Shivratri Kyu Manaya Jata Hai-महत्व और सिख

Shivratri Kyu Manaya Jata Hai-महत्व और सिख


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे कि शिवरात्रि कब और क्यों मनाया जाता है ? शिवरात्रि का मतलब क्या होता है ? शिव -रात्रि में ही क्यों आते हैं ? शिवरात्रि में क्या-क्या शिव को चढ़ाते है और क्यों ? शिवरात्रि का हमारे जीवन में क्या महत्व है ? शिवरात्रि से हमें क्या सिख मिलती है ? और अंत में हम ये भी जानेंगे कि शिवरात्रि में हम क्या करें जिससे हमें अधिक प्राप्ति हो।

तो इस post को अंत तक पढ़े आपको बोहोत कुछ नया जानने को मिलेगा।

शिवरात्रि कब मनाया जाता है?

शिवरात्रि हरेक साल फाल्गुन महीने में -हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल के अंतिम महीने में (Feb -Mar ) कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी को मनाया जाता है। पूर्णिमा और अमावश्या के बिच के समय को कृष्ण पक्ष कहा जाता है जिसकी शुरुवात पूर्णिमा के अगले दिन से होती है।

शिवरात्रि में क्या-क्या शिवलिंग को चढ़ाते हैं और क्यों ?

शिवरात्रि में हम शिवलिंग को गांजा -भांग -धतूरा -अकवंद जैसी समाज की नशीली चीजें चढ़ाते हैं। इसका मतलब लोगों में जितनी भी बुरी आदतें हैं उनको भगवान को दे देना और समाज के लोगों को निरोगी रखना है। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शिव सभी के पाप कर्म को हर लेते हैं इसकी यादगार में समुद्र मंथन में शिव को विश्व कल्याण के लिए विष पीते भी दिखाते हैं।

यदि कोई सच्चे मन से भक्तिभाव से अपनी बुरी आदतों को भगवान को अर्पण करता है तो वे उनके बुरी आदतों को खुद ले लेते हैं और उन्हें सुख शांति प्रदान करते हैं।

शिवरात्रि में हम दूध ,गंगा जल ,बेलपत्ता भी चढ़ाते हैं जो समाज के उन्नति बनाये रखने और जीवन को सुखमय जीने पर चढ़ाते हैं।

shivratri kyu manaya jata hai
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शिवरात्रि का मतलब क्या होता है?

शिवरात्रि कहें या शिवजयंती कहें दोनों बातें एक ही है। जिस तरह लोग अपना जन्मदिवस मनाते हैं वैसे ही भगवान शिव की इस कलियुग रुपी रात्रि में दिव्य जन्म लेने को ही शिवरात्रि कहा जाता है।

लोग अपना जन्मदिन मनाते हैं लेकिन भगवान शिव अपना जन्मरात्रि क्यों मनाते हैं ?

ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शिव रात्रि में जन्म लेते हैं। कोई हद के रात्रि में नहीं बल्कि अज्ञान अन्धकार रुपी रात्रि में आते हैं। जब सभी भगवान को भूल जाते हैं और 5 विकारों रुपी दलदल में फँस जाते हैं।

हरेक लोगों में 5 विकार :- काम -क्रोध -लोभ -मोह -अहंकार ये 5 विकार पूरी तरह बढ़ जाती है , लोगों में कोई गुण नहीं रहते अथवा लोग कलाहीन हो जाते हैं। तब ऐसी अंधकार रुपी रात्रि में भगवान शिव अवतरित होते हैं इसलिए उनके जन्म को शिवरात्रि कहा जाता है।

शिवरात्रि क्यों मनाया जाता है?

शिव रात्रि में आया किसी ने देखा ? नहीं देखा। तो फिर पता कैसे पड़ता है कि भगवान शिव इस कलियुग रुपी रात्रि में आया ?
जरूर किसी में तो प्रवेश करेगा क्योंकि भगवान शिव तो है निराकार। उनका अपना कोई शरीर नहीं।

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गीता में भी बोला है प्रवेष्टुं :- तो वो भगवान शिव ऊंच ते ऊंच है तो जरूर ऊंच ते ऊंच में प्रवेश करेगा।
जानवर में तो प्रवेश नहीं करेंगे। जानवर में प्रवेश करेंगे तो ज्ञान कैसे सुनाएंगे , तो किसमें आया ?
गाया भी जाता है भागीरथ -वो भाग्यशाली रथ में ही प्रवेश किया , तो जरूर रथ मनुष्य का होगा ना।

परमपिता परमात्मा शिव ब्रह्मा में प्रवेश करके नई दुनिया की स्थापना का कार्य करते हैं इसलिए कहा जाता है ब्रह्मा द्वारा नई सृष्टि की स्थापना।

जब सभी धर्मपिता अपना-अपना कार्य करके चले जाते हैं फिर भी यह सृष्टि नहीं सुधरती तब परमपिता को ही इस सृष्टि पर आना पड़ता है। जिसे सभी धर्म वाले मानते हैं :- कोई उसे खुदा कहता है ,तो कोई Godfather ,कोई उसे सद्गुरु कहता है तो कोई शिव भगवान।

भगवान आएगा तो जरूर पुरानी सृष्टि को नया बनाएगा और भगवान शिव के सिवाय कोई भी धर्मपिता या मनुष्य इस पुरानी सृष्टि को नई सृष्टि नहीं बना सकता। पुरानी सृष्टि को नया बनाना ये भगवान का ही काम है।

तो इसलिए भगवान पुरानी सृष्टि कलियुग का विनाश कर देते हैं। विनाश करेंगे तो किसके द्वारा करेंगे -जिसके नाम में ही बम-बम है। हर-हर बम-बम। शंकर। तो शिव , शंकर द्वारा विनाश का कार्य करते हैं।

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शिवरात्रि का महत्व क्या है?

इस शिवरात्रि के समय की बोहोत भारी महत्व है। यह वह समय है जब हम भगवान शिव से प्राप्ति कर सकते हैं। इस समय यदि कोई चाहे तो पुरे 84 जन्मों के लिए सुख और शांति का वर्षा प्राप्त कर सकता है।

इस समय शिवबाबा को याद करने से आत्मा के 5 विकार ख़त्म हो  जाते हैं और आत्मा पावन बन जाती है। आत्मा में जो पिछले जन्मों का पाप कर्म है वो भी कट जाता है।

इस समय को हीरे तुल्य कहा गया है - इस समय भगवान साकार में आकर मिलते हैं। सतयुग की इतनी महिमा नहीं है जितनी महिमा इस शिवरात्रि के समय की है।

इसे ज्ञानी लोग :- संगमयुग के नाम से जानते हैं।
यानि कलियुग और सतयुग के मिलने का समय। इसी समय की सारी महिमा है। इसी समय कोई चाहे तो मनुष्य से देवता पद प्राप्त कर सकता है।

इसी शिवरात्रि के समय भगवान शिव ,भक्ति का फल "ज्ञान " अपने भक्तों को देने आते हैं। जिस ज्ञान से वे भगवान को पहचान पाते हैं।
और इस प्रकार यह शिवरात्रि का समय बहुमूल्य और हीरेतुल्य है।

शिवरात्रि से क्या सिख मिलती है?

शिवरात्रि से हमें यह सिख मिलती है कि अज्ञान अंधकार के बाद ज्ञान सोझरा जरूर होता है। अज्ञानता और पाप  की जब अति हो जाती है तो उसका अंत भी हो जाता है।
पाप कर्म करने वालों को उसका परिणाम जरूर मिलता है और पुण्य कर्म करने वालों को उसका फल भी जरूर मिलता है।

इसीलिए जब सारी दुनिया दलदल में जा रही हो तो हमें भी दलदल में ना जाते हुवे किनारा कर लेना चाहिए और उस सत्य राह की तलाश करनी चाहिए जो हमें 5 विकारों के दलदल से बाहर निकाल सके।

तो भाइयों ये थी जानकारी शिवरात्रि के बारे में। शिवरात्रि क्यों मनाया जाता है ,उसका महत्व -सिख और कुछ अन्य जानकारी। मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आई होगी।


यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें comment करके जरूर बताये।
अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद।

CSP ID Kaise Le-CSP ID Ke Liye Bank Me Application

CSP ID Kaise Le-CSP ID Ke Liye Bank Me Application


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम बात करेंगे CSP के बारे में और जानेंगे कि CSP ID के लिए बैंक में हम Application कैसे लिखेंगे। लोगों में बोहोत नाराजगी है कि वे पैसे दे देते हैं लेकिन उन्हें बैंक के द्वारा ID नहीं दिया जाता है तो इसी विषय के ऊपर आज का ये post है। यदि आपने भी CSP के लिए apply किया है और अभी तक आपको ID नहीं मिला है तो ये post सिर्फ आपके लिए है। आप इसे अंत तक जरूर पढ़े।


CSP=Customer Service Point क्या है?

यह एक mini bank होता है जिसे लोग ग्राहक सेवा केंद्र कहते हैं। जहां बैंक नहीं खुले हैं तो ऐसे जगहों में mini bank खोलकर कोई भी व्यक्ति अच्छा पैसा कमा सकता है। ज्यादातर ये गाँवों में खोला गया है और शहरों में भी ये खोले जा सकते हैं। बैंक में यदि अधिक भीड़ होती है तो उसे कम करने के लिए mini bank शहरों में खोला जाता है।

इसको खोलने के लिए 1 से 2 room की जरूरत होती है और 2 से 3 लोगों की जरूरत होती है। CSP बैंक खोलने के लिए  computer or laptop , printer की जरूरत होती है। और कुछ पूंजी की भी जरूरत होती है जो लेन-देन में काम आती है।

इसका काम बैंक की तरह होता है :- जैसे नए खाते खोलना ,पैसे transfer करना ,पैसे जमा करना ,पैसे निकालना इत्यादि।
CSP में फायदा :-  लोग जब नए खाते खुलवाएंगे तो उससे आपके पैसे बनेंगे ,पैसों की लेन देन करेंगे तो जितना वो लेनदेन करेंगे उसके लगभग 0.06 % आपको मिलेगा। आधार कार्ड लिंक करना , ऐसे ही रहेक काम में आपको पैसे मिलेंगे जिससे आसानी से आप महीने के 30000 रुपये तक कमा सकते हैं।


csp id kaise le
csp id kaise le


CSP ID Kaise Le- CSP लेने की प्रक्रिया। 


CSP लेने के लिए आपके पास 10th paas certificate ,आधार कार्ड ,पैन कार्ड ,बैंक पासबुक ,पुलिस वेरिफिकेशन report (character certificate ) की जरूरत होती है।

CSP लेने के लिए कई कंपनियां हैं जहां से आप CSP के लिए Apply कर सकते हैं। आपके लिए बेहतर कंपनी कौन सा है ये आपको आपके नजदीकी बैंक से सलाह लेकर apply करनी चाहिए। हरेक बैंक वाले अपना अलग-अलग कंपनी prefer करते हैं। कई ऐसी कंपनियां भी हैं जो हरेक बैंक के CSP प्रदान करती है।

और आजकल कई fraud कंपनियां भी आ गई है जो पैसे लेकर शांत हो जाते हैं। तो यदि आप CSP लेने की सोच रहे हैं तो अपने नजदीकी बैंक से सलाह जरूर ले।

हरेक कंपनी security और registration के रूप में आपसे 20000 से 40000 रुपये तक charge कर सकती है। यह depend करता है कि आप कौन सी बैंक का CSP ले रहे हैं।

आपका registration हो जाने के बाद आपको एक ID दिया जाता है जिसे CSP ID कहते हैं। फिर आप अपना CSP बैंक शुरू कर सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं।


CSP ID Ke Liye Bank Me Application


सेवा में ,                                                                                                       
                 श्रीमान शाखा प्रबंधक 
                 (स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ,  रांची  )
                 विषय - सीएसपी (CSP) ID लेने हेतु। 
                 महाशय ,
                                सविनय निवेदन है कि मैं (अपना नाम लिखे ) आपके बैंक का एक खाताधारी हूँ। मैंने 4 महीने पहले ग्राहक सेवा केंद्र शुरू करने के लिए पंजीकरण किया था। लेकिन उनकी तरफ से अभी तक कोई भी ID मुझे प्राप्त नहीं हुवा है जिसके लिए मैं बोहोत चिंतित हूँ।

मैंने सारे कागजात सही दिए थे और पैसे भी जमा कर दिए थे फिर भी प्रक्रिया में इतनी देर नहीं होती है। इसीलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप समस्या का पता लगाए और CSP ID जल्द से जल्द मुझे देने की कृपया प्रदान करें जिससे की ग्राहकों को सेवा केंद्र से लाभ पहुँच सके। 

   आपका विश्वासी। 
   नाम             - (अपना नाम लिखे )
अकाउंट  नंबर - 
    मो               - (मोबाइल no  )
 दिनांक           - (              )
     (Sign करें )

आप इस application का photo भी प्राप्त कर सकते हैं।

csp id ke liye bank me application
csp id ke liye bank me application





Note :- कई बार फ्रॉड call भी आपको आ सकते हैं कि हम BC (Business Correspondense) Office से बोल रहे हैं आप मेरे खाते में 5000 रुपये जमा कर दीजिये आपको CSP ID दे दिया जायेगा। तो दोस्तों ऐसे लोगों से सावधान रहें BC Office कभी भी आपसे फ़ोन पर पैसे नहीं मांगता और ना ही CSP ID के लिए पैसे लेता है। तो आप ऐसे call से बच कर रहे।

तो दोस्तों ये थी जानकारी कि कैसे आप CSP ID लेते हैं और CSP ID लेने के लिए आप बैंक में Application कैसे लिखते हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको ये जानकारी जरूर मदद करेगी। यदि आपको किसी और विषय पर application चाहिए या कोई सुझाव हो तो हमें comment करके जरूर बताये।


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अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद। 
Nagar Nigam Ko Application-मोहल्ले की सफाई हेतु।

Nagar Nigam Ko Application-मोहल्ले की सफाई हेतु।


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे कि मोहल्ले की सफाई हेतु हम नगर निगम के अधिकारी को आवेदन पत्र कैसे लिखेंगे। यदि आप नगर निगम में रहते हैं और अपनी मोहल्ले की सफाई कराना चाहते हैं तो ये application आपको जरूर पढ़ना चाहिए। यह application आपको बोहोत मदद करेगी।

मोहल्ले की सफाई किन-किन कारणों से आप करवा सकते हैं :-

यदि आप नगर निगम के द्वारा अपने मोहल्ले को साफ़ करवाना चाहते हैं तो निचे दिए कारणों से आप नगर निगम को application लिखकर साफ़ करवा सकते हैं।


  • कोई त्योहार होने पर ;- जैसे -छठ पूजा , ईद इत्यादि। 
  • घर में शादी होने पर। 
  • मोहल्ले में अधिक कूड़ा होने पर। 
  • मोहल्ले में कोई भी सफाई कर्मचारी ना होने पर। 
  • मोहल्ले में कोई भी कूड़ादान ना होने पर। 
  • मोहल्ले में कोई सामाजिक कार्यक्रम होने पर। 


तो ऐसे ही कई कारणों पर आप अपने मोहल्ले में नगर निगम अधिकारी तो आवेदन पत्र लिखकर उसे सफाई के लिए बुला सकते हैं।

अब चलिए जानते हैं कि मोहल्ले की सफाई के लिए नगर निगम को application कैसे लिखते हैं :-

nagar nigam ko application safayi ke liye
nagar nigam ko application safayi ke liye


Nagar Nigam Ko Application - मोहल्ले की सफाई हेतु। 

सेवा में,
श्रीमान कार्यकारी अधिकारी,
नगर निगम ,आनंद विहार (नई दिल्ली )

विषय:- मोहल्ले की सफाई हेतु।

मान्यवर ,
              हम आनंद विहार निवासी आपका ध्यान हमारे नगर में बढ़ रहे गन्दगी के तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। सड़कों के किनारे कूड़ों का ढेर जमा हो रहा है , लोगों का पेदल चलना मुश्किल हो गया है। लोग अपने घर के गन्दगी को सड़कों के किनारे फेंकने को मजबूर हो गए है।
नगर में कूड़ादान तो है लेकिन उसे फेंकने वाला कोई नही है। सभी कूड़ादान भर गया है , अब लोग अपनी घर के गन्दगी को सड़कों के किनारे फेंकते हैं। कोई भी नगर निगम का कर्मचारी इन कूड़ों को ले जाने नहीं आते ,सिर्फ कूड़ादान लगाकर भूल गए हैं।

आयदिन देश में गन्दगी की वजह से नई-नई बीमारियां निकलती रहती है , हमें डर है कहीं इन कूड़ों की वजह से हमारे नगर में भी कोई बीमारी ना फ़ैल जाये। ऐसा कुछ हो इससे पहले हम नगरवासी आपको सूचित करते हैं कि आप कृपया यहां के गन्दगी को जल्द से जल्द दूर करें। और हमारे नगर के लिए कर्मचारियों को नियुक्त करे जो कूड़ेदान की गन्दगी को ले जाये। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए हम नगरवासी सदैव आपके आभारी रहेंगे।

सधन्यवाद।
आनंद विहार निवासी
(नई दिल्ली )
दिनांक -

आप इस application का photo भी प्राप्त कर सकते हैं।
nagar nigam ko application safayi ke liye
nagar nigam ko application safayi ke liye




Application to Municipal Corporation for Cleanliness In Your Area

To,
The Municipal Commissioner
Anand Vihar, New Delhi

Sub- For cleanliness of our locality

Sir,
      We, the residents of Anand Vihar want to draw your attention to the growing garbage in our locality. Lots of garbage has been dump on the roadside, which creating pollution and smells very bad. People don't want to cross from this road.
 People throwing his house garbage due to the overfull of the dustbin and no government service provided for the cleanliness of the dustbin garbage. As a result, garbage is increasing day by day.

We fear whether it will cause any health disease, as many diseases increasing in the country. So, we the residents of Anand Vihar request you to please carry out this garbage and provide a worker who carries the dustbin garbage. And make this area clean and healthy.

Thanking you
Residents of Anand Vihar
New Delhi
Date:-

You can download the image also.

application to municipal corporation for the cleanliness in your area
application to municipal corporation for the cleanliness in your area





Note :- मोहल्ले की साफ़ सफाई का काम नगर निगम का होता है , इसके लिए वे आपसे किसी भी तरह का पैसा नहीं लेते हैं। मोहल्ले की सफाई और नगर के विकाश के लिए वे हमसे tax लेते हैं इसके बदले में मोहल्ले  को साफ़ करना ये उनका काम है। इसलिए आप बेफिक्र होकर अपने नगर निगम में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।


तो दोस्तों ये थी जानकारी कि कैसे आप अपने नगर निगम को application लिखेंगे -मोहल्ले की सफाई हेतु। मुझे उम्मीद है कि आपको ये post जरूर मदद करेगी। यदि आपको किसी और विषय के ऊपर application चाहिए तो हमें comment करके जरूर बताये।

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अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद। 
Saraswati Puja Kyu Manaya Jata Hai-महत्व और सिख

Saraswati Puja Kyu Manaya Jata Hai-महत्व और सिख


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे सरस्वती पूजा के बारे में। सरस्वती पूजा कब और क्यों मनाया जाता है ? इसका आध्यात्मिक रहस्य - महत्व और सिख क्या है ? सरस्वती का मतलब क्या होता है ? सरस्वती देवी कौन है और उनकी पूजा क्यों होती है ? सरस्वती पूजा कब होती है और उसे हम कैसे मनाते हैं ? सरस्वती पूजा करने से क्या फायदा होता है ? और अंत में यह भी जानेंगे कि सरस्वती पूजा करना जरूरी है या उनके द्वारा बताये गए रास्ते पर चलना ज्यादा जरूरी है ? तो इस post को अंत तक पढ़े और जानिये अपने सरस्वती देवी के बारे में।

saraswati puja kyu manate hai
saraswati puja kyu manate hai


सरस्वती पूजा क्यों मनाया जाता है?

सरस्वती पूजा ज्ञान को बढ़ाने के लिए करते हैं। यह आंतरिक ज्ञान और सामाजिक ज्ञान दोनों को बढ़ाने के लिए किया जाता है। हरेक साल बसंत पंचमी को माघ महीने में (Jan-Feb ) में मनाया जाता है। यदि शास्त्रों के नजरिये से देखें तो ब्रह्मा के साथ सरस्वती का नाम जोड़ा जाता है। ब्रह्मा -सरस्वती। लेकिन इससे  लोग सरस्वती को ब्रह्मा की पत्नी समझ लेते हैं जबकि सरस्वती ब्रह्मा की बेटी है ना की पत्नी।

ब्रह्मा ने सृष्टि रचने के बाद , सृष्टि में ज्ञान और संगीत की जिम्मेवारी सरस्वती को सौंप दी। तब से सरस्वती देवी सृष्टि में ज्ञान को बनाये रखी है। सरस्वती ज्ञान की देवी है लोग जितना उनकी अराधना करते हैं उतना लोगों को ज्ञान प्राप्त होता है।

Q . लेकिन प्रश्न यह है कि यदि वह ज्ञान की देवी है, ज्ञान लोगों को देती है तो इस दुनिया में सभी ज्ञानी होने चाहिए कोई भी कमअक्ल वाले नहीं होने चाहिए ?

तो इसका जवाब है कि सरस्वती देवी किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है , वह सभी को एकसमान ज्ञान देती है लेकिन लेने वाले ज्ञान लेने की प्रक्रिया को नहीं जानते इसीलिए वे ज्ञान को नहीं ले पाते।
सरस्वती पूजा मनाने का मकसद ही यही है कि हम सरस्वती देवी से ज्यादा से ज्यादा ज्ञान ले सके लेकिन आज के लोग उस प्रक्रिया को भूल गए हैं और अगरबत्ती जला देते हैं मंत्र पढ़ लेते हैं और समझते हैं हमपर सरस्वती देवी की कृपा हो जाएगी लेकिन ऐसा होता कुछ भी नहीं। तो वो परिक्रिया क्या है ? जानने के लिए इस post को अंत तक पढ़ते रहें।

सरस्वती पूजा का आध्यात्मिक रहस्य? 

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अंधश्रद्धा ,भक्ति करते हैं और कुछ लोग ऐसे हैं जो ज्ञान और Proof पर यकीन रखते हैं। तो आध्यात्मिकता आपको ज्ञान बताती है जिससे कि आप सरस्वती पूजा के रहस्यों को समझ पाते हैं।




समय - यदि हम भारतीय calendar को देखें तो ये साल के अंत होने से ठीक 1 महीने पहले मनाया जाता है।
इसका कारन है कि जब लोग साल भर मस्ती करते-करते ज्ञान अंधियारे में चले जाते हैं और तब ज्ञान की देवी उन्हें ज्ञान अंधियारे से ज्ञान सोझरे में लाती है।
कहने का अर्थ है कि जब मनुष्य के सभी धन ,दौलत ,कमाई ख़त्म हो जाती है तब उनका ज्ञान ही उन्हें आगे बढ़ने में मदद करती है।

सरस्वती के वस्त्र - हमेशा सफ़ेद ही दिखाते हैं जो की पवित्रता को दर्शाती है।जिस तरह शरीर के वस्त्र कपडे होते हैं उसी तरह आत्मा का वस्त्र शरीर है और इस शरीर रुपी वस्त्र को पवित्र रखना है।  यानि यदि आपको सरस्वती देवी से ज्ञान चाहिए तो आपको पवित्रता को अपनाना होगा क्योंकि पवित्र बुद्धि में ज्ञान आसानी से बैठता है और इसीलिए पहले पढ़ रहे बच्चों को आश्रम में ब्राह्मण बनकर पवित्र रहकर ज्ञान लेना होता था।
(पवित्र = ब्रह्मचारी )

सरस्वती का वाहन - हंस , जिसके लिए कहा जाता है कि हंस मोती चुनते हैं यानि जो सरस्वती से ज्ञान चाहते हैं उन्हें हंस के जैसे मोती चुनना आना चाहिए। यहां मोती का मतलब है कि लोगों को ज्ञान लेते समय देखना चाहिए कि ये ज्ञान लोगों के भलाई के लिए है या बुराई के लिए।
यदि आपका ज्ञान लोगों को दुःख देता हो तो वो ज्ञान , ज्ञान नहीं श्राप बन जाता है।

सफ़ेद कमल - सरस्वती देवी को हमेशा सफ़ेद कमल के ऊपर विराजमान दिखाया जाता है। क्या आप कीचड़ में भी रहकर कमल फूल की तरह खिल सकते हैं और वो भी सफ़ेद यानि पवित्र रहकर।
कीचड़ में रहकर - यानि आपके आस -पास का वातावरण भले ही ख़राब हो , आपके दोस्त -घरवाले -रिस्तेदार भले ही ख़राब हो फिर भी आप उनके बिच में रहकर उनसे अलग बन सकते हैं और पवित्र रहकर ज्ञान लेकर संसार में खिल सकते हैं।

शास्त्र और माला - जिस तरह ब्रह्मा के हाथों में शास्त्र दिखाते हैं उसी तरह सरस्वती के हाथों में भी शास्त्र दिखाते हैं यानि बुद्धि रुपी हाथों में सदैव ज्ञान रहे। बुद्धि में ज्ञान होगा तो विचार ज्ञान युक्त होंगे , विचार ज्ञान युक्त होंगे तो कर्म automatically ज्ञान युक्त ही होंगे इसीलिए बुद्धि में  सदैव ज्ञान रखना।

माला - माला यानि संगठन। क्या आप भी अपने ज्ञान से संगठन बना सकते हैं। लोगों को अपने ज्ञान से प्रभावित कर सकते हैं उन्हें एक सच्चा इंसान बना सकते हैं उनको अपने तरफ कर सकते हैं। यही है माला की निशानी।
माला फेरना अलग और माला बनाना अलग है। माला फेरना ये भक्ति मार्ग का काम है और माला बनाना ये ज्ञानियों का काम है।

विणा - क्या आपके जीवन में संगीत है। जीवन में संगीत का मतलब क्या आपको जीवन जीने में मज़ा आता है।
जिस तरह संगीत सुनकर सुकून मिलता है उसी तरह का सुकून आपके ज़िन्दगी में होना ऐसा सरस्वती देवी की अराधना से ही हो सकती है।

तो सरस्वती देवी से ज्ञान लेने का रहस्य है :- ज्ञान लेते समय पवित्र रहना , मोती के समान सच्चे ज्ञान पर चलना , भले ही आपके आस-पास का वातावरण ख़राब हो उसमे भी सफ़ेद कमल की तरह निखर कर रहना , ऐसा रहने से ज्ञान स्वतः ही बुद्धि में समाते रहेगी और फिर आपके ज्ञान से संगठन रुपी माला तैयार होने लगेंगे ,लोग आपके ज्ञान को सुनना चाहेंगे तो फिर आपके ज्ञान से आपका जीवन वीणा की तरह संगीतमय हो जाएगी।


सरस्वती का मतलब क्या है ? महत्व और सिख। 

सरस्व= सारी दुनिया को
ती = तारने वाली , कल्याण करने वाली

सरस्वती =सारी दुनिया को ज्ञान द्वारा कल्याण करने वाली।

सरस्वती अपने आप में एक inspirational नाम है। सरस्वती नाम से ही मन में पवित्रता आने लगती है।
इसका महत्व बोहोत बड़ा है। ज्ञान का महत्व हमेशा से रही है लेकिन ज्ञान पाने के लिए जो पवित्रता चाहिए उसको लोग भूल गए हैं।

और इसी को लेकर भगवतगीता में एक श्लोक भी है :-

गीता 4 /38 :- न ही ज्ञानेन सदृशं पवित्रमीह विद्यते।
यानि इस संसार में ज्ञान के समान पवित्र कुछ भी नहीं होता।

ज्ञान और पवित्रता एक दूसरे के परस्पर हैं। जहां ज्ञान हैं वहाँ पवित्रता है और जहां पवित्रता है वहाँ ज्ञान स्वतः ही है।
यह सच है कि ज्ञान की भूक सभी लोगों को नहीं होती है। लोग खाते -पिते पशु के समान अपना जीवन बिता देते हैं। ऐसे लोग इन्द्रियों के सुख को ही समझ पाते हैं। लेकिन जो ज्ञानी होते हैं वे अतीन्द्रिय सुख पाते हैं , जब वह अपने ज्ञान से कुछ नया बनाते हैं तब उन्हें इतनी ख़ुशी होती है जितनी ख़ुशी उन्हें कोई नहीं दे सकता। वह इन्द्रियों से परे मन -बुद्धि का सुख होता है। ऐसे लोगों को सारी दुनिया सम्मान करती है और जन्म -जन्मांतर तक याद करती है। ऐसे लोग के लिए सभी के दिलों में आदर और सम्मान होता है और यही वह चीज है जो खरीदी नहीं जा सकती।

सरस्वती पूजा से सिख :- हम हरेक साल सरस्वती पूजा इसलिए मनाते हैं ताकि हमें सदैव याद रहे कि कैसी भी परिस्थिति आ जाये यदि हमारे पास ज्ञान है तो हम किसी भी समय ,कैसी भी परिस्थिति में ,किसी भी समस्या से बाहर आ सकते हैं। हम अपने बुरे हालातों का सामना कर सकते हैं और अच्छे समय में एक समान स्थितप्रज्ञ रह सकते हैं।


सरस्वती पूजा करना जरूरी है या उनके बताये रास्ते पर चलना ज्यादा जरूरी है ?

आज सच्चे भक्त भी है तो झूठे भक्त भी हैं। सच्चे भक्त वो जो सरस्वती देवी के बताये मार्गों पर चलते हैं और झूठे भक्त वे जो सिर्फ दिखावे के लिए एक दिन के लिए पूजा करते हैं।

पूजा करना यानि उनकी धारणाओं को मानना। कोई कहे हम महात्मा गाँधी की पूजा करते हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि गाँधी की पूर्ति लगाकर उनको अगरबत्ती दिखाना।  गाँधी ने जैसा कर्म करके दिखाया उनको सम्मान करना उनके धारणाओं पर चलना ये ही पूजा है।

एक दिन की पूजा से कुछ नहीं मिलता ये सब जानते हैं। आप परीक्षा में एक दिन की पूजा से पास नहीं हो सकते उसके लिए सरस्वती देवी ने जो धारणाये बताई है उसपर चलना जरूरी है। और वही असली पूजा है।

उदाहरण:- यदि कोई बच्चा रोज अपने माँ -बाप के पैर छूता हो और उनकी बातों को नहीं मानता हो तो वह बच्चा माँ -बाप से सम्मान नहीं पाता। वहीँ दूसरा बच्चा पैर आदि नहीं छूता हो और अपनी माँ -बाप की बात मानता हो तो वो बच्चा अपने माँ -बाप से सम्मान पाता है।
उसीतरह अपने देवी -देवताओं के प्रति क्रियाक्रम करने से ज्यादा जरूरी है कि हम उनकी बातों को माने और उनके बताये गए मार्गों पर चलें और यही आध्यात्म सिखाता है।





तो दोस्तों ये थी जानकारी सरस्वती पूजा के बारे में और उसके महत्व-सिख के बारे में। मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आयी होगी।


यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें comment करके जरूर बताये। और इस post को अपने दोस्तों तक जरूर share करें।
अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद। 
Gram Panchayat Adhikari Ko Application Kaise Likhe

Gram Panchayat Adhikari Ko Application Kaise Likhe


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे कि ग्राम पंचायत अधिकारी को Application कैसे लिखते हैं। यदि आप गांव में रहते हैं और कभी ग्राम के पंचायत को application लिखनी पड़ती है तो ये post आपको हमेशा मदद करेगी। हम आपको एक उदाहरण देकर के बताएँगे जिससे की आपको अच्छे से समझ में आ जायेगा। तो चलिए हम जानते हैं कि ग्राम पंचायत अधिकारी को application कैसे लिखते हैं ?



ग्राम पंचायत के बारे में जरूरी जानकारी। 

ग्राम पंचायत को application लिखने से पहले हमें ग्राम पंचायत के बारे में जान लेना चाहिए कि ग्राम पंचायत के क्या-क्या कार्य हैं ? और ग्राम पंचायत हमें कैसे मदद करती है।

ग्राम पंचायत यानि गांव का पंचायत - जब कभी भी कोई परेशानी होती है गांव के लोगों को तो वे अपने गांव के पंचायत में जाती है। पंचायत उसकी परेशानी को दूर करने की कोशिश करती है। गांव के पंचायत का प्रमुख ग्राम प्रधान (मुखिया ) होता है। जिसे लोग vote देकर चुनते हैं। एक मुखिया का कार्यकाल 5 सालों का होता है।

पंचायत - गांव में किसी भी समस्या को दूर करने के लिए लोग पंचेति बिठाते हैं जिसमे गांव के मुख्य 5 लोग आते हैं और उनकी समस्या को दूर करने की कोशिश करते हैं। पंचेति में ग्राम प्रधान (मुखिया ) और उस गांव के प्रमुख लोग जैसे पंडित , जमीनदार , ठाकुर जैसे लोग सामिल हो सकते हैं।

आजकल लोग पंचेति में मुखिया के साथ अपने परिवार के बड़े बुजुर्ग लोगों को रखते है। आजकल लोग अपने घर की बातों में औरों को शामिल नहीं करना चाहते है तो वे आपस में ही समझौता कर लेते हैं।

तो इस तरह ग्राम पंचायत काम करती है।

gram panchayat ko application kaise likhe
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ग्राम पंचायत को दी जाने वाली कार्य क्या-क्या हैं ?


ग्राम पंचायत को गांव के विकाश के लिए funds (पैसे ) आते हैं जिसे गांव के मुखिया को दिया जाता है। ये पैसे कितने होते हैं ये राज्य सरकार तय करती है। कभी -कभी जब राज्य सरकार नई योजना बनाती है तो उसे लागु करने के लिए भी वे ग्राम पंचायत की मदद लेती है और ग्राम पंचायत उस योजना को गांव तक पहुंचाती है।

इसमें से मैं कुछ का नाम बता रहा हूँ जो ग्राम पंचायत के अंतर्गत आती है और आप इस सम्बन्ध में ग्राम पंचायत को application लिख सकते हैं।

गांव में विद्यालय निर्मित हेतु या विद्यालय की सुधार हेतु।
गांव में चिकित्सा का सुधार हेतु आवेदन।
गांव में सरकारी अस्पताल की मरम्मत हेतु ग्राम पंचायत को पत्र।
गांव में सड़क की मरम्मत हेतु ग्राम पंचायत को आवेदन।
खेती के लिए कुवे की निर्माण के लिए ग्राम प्रधान (मुखिया ) को एप्लीकेशन।
गांव में जल संकट के सम्बन्ध में ग्राम प्रधान को पत्र।
घर के जमीन की बंटवारे में हो रहे विवाद पर मुखिया को पत्र।
घर में लड़ाई होने पर ग्राम पंचायत को पत्र।
आवास योजना , उज्ज्वला योजना ना मिलने पर ग्राम प्रधान को पत्र।
सरकारी बिजली की सुविधा ना मिलने पर ग्राम पंचायत को पत्र।
गांव में तालाब , चापानल बनाने हेतु ग्राम पंचायत को पत्र।





तो ऐसे कई विषयों के ऊपर आप अपने ग्राम पंचायत को application लिख सकते हैं।

 ग्राम पंचायत अधिकारी को Application कैसे लिखे। 


विषय :-  खेती के लिए कुवे की निर्माण के लिए ग्राम प्रधान (मुखिया ) को एप्लीकेशन।

सेवा में ,
             माननीय ग्राम प्रधान महोदय
              बाराडीह (नावाडीह )

विषय :- खेती के लिए कुवे की निर्माण हेतु।

महोदय ,
               सविनय निवेदन है कि मैं कुशल महतो एक किसान बाराडीह गांव का निवाशी हूँ। मैं खेती से ही अपनी जीविका चलाता हूँ। लेकिन आजकल मौसम परिवर्तन की वजह से बारिश समय पर नहीं होती है जिससे खेत सूखे रह जाते हैं। खेतों में पानी ना आने के कारन हम अनाज नहीं ऊगा पा रहे हैं। यही समस्या यदि अगले साल भी रही तो मजबूरन हमें कोई दूसरा धंधा तलाश करना होगा नहीं तो इस गांव से हमें जाना होगा।

गांव में खेती होती रहे उसके लिए जरूरी है कि हमें एक कुवा खुदवाकर दिया जाये। कुवे के पानी से हम खेती कर सकते हैं और इससे हम किसी भी मौसम में अनाज या सब्जी भी ऊगा पाएंगे। जिससे की गांव के लोगों को कम कीमत में सब्जी मिल पायेगी।
 इसीलिए मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि हमारे खेत में एक कुँवा का निर्माण किया जाये जिससे कि हम किसान को गांव छोड़कर ना जाना पड़े और हम सुख से गांव में रह सके।

आपका विश्वाशी
कुशल महतो
गांव -बाराडीह (नावाडीह )
दिनांक -
आप इस application का photo भी प्राप्त कर सकते हैं।

gram panchayat adhikari ko application likhe.


तो दोस्तों ये थी जानकारी कि कैसे आप ग्राम पंचायत अधिकारी को Application लिखेंगे और किस सम्बन्ध में application लिखेंगे। मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आयी होगी।


यदि आपका कोई सवाल या कोई सुधाव है तो हमें comment करके जरूर बताये। और इस post को अपने दोस्तों तक facebook ,watsapp में share करें।
अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत -बोहोत धन्यवाद।

डाकघर से पैसे निकाले Aadhar Card से बिना Passboook ATM के

डाकघर से पैसे निकाले Aadhar Card से बिना Passboook ATM के


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम बात करेंगे कि डाकघर से कैसे आप बिना पासबुक के पैसे निकाल सकते है। यदि आप किसी भी बैंक के खाता धारक हैं तो भी आप डाकघर से पैसे निकाल पाएंगे। आज हम इसी योजना के बारे में बात करने वाले हैं जो की बैंकों में बढ़ रही भीड़ को कम करने के लिए शुरू किया गया है।

postoffice se paise nikale bina atm passbook ke
postoffice se paise nikale bina atm passbook ke
डाकघर से पैसे निकाले Aadhar Card से बिना Passboook ATM के। 

यह सुविधा नए साल 2020 से शुरू हो गई है। यदि आपके भी बैंक में बोहोत भीड़ होती है या आपको पैसे निकालने के लिए बैंक नहीं जाना है तो आप अपने नजदीकी डाकघर में जाकर भी पैसे निकाल सकते हैं। यदि आप किसी दुविधा में भी फँस गए हैं , आपके पास पासबुक नहीं है, ATM नहीं है और सब पैसे भी ख़त्म हो गए हैं तो भी आप डाकघर से बिना पासबुक के पैसे निकाल पाएंगे। लेकिन कैसे उसके लिए इस  post को पढ़ते रहें।




डाकघर से बिना पासबुक के पैसे निकालने के लिए आपको अपना बैंक account आधार कार्ड से link करना होगा। यदि आपका बैंक account पहले से ही आधार से लिंक है तो फिर आप कभी भी डाकघर से पैसे निकाल पाएंगे।
डाकघर से पैसे निकालने के लिए आपको अपना आधार कार्ड लेकर के जाना होगा। यदि आपके पास आधार कार्ड भी नहीं है तो आधार कार्ड का नंबर भी यदि आपको याद हो तो भी आप डाकघर से पैसे निकाल पाएंगे।

डाकघर से बिना पासबुक के पैसे निकालने की सुविधा कैसे काम करती है ?

आपका बैंक खाता जब आधार कार्ड से लिंक होता है तब सिर्फ आधार कार्ड के number से भी आपके बैंक account को ढूंढा जा सकता है और उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसका इस्तेमाल वही कर सकते हैं जिनके पास आपके बैंक और आधार दोनों की जानकारी है तो वो केवल सरकार के पास है तो इसीलिए सरकार ने इसको मद्दे नज़र रखते हुवे इस योजना की सुरुवात की है।

जैसे ATM और आपका बैंक खाता आपस में link है तो आप ATM से पैसे निकाल पाते हैं वैसे ही आधार कार्ड से भी आप पैसे निकाल पाएंगे। अंतर यही होगा कि ATM में खुद से पैसे निकालते थे , ATM कार्ड में ही नंबर होता है और वो chip के द्वारा मशीन ले लेता है लेकिन यहां आपको डाकघर में आधार नंबर बताना होता है क्योंकि आधार कार्ड में कोई chip नहीं होती है।


डाकघर ( PostOffice) से बिना पासबुक के पैसे निकालने की प्रक्रिया ?

  • सबसे पहले आपको अपने नजदीकी डाकघर में जाना है। 
  • वहाँ अपना आधार कार्ड नंबर देना है। 
  • आधार नंबर देने के बाद आपको Biometric Fingerprint Scanner में अपनी उंगली रखनी होगी। 
  • आपकी उंगली की पहचान होने के बाद आपको पैसे की जानकारी देनी होगी। जितना पैसा आप निकालना चाहते हैं। 
  • उसके बाद बताये गए पैसे आपको मिल जाएगी। 



डाकघर से बिना ATM ,पासबुक के कितने पैसे निकाल सकते हैं ? 

अभी सुरुवात में इसकी सिमा 10000 रुपये रखी गई है। बाद में लोगों की प्रक्रियाओं के बाद इसे बढ़ाया भी जा सकता है। इसे खासकर गांव के लिए शुरू किया गया है जहां बढ़ती भीड़ की वजह से बैंक वाले परेशान हो जाते हैं तो उस भीड़ को कम करने के लिए जिन्हे कम पैसे निकालने हैं वे डाकघर से पैसे निकाले और जिन्हे अधिक पैसे निकालने हैं वे बैंक जाये। 

यह 10000 रुपये कम इसलिए भी हैं क्योंकि इस योजना को Emergency होने पर लोग इस्तेमाल करेंगे अधिकतर लोग डाकघर नहीं जाते हैं। तो इससे लोगों का डाकघर भी जाना होगा और वे भीड़ से भी बचे रहेंगे।
डाकघर से पैसे निकालना कितना नुकसान और कितना फायदा ?

जहां तक नुकसान की बात की जाये तो इसमें कुछ नुकसान की बात नहीं है। यदि डाकघर आपके घर से दूर है तब आपको नुकसान या कहें परेशानी हो सकती है। इसमें फायदा ही फायदा दिखाई देता है, security भी रहती है ATM से कोई दूसरा व्यक्ति भी पैसे निकाल सकता है यदि वह आपके ATM Pin को जानता हो लेकिन इसमें आपके सिवा कोई दूसरा पैसे भी नहीं निकाल सकता। 

इससे भीड़ कम होगी , पासबुक ले जाने की परम्परा ख़त्म होगी। लाइन में ज्यादा देर नहीं लगना होगा। Emergency में आपके पास पासबुक -ATM नहीं है तो इसका मदद आप ले सकते हैं और भी कई फायदे होंगे जो की हमें आगे आने वाले दिनों में पता चलेंगे। 

तो ये थी जानकारी कि कैसे आप डाकघर से बिना पासबुक और ATM के पैसे निकाल सकते हैं सिर्फ आधार कार्ड से। मुझे उम्मीद है कि आपको ये नई जानकारी जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें comment करके जरूर बताये। 
और इस post को अपने दोस्तों तक facebook , watsapp में भी share करें ताकि और लोगों को भी इस जानकारी के बारे में पता चले और वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें। 
अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद।