? और किन-किन सामानों में कितना जीएसटी लगता है? और जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं?


GST



जीएसटी क्या है?


जीएसटी यानी ( Goods and Services Tax)। यानी वस्तुओं में और सर्विसेज में जो टैक्स लगता है उसे हम जीएसटी कहते हैं। जीएसटी को भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया है और इसे टैक्स में और सुधार करने के लिए बनाया गया है।



यह एक देश एक टैक्स के सिस्टम को बढ़ावा देता है , इसका मतलब पूरे देश में  वस्तुओं के ऊपर एक ही टैक्स लगाया जाएगा इसलिए भी जीएसटी को लाया गया है।


जैसे आपका इलेक्ट्रॉनिक का दुकान है, आप टीवी बेचते हैं, तो उस पर 12% का टैक्स है चाहे आप मुंबई में रह रहे हैं या आप चेन्नई में रह रहे हैं,  आपको एक ही टैक्स लगेगा।


जीएसटी में पेट्रोलियम, अल्कोहल और नेचुरल गैस को छोड़कर लगभग सभी वस्तुओं को सामिल किया गया है।


जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं?


जीएसटी 4 प्रकार के होते हैं, एक है केंद्रीय जीएसटी जिसे हम (सीजीएसटी - CGST) कहते हैं दूसरा है राज्य जीएसटी जिसे हम (एसजीएसटी - SGST) कहते हैं और तीसरा है ( इंटीग्रेटेड जीएसटी) और चौथा है ( यूटीजीएसटी - UGST)। 


यूटीजीएसटी मतलब यूनियन टेरिटरी जीएसटी जहां पर उनकी अपनी विधानसभाएं नहीं होती है।


केंद्रीय जीएसटी   और यूटीजीएसटी को केंद्र सरकार  लागू करती है वहीं राज्य जीएसटी को राज्य सरकार लागू करती है।


लगभग सभी वस्तुओं में केंद्र सरकार और राज्य सरकार एक साथ मिलकर के जीएसटी लगाती है, और जो वस्तुएं जीएसटी से बाहर है उन कारोबारों को छोड़कर लगभग सभी में समान रूप से टैक्स लगाया जाता है।


जैसे,  इलेक्ट्रॉनिक सामान है,  तो उन पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार का एक ही तरह का जीएसटी रहता है,  वही जैसे पेट्रोलियम है , जिस पर जीएसटी नहीं लगाया जाता है, इसीलिए राज्य सरकार अपने अनुसार उन पर टैक्स लगाती है। और यही वजह है कि आपको हर एक राज्य में पेट्रोल का दाम अलग-अलग दिखाई देता है।


लेकिन अब आप पूछेंगे कि फिर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के जीएसटी में क्या अंतर है?


देखिए दोनों सरकार के अपने-अपने वस्तुएं हैं जिनपर वह टैक्स लगाते हैं 


जैसे केंद्र सरकार ,, किसी भी सामान के बनने के ऊपर टैक्स लगाती है ,, उन पर जो खर्च होता है उन पर टैक्स लगाती है,, उनका जो सर्विसेज होता है उन पर टैक्स लगाती है,, और फिर उनका जो ट्रांसपोर्टेशन होता है उन पर टैक्स लगाती है।


वही जो राज्य सरकार है ,, वह अपने स्तर पर सेल्स टैक्स लगाती है,, मनोरंजन का टैक्स लगाती है जैसे सिनेमा हो गया,, बिक्री के ऊपर टैक्स लगाती है,, अपने प्रदेश में आने पर टैक्स लगाती है,, लॉटरी के ऊपर टैक्स लगाती है,, सट्टा या जुआ इत्यादि जितने भी प्रोग्राम होते हैं उन पर टैक्स लगाती है।


तो इस तरह केंद्र सरकार के अंतर्गत जो आते है उन पर वे टैक्स लगते हैं, और जो राज्य सरकार के अंतर्गत आते है उन पर वे अपना टैक्स लगाते हैं,, इस तरह दोनों सरकारों का अलग-अलग टैक्सेशन सिस्टम हो जाता है।


किन वस्तुओं के ऊपर कितना टैक्स लगता है?


जीएसटी 0%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर कोई भी तरह का टैक्स नहीं लगता है, इनमें है अनाज, दूध, नमक, काजल नैपकिन, म्यूजिक के किताबें इत्यादि।


जीएसटी 5%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 5 % का जीएसटी टैक्स लगता है ,जैसे,, चाय पत्ती, चीनी, सस्ते कपड़े, जूते, चप्पल, अगरबत्ती, काजू, बायोगैस इत्यादि।


जीएसटी 12%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 12% का जीएसटी लगता है, जैसे मोबाइल, प्लास्टिक की माला, रेडियो लेंस, खाने के मुरब्बा इत्यादि।


जीएसटी 18 % ,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 18 % जीएसटी लगता है, जैसे,, टूथपेस्ट, कंप्यूटर ,टेबलेट खाने का तेल, इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे टीवी, कंप्यूटर इत्यादि।


जीएसटी 28%,, ऐसी वस्तुएं जिन पर 28% जीएसटी लगता है, जैसे,, मोटरसाइकिल,कार, ए .सी,  फ्रिज इत्यादि।


जीएसटी को वित्त मंत्रालय के द्वारा बढ़ाया भी जाता है और जीएसटी को घटाया भी जाता है, इसीलिए कई सामान जो बोहोत किफायती होते हैं तो उन पर ज्यादा जीएसटी लगाया जाता है और कई सामान की जरूरत जब बढ़ जाती है तो उन पर कभी-कभी जीएसटी को घटाया भी जाता है।


अब चलिए चलते हैं अपने मुख्य मुद्दे पर की जीएसटी से किसको फायदा हुआ और किसको नुकसान हुआ?


जीएसटी से किसको फायदा हुआ?


आप सभी को पता होगा कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा जो है वह केंद्र सरकार को हुआ है लेकिन किन-किन चीजों में हुआ है चलिए उसको हम समझ लेते हैं, 


 व्यापार मे,, व्यापार के लेनदेन से सरकार को बहुत ज्यादा मुनाफा हुआ है क्योंकि जीएसटी के आने से टैक्स लेना बहुत ही सरल हो गया है और इसमें नए-नए कंपनियां जुड़ने से बहुत ही ज्यादा टैक्स की वसूली होने लगी।


राज्य सरकार को भी जीएसटी लागू होने से बहुत ही ज्यादा फायदा हुआ है क्योंकि अब टैक्स लेने में पारदर्शिता आई है जिसके कारण राज्य सरकार को भी बहुत ज्यादा मुनाफा हो रहा है।


2023 के राजस्व संग्रह के अनुसार राज्य सरकार ने 98000 करोड़ का मुनाफा किया है, वहीं केंद्र सरकार ने 1 लाख 70 हज़ार करोड रुपए का मुनाफा किया है केवल जीएसटी से।


आम लोगों को भी,, जीएसटी आने से सामान के ले आने और ले जाने में लाभ हुआ है जिससे व्यापार में बढ़ोतरी हुई है और व्यापार तेजी से आगे बढ़ रही है।


जीएसटी से किसको नुकसान हुआ है?


जीएसटी से सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को हुआ है, क्योंकि जो दिन प्रतिदिन इस्तेमाल की जाने वाली चीजें हैं जैसे खाने का तेल, सरसों तेल,  उसपर 18 % टैक्स लिया जा रहा है, जो की गरीबों के लिए चिंता का विषय है, 18 % टैक्स बहुत ज्यादा हो जाता है क्योंकि गरीब जो है वही तेल नमक चीनी यही सब पर आश्रित रहते हैं ,किंतु सरसों के तेल के ऊपर 18 % टैक्स लेकर के गरीबों को और गरीब बनाने की कोशिश की जा रही है।


यहां तक की बैंकिंग सिस्टम के ऊपर भी 18 पर्सेंट टैक्स लिया जा रहा है जो कि पहले 15% था जिससे कि बैंकिंग सेवाएं और भी ज्यादा महंगी हो गई है और आम लोगों के ऊपर इसका बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है।


पेट्रोल के ऊपर जीएसटी ना लगने पर भी आम लोगों के ऊपर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है, क्योंकि लगभग 40 से 50 % टैक्स पेट्रोल के ऊपर लगाया जा रहा है, यदि यही जीएसटी रहता तो इस पर बहुत  कम टैक्स लगता ,तो पेट्रोल की कीमतें इतनी नहीं बढ़ जाती बल्कि बहुत ही कम रहती।


जिस पर जीएसटी लगाना चाहिए उसपर तो सरकार जीएसटी लगाती नहीं है, और जिस पर जीएसटी नहीं लगानी चाहिए उन पर सरकार जीएसटी लगती है ।


इस प्रकार सरकार जो है दो मुख होकर के नीतियां लागू करती है, सरकार सिर्फ अपना फायदा देखती है कि वह जानती है कि यदि पेट्रोल के ऊपर जीएसटी लगाएंगे तो मेरा मुनाफा नहीं होगा हम ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पाएंगे, इसलिए वह पेट्रोल के ऊपर जीएसटी नहीं लगाती है और वह जानती है कि खाने का समान हो गया,  इलेक्ट्रॉनिक सामान हो गया, और बाकी सब चीज हैं इन पर अगर टैक्स लगाएंगे तो हम ज्यादा मुनाफा कमाएंगे, बाकी उनको ना तो देशवासियों की चिंता है और ना ही सरकार को किसी की परवाह है।



कुल देखा जाए तो जीएसटी लाने का मकसद केवल और केवल सरकार को फायदा पहुंचाना है, पहले क्या होता था कि बिचौलिए लोग जो होते थे, टैक्स नहीं देते थे, लेकिन जीएसटी आने से सरकार को बहुत ज्यादा मुनाफा हुआ और आम लोगों को इस पर बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है।


 क्योंकि उनको आप टैक्स देना ही देना है वह किसी भी तरह से टैक्स देने से नहीं छुप सकते क्योंकि सारा कुछ डिजिटल हो गया है इसलिए हम लोग और ज्यादा गरीब हो रहे हैं खाने के लिए भी हमारे पास पैसे नहीं है ।


क्योंकि टैक्स से सामान की कीमतें बहुत ज्यादा हो गई है वही नौकरी नहीं है और ना ही पैसे कमाने का कोई जरिया है जिसपर अपना अपना घर चला सके , तो इस तरह से जीएसटी केवल सरकार को फायदा पहुंचाने वाली सिस्टम है, जो दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है पिछले साल 1 लाख 20 करोड रुपए टैक्स से वसूला गया और इस साल 1 लाख 70 करोड रुपए हो गए यानी साफ तौर पर देखा जा रहा है कि जीएसटी से सरकार को बहुत ज्यादा मुनाफा हो रहा है।


 वहीं आम लोग और ही गरीब होते जा रहे हैं तेल के दाम हो गया, बैंकिंग सिस्टम हो गया और भी ऐसी ऐसी चीजें हैं जिन पर टैक्स लगाया जा रहा है, खाने की चीज हैं जिन पर बहुत ज्यादा टैक्स लगाया जा रहा है, जो की बिल्कुल बर्दाश्त के बाहर है इसलिए मैं आपसे कहना चाहूंगा कि जीएसटी केवल और केवल सरकार को मुनाफा देने वाली टैक्सेशन सिस्टम है।


तो दोस्तों यह थी जानकारी की (जीएसटी से किसको फायदा हुवा है ? और किसको नुकसान हुआ है ?) मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी।  यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो जरूर हमें नीचे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूर अन्य लोगों तक शेयर करें ताकि उन्हें भी जीएसटी के ऊपर जानकारी मिल सके और वह सबकुछ समझ सके।  धन्यवाद।


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 क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए?

क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए?


नमस्कार दोस्तों आपका अनेक रूप में स्वागत है। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए? यदि आप क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं या आप क्रेडिट कार्ड से संबंधित जानकारी जानना चाहते हैं, तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि क्रेडिट कार्ड की जरूरत क्यों होती है और कब आपको क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए। लेकिन उससे पहले हम जान लेते हैं कि क्रेडिट कार्ड क्या होता है?


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क्रेडिट कार्ड क्या होता है?


क्रेडिट कार्ड नाम से ही आप समझ गए होंगे कि ऐसा कार्ड जिसमें आपको क्रेडिट दिया जाता हो, यानी पैसे खर्च करने के लिए दिया जाता है, तो ऐसे कार्ड को हम क्रेडिट कार्ड कहते हैं जिसमें आपको पहले से ही पैसे खर्च करने के लिए दिया जाता है, और बाद में फिर उसके इंटरेस्ट के साथ पैसे वसूला जाता है।


क्रेडिट कार्ड आपको पैसे खर्च करने के लिए पहले से ही देती है, जब आप पैसे खर्च करते हैं एक समय सीमा तक आपको इंटरेस्ट नहीं लगता है, लेकिन जब एक समय सीमा तक आप पैसे नहीं जमा कर पाते हैं तो फिर आपको उसमें इंटरेस्ट लगने लगता है।


जैसे आप ₹1000  खर्च करते हैं क्रेडिट कार्ड से और क्रेडिट कार्ड का समय सीमा था एक महीने। यदि 1 महीने तक आप पैसे वापस नहीं करते हैं तो फिर आपको इंटरेस्ट देना पड़ेगा , तो जैसे ही एक महीने के बाद आप पैसा जमा करने जाते हैं तो फिर आपको 1000 के ऊपर इंटरेस्ट लगने लगता है। 


तो इस तरह क्रेडिट कार्ड की कंपनियां पैसे कमाती है और यही होता है क्रेडिट कार्ड का बिजनेस या आप इसे मॉडल भी कह सकते हैं।


क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए?


देखिए हर एक बैंक के क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग फीचर्स होते हैं, कोई बैंक आपको शॉपिंग करने पर ज्यादा का डिस्काउंट देते हैं और कोई बैंक आपको शॉपिंग करने पर बहुत काम का डिस्काउंट देते हैं, ज्यादातर बैंक आपको शॉपिंग करने पर ज्यादा डिस्काउंट देते हैं, ऐसा इसलिए ताकि वह अपने ग्राहक को लुभा सके और क्रेडिट कार्ड उसे दे सके।


यदि बैंक, शॉपिंग करने पर डिस्काउंट नहीं देगी तो कोई भी क्रेडिट कार्ड नहीं लेगा , इसीलिए बैंक शॉपिंग करने पर ज्यादा डिस्काउंट देती है, तो आप वैसा ही क्रेडिट कार्ड ले जो शॉपिंग करने पर आपको ज्यादा डिस्काउंट दे ताकि आपको भी ज्यादा फायदा हो।


तो यदि आप ऑनलाइन या ऑफलाइन ज्यादा शॉपिंग करते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड ले लेना चाहिए, ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप क्रेडिट कार्ड से ज्यादा का शॉपिंग करते हैं तो उसमें लगभग 5% तक का छुट दिया जाता है, जैसे यदि आप ऑनलाइन ₹10000 का शॉपिंग करते हैं तो उसका 5%, यानि ₹500 आपको छूट मिलता है। तो इसीलिए यदि आप ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग करते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड ले लेना चाहिए।।


लेकिन यहां पर बात आती है कि किस बैंक का क्रेडिट कार्ड ले, तो आप उस बैंक का क्रेडिट कार्ड ले जिस बैंक में ज्यादा ऑफर्स आते हैं और जिनके सालाना चार्ज भी कम हो, आपको पता होगा कि क्रेडिट कार्ड सालाना चार्ज लेती है जो कि लगभग ₹1000 तक होती है, यदि आप एसबीआई की बात करें तो वह लगभग 900 से ₹1000 तक सालाना चार्ज लेती है क्रेडिट कार्ड के ऊपर।


जब आप अमेजॉन, फ्लिपकार्ट या किसी भी ऑनलाइन शॉप से सामान खरीदते हैं तो आप वहां पर देखे होंगे कि नीचे डिस्काउंट का ऑप्शन रहता है कि इस क्रेडिट कार्ड से खरीदने पर 10% का डिस्काउंट, इस बैंक के क्रेडिट कार्ड से खरीदने पर 15% का डिस्काउंट. तो इन क्रेडिट कार्ड को लेने का यही फायदा होता है कि जब आप शॉपिंग करते हैं तो आपको डिस्काउंट मिलता है, लेकिन अमेजॉन में आप देख ले की किस बैंक का क्रेडिट कार्ड पर डिस्काउंट दिया जाता है, तो आप यदि अमेजॉन से शॉप करते हैं तो आप जरूर उसी का क्रेडिट कार्ड खरीद लें ताकि आपको और ज्यादा फायदा हो।


यदि आप इंटरनेशनल शॉपिंग करते हैं तब भी आप क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं क्योंकि क्या होता है कि एटीएम से और फोन पर से या वॉलेट से हम इंटरनेशनल शॉपिंग नहीं कर पाते हैं, किन्तु क्रेडिट कार्ड से हम इंटरनेशनल शॉपिंग कर पाते हैं इसलिए यदि आप इंटरनेशनल शॉपिंग करना चाहते हैं तो आप क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं।


या पेपल (paypal ) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन paypal का इस्तेमाल करने से नुकसान यह होता है कि उसमें आपकी सारी जानकारी दी हुई होती है , और paypal वाले क्या करते हैं, की आपकी सारी जानकारी को बेंच देते हैं क्योंकि वह तो है फॉरेन कंट्री में, इसीलिए उन्हें पैसे कमाना होता है, इसलिए आपका डाटा को बेंच देते हैं . इसलिए paypal उतना सुरक्षित नहीं है लेकिन यदि आप इमरजेंसी में है और आपको इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करना है तो उसके लिए paypal का इस्तेमाल कर सकते हैं और नहीं तो सबसे अच्छा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें।


क्रेडिट कार्ड कब नहीं लेना चाहिए?


यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग नहीं करते हैं या ऑफलाइन ज्यादा शॉपिंग नहीं करते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड नहीं लेना चाहिए ऐसा इसलिए क्योंकि क्रेडिट कार्ड लेने पर आपको इंटरेस्ट देना होगा और फिर सालाना कार्ड का पैसा देना होगा।


इसलिए यदि आप एटीएम से पे करते हैं या आप कैश पे करते हैं तो आपको फिर क्रेडिट कार्ड नहीं लेने की जरूरत है।


ज्यादातर बैंक वाले क्या करते हैं, वह देखते हैं कि किसके अकाउंट में ज्यादा पैसा है और फिर उसके अनुसार से वह लोगों को कॉल करते हैं और बोलते हैं कि आप क्रेडिट कार्ड ले लीजिए , आपको शॉपिंग करने पर फायदा होगा, आप जितना ज्यादा सामान खरीदेंगे उतना ज्यादा आपको फायदा होगा लेकिन आप ऐसे लालचों में ना आए क्योंकि यह आपको फसाने का तरीका होता है,


ताकि आप उसके जाल में फँस सके और क्रेडिट कार्ड ले सके और फिर जब आप पैसे नहीं दे पाए तो इंटरेस्ट के रूप में आप उसे और ज्यादा पैसा देते रहें, तो यह एक जाल होता है बैंकों के द्वारा जो बड़े-बड़े पूंजी लोगों को क्रेडिट देकर के उन्हें बेवकूफ बनाते हैं।


यदि आप स्टूडेंट है तब भी आप क्रेडिट कार्ड न लें क्योंकि यदि आप स्टूडेंट है और यदि आप पैसे नहीं जमा कर पाए टाइम पर, तो इंटरेस्ट आपको देना पड़ेगा और आपका सर दर्द और ज्यादा बढ़ जाएगा इसलिए यदि आप स्टूडेंट है तो बिल्कुल भी क्रेडिट कार्ड न लें।


यदि आप महीने का 15 से ₹20000 कमाते हैंऔर आप क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं तो भी आप बिल्कुल ना लें ऐसा इसलिए क्योंकि आपका तो मन करेगा कि हम ज्यादा का सामान खरीद लें और लुभाने के चक्कर में या फिर किसी को दिखाने के चक्कर में आप सामान खरीद लेंगे ज्यादा का और फिर आप उसे ब्याज के तौर पर भरते रहेंगे इसलिए क्रेडिट कार्ड के लालच में ना आए और जितना भी आप पैसे कमा रहे हैं उसको बचा करके रखें और हो सके तो आपको जब जरूरत पड़ता है सामान लेने की तो ऑफलाइन ले ले या फिर एटीएम के द्वारा शॉपिंग कर ले या फोन से शौपिंग कर ले , जो भी आपके पास है उसे आप शॉपिंग कर ले। लेकिन क्रेडिट कार्ड से ना करें .


क्रेडिट कार्ड रहने पर हम तो सोचते हैं कि मेरे पास अभी एक महीने का टाइम है, एक महीने में हम दे देंगे ना क्या हो जाएगा, 1 महीने के बाद हम पेमेंट कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं होता है, कभी-कभी हमारे सिचुएशंस ऐसे हो जाते हैं कि हम पैसे नहीं दे पाते हैं, और फिर जब इंटरेस्ट बढ़ता है तो वह इतना बढ़ जाता है कि फिर हम देने के लिए सोचते रहते हैं.


आपको पता होगा कि क्रेडिट कार्ड का इंटरेस्ट बहुत ज्यादा होता है इसीलिए एक बार यदि आप पैसे नहीं दे पाए तो फिर आपका इंटरेस्ट बढ़ता ही रहता है , बढ़ता ही रहता है इसलिए इसके चंगुल से बचें यदि आपके पास कम पैसे हैं तो आप बिल्कुल भी क्रेडिट कार्ड न लें।


क्या आप अब भी क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं?


यदि आप ऊपर में बताए गए सारी चीजों को जानते हुए भी क्रेडिट कार्ड लेना चाहते हैं तो मैं उसके लिए कुछ क्रेडिट कार्ड का नाम दे दिया हूँ , जिसे आप ले सकते है.


HDFC Bank Credit Card


IndusInd Bank Credit Card


Axis Bank Credit Card


Kotak Bank Credit Card


नोट :- यदि आप क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड से दी हुई सारी जानकारी को जरुर पढ़ ले कि उसका महीने का चार्ज, उसका सालाना चार्ज कितना है, और फिर कितने दिनों तक हमसे इंटरेस्ट नहीं लेंगे और कितने दिनों बाद में अपना इंटरेस्ट लेना चालू करेंगे और कितना पर्सेंट वह इंटरेस्ट लेंगे यह सब सारी जानकारी आप जरूर पढ़ लें उसके बाद ही आप निर्णय करें कि आपको कौन सा क्रेडिट कार्ड लेना है।


मैं अपने अनुभव से बता रहा हूं कि मैंने कई लोगों को देखा है कि उन्हें क्रेडिट कार्ड दे दिया जाता है बैंक के द्वारा , लेकिन उन्हें पता नहीं होता है कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हम कैसे करें, हम कैसे इसको इस्तेमाल कर सकते हैं, कैसे उसके पैसे को रिटर्न कर सकते हैं . उनको यहां तक भी पता नहीं होता है.


इसलिए यदि आप क्रेडिट कार्ड ले रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड से संबंधित सारी जानकारियां ले लें कि कैसे हम उसको इस्तेमाल करें , कैसे उसका पैसा जमा करना है , क्या पैसा अपने आप कट जाएगा मेरे बैंक अकाउंट से या हमको खुद से जाकर के जमा करना है, यह सब सारी जानकारियां ले ले और फिर जो है कि उसका क्रेडिट कार्ड ले.


और यह भी सुनिश्चित करें कि जिससे आप क्रेडिट कार्ड ले रहे हैं क्या उसका मोबाइल ऐप है या नहीं है या डायरेक्ट वह बैंक के द्वारा कंट्रोल होती है इस तरह की पूरी जानकारी आप ले ले उसके बाद ही आप क्रेडिट कार्ड ले।


तो दोस्तों यह थी जानकारी की (क्रेडिट कार्ड कब लेना चाहिए और कब नहीं लेना चाहिए) मुझे उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आया होगा यदि आपका कोई सवाल यह सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूर दूसरे लोगों तक भी शेयर करें ताकि उन्हें भी मालूम पड़ सके कि क्रेडिट कार्ड हमें लेना चाहिए या नहीं लेना चाहिए.


बहुत-बहुत धन्यवाद


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ग्रोमो ऐप रियल है या फेक है ? क्या ग्रोमो ऐप से पैसे कमा सकते हैं?

ग्रोमो ऐप रियल है या फेक है ? क्या ग्रोमो ऐप से पैसे कमा सकते हैं?

नमस्कार दोस्तों आपका अनेकरूप में स्वागत है. आज हम ग्रोमो ऐप के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि ( क्या ग्रोमो ऐप रियल है या फेक है ?  क्या ग्रोमो से पैसे कमा सकते हैं?) लेकिन उससे पहले हम ग्रोमो ऐप के बारे में थोड़ा सा जान लेते हैं।


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ग्रोमो ऐप क्या है?


ग्रोमो ऐप एक फाइनेंशियल ऐप है जो की प्रोडक्ट को रेफर करने पर पैसे देती है और उनके सभी प्रोडक्ट बैंकिंग और फाइनेंस से जुड़े होते हैं. 


जैसे यदि किसी को एक्सिस बैंक में अपना अकाउंट खोलना है और आपने ग्रोमो के द्वारा उनका बैंक अकाउंट खुलवा दिया तो उसके लिए आपको पैसे दिए जाएंगे।


ग्रोमो ऐप इसी मॉडल पर काम करती है, जब आप किसी को बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस रेफर करके खुलवाते हैं तो उसके लिए आपको पैसे मिलते हैं।


ग्रोमो ऐप में रेफर आप व्हाट्सएप के द्वारा, मैसेंजर के द्वारा या फिर लिंक को शेयर करके भी कर सकते हैं।


ग्रोमो ऐप रियल है या फेक है ?


कई लोगों के मन में यह प्रश्न होगा कि क्या ग्रोमो ऐप सच में पैसे देती है या कोई फेक ऐप है। लेकिन मैं आपको कहना चाहता हूं की ग्रोमो ऐप सच में पैसे देती है , जब आप किसी दूसरे को रेफर करते हो तो आपको यहां पर पैसे मिलते हैं।


और यदि आपको टेस्ट करना है कि क्या ग्रोमो ऐप सच में पैसे देती है तो इसके लिए आप अपने किसी घर के सदस्य को व्हाट्सएप के द्वारा रेफर करके उनका बैंक अकाउंट खुला करके देख सकते हैं या फिर कोई क्रेडिट कार्ड दिलवा करके देख सकते हैं जिससे आप संतुष्ट हो जाएंगे कि सच में ग्रोमो ऐप आपको पैसे देती है।


क्या ग्रोमो ऐप से पैसे कमा सकते हैं?


ग्रोमो ऐप से आप पैसे जरुर कमा सकते हैं। इसके लिए आपको ऐप में दिए गए प्रोडक्ट्स को रेफर करना है और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उनके प्रोडक्ट को पहुंचा करके बेचना है। जब आप प्रोडक्ट को बेचने में सफल हो जाते हैं तो आपको फिर उसके पैसे दिए जाते हैं।


किंतु यहां पर आपको समझना होगा की ग्रोमो में सभी प्रोडक्ट फाइनेंस से जुड़े हैं इसीलिए आप ऐसे लोगों को रेफर करें जो फाइनेंस से जुड़े प्रोडक्ट को खरीदना चाहते हैं या फिर जिनकी फाइनेंशियल जरूरत है।


जैसे किसी को पर्सनल लोन लेना हो, किसी को बैंक अकाउंट खुलवाना हो, किसी को क्रेडिट कार्ड लेना हो किसी को इंश्योरेंस लेना हो इत्यादि.


ग्रोमो में आपको ऐसे ही प्रोडक्ट मिलेंगे जिसे आपको दूसरों तक पहुंचाना है और बेचना है या आप ग्रोमो ऐप को भी किसी दूसरे को शेयर करके पैसे कमा सकते हो। यदि आप ग्रोमो ऐप को डाउनलोड करना चाहते हैं तो उसका लिंक मैंने नीचे दे दिया है।


( Download ग्रोमो ऐप )


ग्रोमो ऐप में रेफर करने का कितना पैसा मिलता है?


ग्रोमो में अलग-अलग प्रोडक्ट्स के अलग-अलग पैसे मिलते हैं।


जैसे यदि आप किसी को क्रेडिट कार्ड सेल करते हैं तो आपको लगभग ₹3500 मिलते हैं,

 यदि आप किसी को पर्सनल लोन दिलाते हैं तो आपको उसे लोन का 4 से 5% मिलता है ,

और यदि आप किसी का सेविंग अकाउंट खुलवा देते हैं तो आपको लगभग ₹1300 मिलते हैं,

 और यदि आप किसी का डिमैट अकाउंट खुलवा देते हैं तो आपको लगभग 1750 रुपए मिलते हैं,

 और यदि कोई इंवेस्टमेंट आप कर देते हैं तो लगभग ₹1200 मिलते हैं,

  यदि आप यूपीआई रेफर करते हैं जैसे पेटीएम तो आपको ₹100 तक मिलते हैं ,

और ग्रोमो ऐप को रेफर करते हैं किसी दूसरे व्यक्ति को तो आपको लगभग ₹1100 मिलते हैं।


इसके अलावा आपको और भी पैसे मिलते हैं। ग्रोमो में प्रोडक्ट्स को कैसे बेचना है उसके लिए भी ट्रेनिंग दिया गया है जिसे देखकर भी आप पैसे कमा सकते हैं ।

जितना ज्यादा आप ट्रेनिंग करेंगे उसके अनुसार आपको पैसे दिए जाएंगे लेकिन ट्रेनिंग के लिए आपको बहुत कम पैसे दिए जाएंगे वह सिर्फ सीखने के लिए आपको प्रेरित करने के लिए दिए जाएंगे।


ग्रोमो में कई तरह का क्रेडिट कार्ड है, कई कंपनियों का क्रेडिट कार्ड आप सेल करके पैसे कमा सकते हैं जैसे एसबीआई का भी है और भी बहुत सारे बैंकों का है ।


पर्सनल लोन भी लगभग सभी बैंकों का है। जिस बैंक का पर्सनल लोन देना हो,  तो आप उसे उस बैंक के द्वारा भी दिलवा सकते हैं।


 सेविंग अकाउंट भी बहुत सारे बैंकों का आप खुलवा सकते हैं,  डिमैट अकाउंट भी बहुत सारे डीमैट बैंकों द्वारा खुलवा सकते हैं । जैसे अप स्टॉक और एंजेल वन इत्यादि यूपीआई पेटीएम के द्वारा भी आप इन्वेस्टमेंट करवा सकते हैं । और ग्रोमो ऐप को भी आप रेफर करके पैसे कमा सकते हैं।


कहने का अर्थ है कि यहां पर पैसे कमाने का साधन बहुत सारे हैं,  बहुत सारे ऑप्शंस हैं। आप यदि  दिल से चाहे तो आप महीने का लगभग 50000 से ₹100000 तक इसमें कमा सकते हैं।  इसमें थोड़ा समय लग सकता है आपको आगे बढ़ने में किंतु एक बार जब आप अपना क्लाइंट बना लेंगे , एक बार आप मार्केट में आ जाएंगे उतर जाएंगे तो फिर आपके लिए आसान हो जाएगा।


 शुरुआत में हो सकता है कि आप किसी को रेफर करें और वह अकाउंट नहीं खुलवाए,  लेकिन जैसे जितना जितना आप रेफर करेंगे जितना जितना दोस्तों के पास आप रेफर करेंगे और उसके अनुसार ही आपको उतना ज्यादा पैसा मिलते जाएगा।


कहां कहां रेफर कर सकते हैं इसके प्रोडक्ट को?


ग्रोमो के प्रोडक्ट को आप किसी भी सोशल मीडिया साइट पर रेफर कर सकते हैं जैसे व्हाट्सएप हो गया फेसबुक हो गया ट्विटर हो गया इंस्टाग्राम हो गया और यदि आप अपना वेबसाइट चलाते हैं, ब्लॉगिंग करते हैं, तो आप वहां पर भी इनको रेफर कर सकते हैं या चाहे तो आप यूट्यूब पर भी इनका वीडियो बना करके नीचे डिस्क्रिप्शन में लिंक डाल करके रेफर कर सकते हैं।


और आप चाहे तो लिंक शेयर करके भी रेफर और earn कर सकते हैं।


ग्रोमो का कस्टमर सपोर्ट कैसा है?


किसी भी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए कस्टमर सपोर्ट बेहतर होना बहुत जरूरी है और जब आप ग्रोमो के कस्टमर से बात करेंगे तो वह आपको जरुर मदद करेंगे आपको जरूर आगे बढ़ाने में प्रोत्साहन करेंगे ।

इसका कस्टमर सपोर्ट सोमवार से शनिवार सुबह से शाम तक होता है। मैं आपको इसका नंबर दे दे रहा हूं आप चाहे तो इनसे बात करके भी हेल्प ले सकते हैं।


ग्रोमो कस्टमर सपोर्ट नंबर -  +911246933315 or 1246933315


क्या ग्रोमो विदेशी कंपनी है या भारतीय कंपनी है?


ब्रोमो एक भारतीय कंपनी है जिसे अंकित खंडेलवाल ने स्थापित किया है और यह कंपनी (IRDAI) से प्रमाणित है यानी यह एक  रजिस्टर्ड कंपनी है।


इस ऐप के प्ले स्टोर पर 4.4 रेटिंग है। और काफी अच्छा रिव्यू इस ऐप को दिया गया है.


ग्रोमो ऐप से पैसे कैसे निकाले?


यदि आपके ग्रोमो ऐप पर पैसे हैं तो आप उसे डायरेक्ट अपने बैंक खाता के द्वारा निकाल सकते हैं । जिसके लिए आपको अपने बैंक खाते का डिटेल्स देना होगा । डीटेल्स को पूरा करने पर ग्रोमो की टीम आपके बैंक खाते में छोटा अमाउंट भेजेगा जांच करने के लिए, कि बैंक अकाउंट आप ही का है या किसी और का है और फिर वह बैंक अकाउंट ग्रोमो में लिंक हो जाएगा फिर जब भी आपके पास काम से कम ₹100 होंगे तो आप उन पैसों को ग्रोमो के द्वारा अपने बैंक खाते में  ले पाएंगे।


जब भी आप कोई प्रोडक्ट सेल करते हैं तो उसके पैसे आपको तुरंत नहीं मिलते हैं उसके पैसे आने में लगभग 10 दोनों का टाइम लग जाता है,  इसीलिए जब आप कोई प्रोडक्ट सेल करें तो तुरंत यह फैसला ना ले लें की ग्रोमो ऐप ने मुझे पैसा नहीं दिया बल्कि 10 दिनों तक इंतजार करें क्योंकि ग्रोमो ऐप को प्रोसेसिंग के लिए 10 दोनों का टाइम लगता है और फिर 10 दोनों के बाद पैसे को आपके ग्रोमो में अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता  है।  इसीलिए 10 दोनों का आप वेट करें.


क्या ग्रोमो एक सक्सेसफुल करियर साबित हो सकता है?


यदि ग्रोमो को आप अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो  बना सकते हैं किंतु इसमें मैं यह कहना चाहूंगा कि ग्रोमो में जो ऑफर आते हैं वह दिन प्रतिदिन बदलते जाते हैं इसलिए केवल गोमो के ऊपर सहारा करना यह सही नहीं है किंतु आप गमो को एक पार्ट टाइम जॉब बना सकते हैं जिसे करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं।


जहां तक करियर का सवाल है तो ग्रोमो के अलावे आप जिस फील्ड में काम कर रहे हैं उसी फील्ड में बने रहें और पार्ट टाइम के रूप में इसे आप कर सकते हैं।


( डाउनलोड ग्रोमो ऐप )


तो दोस्तों यह थी जानकारी ग्रोमो ऐप के बारे में कि ( ग्रोमो ऐप रियल है या फेक है?  और क्या आप ग्रोमो ऐप से पैसे कमा सकते हैं ) मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.  यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें जरूर नीचे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को जरूर अन्य लोगों तक शेयर करें ताकि उन्हें भी फायदा हो सके और वह भी घर बैठे काम कर सके और पैसे कमा सके।


धन्यवाद।


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