डाकघर से पैसे निकाले Aadhar Card से बिना Passboook ATM के

डाकघर से पैसे निकाले Aadhar Card से बिना Passboook ATM के


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम बात करेंगे कि डाकघर से कैसे आप बिना पासबुक के पैसे निकाल सकते है। यदि आप किसी भी बैंक के खाता धारक हैं तो भी आप डाकघर से पैसे निकाल पाएंगे। आज हम इसी योजना के बारे में बात करने वाले हैं जो की बैंकों में बढ़ रही भीड़ को कम करने के लिए शुरू किया गया है।

postoffice se paise nikale bina atm passbook ke
postoffice se paise nikale bina atm passbook ke
डाकघर से पैसे निकाले Aadhar Card से बिना Passboook ATM के। 

यह सुविधा नए साल 2020 से शुरू हो गई है। यदि आपके भी बैंक में बोहोत भीड़ होती है या आपको पैसे निकालने के लिए बैंक नहीं जाना है तो आप अपने नजदीकी डाकघर में जाकर भी पैसे निकाल सकते हैं। यदि आप किसी दुविधा में भी फँस गए हैं , आपके पास पासबुक नहीं है, ATM नहीं है और सब पैसे भी ख़त्म हो गए हैं तो भी आप डाकघर से बिना पासबुक के पैसे निकाल पाएंगे। लेकिन कैसे उसके लिए इस  post को पढ़ते रहें।




डाकघर से बिना पासबुक के पैसे निकालने के लिए आपको अपना बैंक account आधार कार्ड से link करना होगा। यदि आपका बैंक account पहले से ही आधार से लिंक है तो फिर आप कभी भी डाकघर से पैसे निकाल पाएंगे।
डाकघर से पैसे निकालने के लिए आपको अपना आधार कार्ड लेकर के जाना होगा। यदि आपके पास आधार कार्ड भी नहीं है तो आधार कार्ड का नंबर भी यदि आपको याद हो तो भी आप डाकघर से पैसे निकाल पाएंगे।

डाकघर से बिना पासबुक के पैसे निकालने की सुविधा कैसे काम करती है ?

आपका बैंक खाता जब आधार कार्ड से लिंक होता है तब सिर्फ आधार कार्ड के number से भी आपके बैंक account को ढूंढा जा सकता है और उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसका इस्तेमाल वही कर सकते हैं जिनके पास आपके बैंक और आधार दोनों की जानकारी है तो वो केवल सरकार के पास है तो इसीलिए सरकार ने इसको मद्दे नज़र रखते हुवे इस योजना की सुरुवात की है।

जैसे ATM और आपका बैंक खाता आपस में link है तो आप ATM से पैसे निकाल पाते हैं वैसे ही आधार कार्ड से भी आप पैसे निकाल पाएंगे। अंतर यही होगा कि ATM में खुद से पैसे निकालते थे , ATM कार्ड में ही नंबर होता है और वो chip के द्वारा मशीन ले लेता है लेकिन यहां आपको डाकघर में आधार नंबर बताना होता है क्योंकि आधार कार्ड में कोई chip नहीं होती है।


डाकघर ( PostOffice) से बिना पासबुक के पैसे निकालने की प्रक्रिया ?

  • सबसे पहले आपको अपने नजदीकी डाकघर में जाना है। 
  • वहाँ अपना आधार कार्ड नंबर देना है। 
  • आधार नंबर देने के बाद आपको Biometric Fingerprint Scanner में अपनी उंगली रखनी होगी। 
  • आपकी उंगली की पहचान होने के बाद आपको पैसे की जानकारी देनी होगी। जितना पैसा आप निकालना चाहते हैं। 
  • उसके बाद बताये गए पैसे आपको मिल जाएगी। 



डाकघर से बिना ATM ,पासबुक के कितने पैसे निकाल सकते हैं ? 

अभी सुरुवात में इसकी सिमा 10000 रुपये रखी गई है। बाद में लोगों की प्रक्रियाओं के बाद इसे बढ़ाया भी जा सकता है। इसे खासकर गांव के लिए शुरू किया गया है जहां बढ़ती भीड़ की वजह से बैंक वाले परेशान हो जाते हैं तो उस भीड़ को कम करने के लिए जिन्हे कम पैसे निकालने हैं वे डाकघर से पैसे निकाले और जिन्हे अधिक पैसे निकालने हैं वे बैंक जाये। 

यह 10000 रुपये कम इसलिए भी हैं क्योंकि इस योजना को Emergency होने पर लोग इस्तेमाल करेंगे अधिकतर लोग डाकघर नहीं जाते हैं। तो इससे लोगों का डाकघर भी जाना होगा और वे भीड़ से भी बचे रहेंगे।
डाकघर से पैसे निकालना कितना नुकसान और कितना फायदा ?

जहां तक नुकसान की बात की जाये तो इसमें कुछ नुकसान की बात नहीं है। यदि डाकघर आपके घर से दूर है तब आपको नुकसान या कहें परेशानी हो सकती है। इसमें फायदा ही फायदा दिखाई देता है, security भी रहती है ATM से कोई दूसरा व्यक्ति भी पैसे निकाल सकता है यदि वह आपके ATM Pin को जानता हो लेकिन इसमें आपके सिवा कोई दूसरा पैसे भी नहीं निकाल सकता। 

इससे भीड़ कम होगी , पासबुक ले जाने की परम्परा ख़त्म होगी। लाइन में ज्यादा देर नहीं लगना होगा। Emergency में आपके पास पासबुक -ATM नहीं है तो इसका मदद आप ले सकते हैं और भी कई फायदे होंगे जो की हमें आगे आने वाले दिनों में पता चलेंगे। 

तो ये थी जानकारी कि कैसे आप डाकघर से बिना पासबुक और ATM के पैसे निकाल सकते हैं सिर्फ आधार कार्ड से। मुझे उम्मीद है कि आपको ये नई जानकारी जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें comment करके जरूर बताये। 
और इस post को अपने दोस्तों तक facebook , watsapp में भी share करें ताकि और लोगों को भी इस जानकारी के बारे में पता चले और वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें। 
अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद।  
NRC Kya Hai? NRC की पूरी जानकारी

NRC Kya Hai? NRC की पूरी जानकारी


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम बात करेंगे NRC के बारे में। NRC क्या है ? NRC का full form क्या होता है ? NRC असम में कैसे लागु हुई और उसका परिणाम क्या हुवा ? पुरे भारत में NRC कब लागु होगी ? CAA के बाद NRC लागु हुई तो क्या होगा ? NRC के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान ? और भी कुछ अन्य जानकारी NRC के बारे में हम आज जानेंगे , तो इस post को आप अंत तक जरूर पढ़े आपको कुछ नई जानकारी जरूर मिलेगी। 

NRC क्या है? NRC का full form क्या होता है?

NRC-National Register for Citizenship को यदि हम आसान भाषा में समझे तो यह एक Register है जिसमे सभी के records रखे जायेंगे। जिस तरह school में register होते हैं जिसमे students की जानकारी होती है वैसे ही यह NRC है जिसमे पुरे देश के लोगों का record होगा।
इसमें व्यक्ति के पहचान से जुडी सभी जानकारियां होगी , NRC होने पर देश के सभी लोगों को अपनी नागरिकता सिद्ध करनी होगी कि हम भारत में रहने वाले हैं जिसके लिए आपसे documents मांगे जायेंगे। ये documents क्या होंगे इसकी अभी तक कोई पुस्टि नहीं हुई है। 



NRC लाने का मकसद क्या है? NRC से जुड़े रोचक बातें। 

भारत में घुसपैठिये बोहोत बड़ी समस्या है। बांग्लादेश से , नेपाल से , पाकिस्तान से लोग भारत में आ जाते हैं और यहीं पर अपनी ज़िन्दगी बिता देते हैं , ऐसे में जो असल भारतीय नागरिक है उनको नौकरी मिलने में परेशानी होती है और इससे जान-मान का भी खतरा होता है।

ऐसे में NRC की मदद से यह पहचाना जायेगा कि कौन भारत के नागरिक है और कौन नहीं है और जो भारत का नागरिक नहीं होगा उनको डिटेंशन सेंटर भेज दिया जायेगा या उनके देश में भेज दिया जायेगा। ये है NRC का मकसद।

लेकिन इसमें कई लोगों का कहना है कि देश में पहले से ही नागरिकता के लिए आधार कार्ड को बनाया गया है फिर NRC की क्या जरूरत है ? सरकार आधार कार्ड के records से भी तो नागरिकता दे सकती है।

nrc protests in India
nrc protests in India
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आसाम के NRC में क्या हुवा?

आसाम में NRC 2019 में हुई है। जिसमे आसाम के हरेक लोगों को अपनी जागरिकता सिद्ध करनी थी। जिसके लिए उन्हें 1971 से पहले की documents दिखाने थे। लगभग 50 साल पुराने documents , ऐसा इसलिए हुवा था क्योंकि 1971 में बांग्लादेश बना था और बांग्लादेश के बनने के बाद जो लोग आसाम में रह गए थे उन्हें भारतीय नागरिकता मिल गई थी , इस हिसाब से सभी आसाम के नागरिक के पास documents होने चाहिए।

लेकिन ऐसा नहीं हुवा , Birth Certificate की तो दूर की बात कई लोगों को पता भी नहीं था कि मेरा जन्मदिन कब है ? लगभग 3 करोड़ आबादी वाले राज्य में 19 लाख लोग अपनी नागरिकता सिद्ध नहीं कर पाए थे। जिसमे 15 लाख हिन्दू और 4 लाख अन्य धर्मों के बताये जा रहे हैं।

सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठे , कहीं पर पैसे लेने की बात भी सामने आयी तो कई लोग आत्महत्या भी कर बैठें। सरकार ने इसके लिए 52000 लोगों को कार्य में लगाया था और NRC के कैंप जगह -जगह खोले थे , कुल 1220 करोड़ रुपये खर्च किये गए थे।

यदि CAA आती है तो उन 15 लाख हिन्दू लोगों को नागरिकता मिल जाएगी और 4 लाख मुस्लिम लोगों को नहीं मिलेगी इसीलिए आसाम में सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन हो रहा है।


CAA के बाद NRC लागु हुई तो क्या होगा?

यदि CAA के बाद NRC लागु होती है तो जो हिन्दू , ईसाई ,सिक्ख लोग अपनी नागरिकता सिद्ध नहीं कर पाएंगे उन्हें CAA की वजह से फिर से नागरिकता दे दी जाएगी और जो मुस्लिम अपनी नागरिकता सिद्ध नहीं कर पाएंगे उन्हें डिटेंशन सेंटर भेजा जायेगा।

उसमे भी जो अमीर होंगे वो 2 नंबर करके नागरिकता ले पाएंगे , ऐसा भारत में होता ही है , चंद पैसों के लिए लोग बिक जाते हैं। और जो गरीब मुसलमान होंगे उन्हें परेशानी होगी।

जो भारतीय हिन्दू अपनी नागरिकता सिद्ध नहीं कर पाएंगे वो बच सकते हैं लेकिन जो भारतीय मुस्लिम अपनी नागरिकता सिद्ध नहीं कर पाएंगे तो उन्हें भी घुसपैठिया समझकर दबोचा जायेगा।

ऐसा भी हो सकता है कि जो गरीब हिन्दू होंगे जो अपनी नागरिकता सिद्ध ना कर पाएंगे तो उन्हें भी डिटेंशन सेंटर भेज देंगे क्योंकि गरीब लोग सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं , रोटी -कपडा -घर मांगते हैं , नौकरी मांगते हैं तो उन लोगों से सरकार को vote तो मिलेंगे नहीं तो उन्हें भी डिटेंशन सेंटर भेजा जा सकता है जिससे की उनकी पार्टियों की हमेशा जित होते रहे।


NRC होने पर क्या-क्या (documents ) कागज़ात मांगे जा सकते हैं ?
NRC होने पर सबसे अहम documents जो मांगे जायेंगे वो है:-

  • Birth Certificate
  • Parents Birth Certificate
  • Land/ Property Paper 
  • School or College Certificates
  • Government Certificates
  • Government service certificates
  • House Paper
  • Passport




NRC के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान है?

NRC से देश को फायदा होगा जिससे कि घुसपैठियों को बाहर निकाला जायेगा।
भारत के नागरिकों के लिए एक register बनेगा जिससे की नागरिक को पहचाना जायेगा और उसके अनुसार सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जायेगा।

NRC से नुकसान सबसे ज्यादा मुस्लिम लोगों को होगी। जो घुसपैठिये मुस्लिम हैं उन्हें साफ़ तोर पर भगाया जायेगा।
गरीब लोग जो अपनी नागरिकता सिद्ध नहीं कर पाएंगे -जिनके कागजात जल गए हो ,चोरी हो गए हो , बाढ़ में डूब गए हो। ऐसे लोगों के लिए भी बोहोत बड़ी मुश्किल होने वाली है।
यदि परेशानी की बात करें तो हरेक लोगों को लाइन में लगकर अपनी नागरिकता सिद्ध करनी होगी। इसमें लोगों का समय और पैसा दोनों बरबाद होगा।
जिन लोगों को डिटेंशन सेंटर भेजा जायेगा उनकी ज़िन्दगी दर्दनाक या कहें नर्क के समान बन जाएगी वो भी इसलिए क्योंकि वे अपनी नागरिकता सिद्ध नहीं कर पाए।
कुल मिलाकर देखें तो ये उत्पीड़न देने वाला कानून साबित होता है। जिसमे लोगों की ज़िन्दगी के साथ खेला जायेगा।

इन सभी बातों से आप समझ ही गए होंगे कि लोग आज क्यों NRC का विरोध कर रहे हैं। तो ये थी जानकारी NRC के बारे में ,मुझे उम्मीद है कि आपको ये जानकारी जरूर मदद करेगी। यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें comment करके बताये।


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Apni Shaadi Hone Par Chutti Ke Liye Application

Apni Shaadi Hone Par Chutti Ke Liye Application


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम जानेंगे कि अपनी शादी होने पर छुट्टी के लिए हम application कैसे लिखेंगे। इस post में हमने हिंदी और English दोनों भाषाओं में application लिखा है आप अपनी जरूरत के अनुसार पढ़ सकते हैं और चाहे तो download भी कर सकते हैं।


अपनी शादी होने पर छुट्टी के लिए Application 

सेवा में ,                                                                                     
श्रीमान मैनेजर साहब ,
बीo एसo एलo कंपनी ,(बोकारो )

विषय :- अपनी शादी होने पर छुट्टी हेतु।
महोदय ,
             मुझे बताते हुवे खुशी हो रही है कि मेरी शादी दिनांक 20 /01 /2020 को सुनिश्चित की गई है। मेरी शादी को लेकर सभी घर वाले तैयारी में लग गए हैं और मेरे बिना शादी की पूरी तैयारी करना घर वालों के लिए असंभव सा है इसीलिए मुझे अपनी शादी और उसकी तैयारी के लिए 15 /01/ 2020 से 22 /01 /2020 तक 8 दिनों की छुट्टी देने की  कृपया प्रदान करें।

मेरी शादी में सभी कंपनी के कार्यकर्ताओं के साथ -साथ आपको भी विशेष आमंत्रण है , आप मेरी शादी में आकर हमें जरूर आशीर्वाद दें।

सधन्यवाद ।
 मुकेश रजक
जूनियर इंजीनियर

my marriage leave application
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Leave Application For My Marriage 

To
The Manager,
B.S.L Company, (Bokaro)

Sub- Leave application for my marriage

Sir,
      I am happy to say that my marriage is going to be held on 20/01/2020. My parents are indulged in my wedding preparation but without me, it is not going to be possible. So, for my marriage and its preparation please grant me leave for 8 days from 15 /01/ 2020 to 22 /01 /2020. I will be highly thankful to you.

All the office staff member is invited in my marriage and I especially invite you to please come and give blessings to us.

Thanking You

Mukesh Rajak
Junior Engineer

You can download the application photo also...

leave application for my marriage.




तो दोस्तों ये थी जानकारी कि कैसे आप अपने शादी की छुट्टी के लिए application लिखते हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आई होगी। यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें comment करके जरूर बताये।


और इस post को अपने दोस्तों तक जरूर share करें ताकि ये application औरों को भी फायदा दे सके।
अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद।

Citizenship Amendment Act Kya Hai ? CAA की जानकारी

Citizenship Amendment Act Kya Hai ? CAA की जानकारी


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम बात करेंगे Citizenship Amendment Act यानि नागरिकता संसोधन कानून के बारे में। यह Citizenship Amendment Act क्या है ? क्यों लोग इस कानून के विरोध में और support में रैलियां निकाल रहे हैं ? इस Citizenship Amendment Act से किसको फायदा होगा और किसको नुकसान होगा ? इस कानून के ऊपर सरकार का क्या कहना है और विपक्ष का क्या कहना है ? और लोगों का भी क्या कहना है ? लोगों की क्या मांग है इसके ऊपर भी आज हम बात करेंगे।

Citizenship Amendment Act क्या है ?

यह अब एक कानून बन चूका है जिसमे पाकिस्तान , अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आये ऐसे लोगों को भारत में नागरिकता देने की बात है जिनको धार्मिक रूप से प्रतारणा की गई हो और जो 31 December 2014 से पहले भारत आये हो। जिसमे हिन्दू , सीख़ ,बोद्ध ,जैन ,ईसाई और पारसी सामिल है।

यानि साफ़-साफ़ कहें तो मुस्लिम धर्म के लोगों को छोड़कर सभी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का कानून है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि सरकार के अनुसार उन देशों में मुस्लिम आबादी अधिक है और उसमें अन्य धर्म के लोग बोहोत कम रह गए है इसीलिए उन लोगों को बचाने के लिए यह कानून लागु किया गया है।

citizenship amendment act - caa
citizenship amendment act - caa
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Citizenship Amendment Act के समर्थन  में लोगों का क्या कहना है?
  • CAA के समर्थन में BJP भारतीय जनता पार्टी के लोग जगह-जगह में समर्थन रैली निकाल रहे हैं। उनके समर्थन में लोगों का कहना है कि ये Citizenship Amendment Act भारत के मुसलमानो को किसी भी प्रकार का भय पैदा करने के लिए नहीं है बल्कि ये नागरिकता देने का कानून है नागरिकता लेने का कानून नहीं है। 
  • अमित शाह का कहना है कि उन देशों में monority धर्म के लोग 21 % थे जो अब घट करके 2 % हो गए हैं हालाँकि ये data उन्हें कहाँ से मिली है इसकी कोई पुस्टि नहीं की गई है। 
  • कई समर्थन करने वालों का कहना है कि हिन्दू धर्म की जनसँख्या दिन-प्रतिदिन घटते जा रही है , इस धर्म को बचाने के लिए इस तरह का कानून जरूरी है। 
  • CAA के समर्थन के साथ -साथ कई लोग NRC के समर्थन में भी कह रहे हैं कि देश में घुसपैठियों की जनसँख्या बढ़ गयी है जिसे कम करने के लिए NRC जरूरी है। 

Citizenship Amendment Act के विरोध में लोगों का क्या कहना है ? CAA की जानकारी

आज देश भर में जगह-जगह रैलियां हो रही है जिसमे बंगाल और आसाम में सबसे ज्यादा रैलियां हो रही है। उन लोगों का कहना है कि ये Citizenship Amendment Act





  • भारत के संविधान के विपरीत है। जहां संविधान में हरेक धर्म को समानता दी गई है। संविधान का जो P reamble है उसी में लिखा है कि हम धर्मनिरपेक्षता बनाये रखेंगे वहीँ यह कानून मुस्लिम धर्म को boycott कर रही है। 
  • वे लोग Citizenship Amendment Act का इसलिए भी विरोध कर रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान ,अफगानिस्तान में सिया मुसलमान के ऊपर , श्रीलंका में मुसलमान के ऊपर , China में मुसलमान के ऊपर भी धार्मिक प्रतारणा हो रही है लेकिन इस कानून में इनका कोई जिक्र नहीं है। 
  • और अगला जो विरोध हो रहा है वो NRC-National Register for Citizenship के लिए हो रहा है। एक तरफ अमित शाह संसद में NRC लाने की बात करते हैं वहीँ प्रधानमंत्री NRC नहीं लाने की बात करते हैं। NRC का ख़ास तोर पर विरोध आसाम से शुरू हुवा जिसमे 20 लाख लोग अपनी नागरिकता नहीं साबित कर पाए और जिसमे 14 लाख लोग हिन्दू निकले। तो उन बचे हुवे 14 लाख हिन्दुओं को नागरिकता देने के लिए और मुसलमान को बाहर करने के लिए ये Citizenship Amendment Act लाया गया है जिसका की विरोध किया जा रहा है। तो इस तरह सभी मुसलमानो को डिटेंशन सेंटर में डाल दिया जायेगा China की तरह।  ऐसा विरोध करने वाले लोग कह रहे हैं। 
  • जो Citizenship Amendment Act का विरोध कर रहे हैं उनमें से कई लोग यह भी कह रहे हैं कि इस वक़्त देश आर्थिक तंगी से गुज़र रहा है। GDP 4.5 हो गयी है और नौकरियां ख़त्म होते जा रहे हैं। सरकार सभी सरकारी कंपनियों को private कर रही है। तो इन सभी मुद्दों के ऊपर लोगों का ध्यान ना जाये इसीलिए हिन्दू -मुसलमान करके लोगों को लड़ाने के लिए इस कानून को लाया गया है जिसमे मुसलमान को अलग किया गया है  जिससे की लोग आपस में ही लड़ाई करके मर जाये। 
  • कुछ लोग इस Citizenship Amendment Act का इसलिए भी विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि सरकार पूरी तैयारी से इस कानून को नहीं बनाई है। जिस तरह नोटबंदी में लोगों को परेशान होना पड़ा था सरकार की पूरी तैयारी नहीं थी उसी तरह यह कानून भी बना है जिसमे अभी तक planning भी नहीं हुई है कोई data भी नहीं है सरकार के पास, कि कितने लोग  प्रतारणा से आये हैं ? बांग्लादेश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारे देश का माहोल बोहोत ही सामान्य है यदि कोई बांग्लादेशी भारत में हैं तो हम उसे नागरिकता देंगे।इससे भारत सरकार के काम करने के ऊपर साफ़-साफ़ उंगली उठती है। 
  •  
  • कुछ लोग इस Citizenship Amendment Act -CAA का विरोध इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ये कानून कोई solution नहीं है। हम दूसरे देश के प्रतारणा हुवे लोगों को नागरिकता देने की बात कर रहे हैं वहीँ अपने ही भारत देश में कितने mob lynching के cases आ रहे हैं अकेले झारखण्ड में पिछले साल 21 cases धर्म प्रतारणा को ले करके आये हैं। आय दिन हिन्दू -मुस्लिम में लड़ाई होते रहते हैं। तो हम अपने ही देश को पूरी तरह धर्मनिरपेक्षता नहीं दे पा रहे हैं ऐसे में दूसरे देशों के लोगों को हम धर्म प्रतारणा को लेकर कैसे नागरिकता दे सकते हैं। 
  • और कुछ बुद्धिजीवियों का इस Citizenship Amendment Act को लेकर मानना है कि यदि ये कानून आता है तो भारत की जो अर्थव्यवस्था है वो और भी नीचे चली जाएगी। नागरिकता प्राप्त किये गए लोगों के लिए खाना -रहना -नौकरी देना इत्यादि जैसी जरूरतों की पूर्ति करनी होगी जिससे की सरकार के पैसे खर्च होंगे और आर्थिक स्थिति और निचे चली जाएगी। नौकरी देने में तो भारत सरकार ऐसे ही असफल रही है तो बाहर से आये लोगों के लिए सरकार क्या करेगी ? क्या बिठा करके खिलाएगी ? और यदि नौकरी देगी तो भारत के नागरिक कहाँ जायेंगे ? ऐसे और भी कई वजहें हैं जिनको लेकर के लोग आज सड़कों पर उतर आये हैं और इस Citizenship Amendment Act के विरोध में खड़े हैं जिसका कोई नेतृत्व करने वाला नहीं है आज भारत का युवा , देश के students इसके विरोध में खड़े हैं। 
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कुछ आम लोगों का प्रश्न CAA के ऊपर जो रैलियों में नहीं जाते। 


  • सरकार मुस्लिम धर्म के लोगों को छोड़कर सभी धर्म के लोगों को नागरिकता दे रही है , तो जो मुस्लिम धर्म के लोग प्रतारणा से आये हैं वे कहाँ जायेंगे ?
  • यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिम होते या उनके पार्टी में आधे लोग मुसलमान होते तब भी क्या वे इस तरह का कानून लाते ?
  • सरकार आंदोलन कारियों के ऊपर property नुकसान का आरोप लगा रही है वहीँ कश्मीर में पिछले 4 महीनों से internet बंद है जिसमे 10000 करोड़ रुपयों का नुकसान हुवा है उस property का नुकसान सरकार को भी देना चाहिए। 
  • ऐसा क्यों है कि जहां BJP की सरकार है वहीँ प्रदर्शनकारी property का नुकसान करते हैं ? 
  • क्या इस Citizenship Amendment Act  से सच में लोगों का भला होगा ? यदि भला होगा तो कैसे ?
  • इस Citizenship Amendment Act के बाद भारत में mob lynching बढ़ने के कई ज्यादा आसार हैं। जिन मुस्लिमों को नागरिकता नहीं मिलेगी वो क्या करेंगे ? ज़रा सोच के देखिये। 
  • दूसरे देशों से आये नागरिक हिन्दू हैं या दूसरे धर्म के हैं इसका पता सरकार कैसे लगाएगी ? हमने कई आधार कार्ड के fraud देखें हैं जिसमें कई लोग पकड़ाए भी हैं। ऐसे में क्या अमीर लोग नागरिकता के लिए झूठी आधार कार्ड नहीं बना सकते ? या पैसे से अपना नाम नहीं बदल सकते ?


Citizenship Amendment Act (CAA ) से किसको फायदा होगा और किसको नुकसान होगा ?

इस कानून से सबसे ज्यादा फायदा BJP को होगा। (यदि राजनितिक नजरिये से देखें तो ) क्योंकि जिन लोगों को वे नागरिकता देने की बात कर रहे हैं वे उन्हें ही support करेंगे और उन्हें ही vote करेंगे।
दूसरे नंबर में उनलोगों का फायदा होगा जिन्हे नागरिकता मिलेगी।

यदि नुकसान की बात करें तो सबसे ज्यादा नुकसान गरीब लोगों को होगा क्योंकि गरीब लोग आज ऐसे भी बेरोजगार हैं और यदि इसमें और लोग जोड़ दिए जाये तो गरीब लोगों को नौकरी लेने में और ज्यादा competition करना होगा।
                      और जो गरीब लोग नागरिकता लेना चाहते हैं उन्हें भी दिक्कत होगी क्योंकि जो अमीर होंगे वो पैसे देकर जाली कागजात बना सकते हैं।
यदि NRC की बात करें तो इसमें भी गरीब लोगों को ही परेशानी होगी जैसा की केरल में हुवा। अमीर लोग अपना कागजात बना लिए और गरीब फँस गए।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ गरीबों को ही नुकसान होगा , जो आम लोग है उन्हें भी परेशानी होगी। Birth Certificate बनाने होंगे , अपने पूर्वजों का दस्तावेज दिखाना होगा। इत्यादि और भी कागजात हो सकते हैं।

जो दूसरे देश से आये गरीब मुसलमान होंगे उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान होगा उन्हें डिटेंशन सेंटर भेज दिया जायेगा क्योंकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक भी भारत से आये व्यक्ति को नहीं लेने वाला है।

यदि राजनितिक नज़रिये से देखें तो सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को होगा। जो गरीब हैं उनको डिटेंशन सेंटर भेज दिए जायेंगे जो उसे vote नहीं देते , जो अपनी हक़ की बात करते हैं , जो नौकरी , खाना मांगते हैं। बाकि बच गए अमीर धार्मिक लोग जो बीजेपी को समर्थन करेंगे और इससे अन्य पार्टियों को किसी भी तरह से मौका नहीं मिलेगा कि वे जित पाए। और इस तरह अन्य राजनितिक पार्टियों को नुकसान होगा।


मेरी राय -Citizenship Amendment Act (CAA ) के ऊपर।

मैं यहां पर अपनी राय देना उचित नहीं समझता हूँ। अब ये फैसला supreme court में हैं। मैं supreme court के फैसले का इस्तेजार कर रहा हूँ।

तो दोस्तों ये थी जानकारी CAA - Citizenship Amendment Act के ऊपर। मुझे उम्मीद है कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें comment करके जरूर बताये।




और इस post को अपने दोस्तों तक जरूर share करें ताकि और लोगों तक ये जानकारी पहुँच सके और लोग इस सच्चाई को जान सके।
अपना महत्वपूर्ण समय देकर इस post को पढ़ने के लिए आपका बोहोत-बोहोत धन्यवाद।

Mrityu Ke Baad Manushya Aatma Kis Yoni Me Janm Leti Hai

Mrityu Ke Baad Manushya Aatma Kis Yoni Me Janm Leti Hai


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम आत्मा के विषय के ऊपर अपने चौथे post के तरफ चलते हैं और ये है कि मृत्यु के बाद आत्मा किस योनि में जन्म लेगी ? ये हम कैसे पता करेंगे ? और यह सवाल भी है कि क्या मृत्यु के बाद आत्मा दूसरे योनि में जन्म लेती है ? यदि लेती है तो कैसे लेती है ?और यदि नहीं लेती है तो क्यों नहीं लेती है ? आज हमारी पूरी जानकारी इसी के ऊपर है तो पढ़ते रहिये और जानते रहिये अपने आत्मा के बारे में।

मृत्यु के बाद मनुष्य आत्मा के जन्म के ऊपर- लोगों का विचार।

हिन्दू धर्म के आज के पंडित मानते हैं कि मनुष्य आत्मा के मृत्यु के बाद वे 84 लाख योनियों में से किसी एक योनि में जन्म लेती है। अब वह किस योनि में जन्म लेगी ये उस आत्मा के कर्मों के ऊपर निर्भर करता है। यदि वो मनुष्य आत्मा जीवन भर लोगों को सुख दिया है तो उसे अच्छे जिव में जन्म मिलेगा।  जैसे - पक्षी  और यदि जीवन भर दूसरों को दुःख दिया होगा तो उसको ख़राब योनि में जन्म लेगा होगा। जैसे - सुवर ,सांप इत्यादि।

कई दूसरे धर्म (मुसलमान ) ऐसे भी मानते हैं कि एक ही जन्म हमें जीने के लिए  मिलता है और मृत्यु के बाद वो मनुष्य आत्मा कब्र दाखिल हो जाती है।
mrityu ke baad manushya aatma ka janm
mrityu ke baad manushya aatma ka janm


मृत्यु के बाद मनुष्य आत्मा के जन्म के ऊपर प्रश्न।

अब हमने तो धर्मों की बातों को सुन लिया है लेकिन जो प्रश्न सामने आ रहा है वो इन सभी धर्मो को झूठा साबित कर देगी। यह प्रश्न मेरा नहीं है बल्कि दुनिया के सभी लोगों का है , आप अपने अंदर से पूछिए क्या आपके अंदर भी ये प्रश्न आते हैं ?

1.  इतिहास में  और आज भी कई ऐसे लोग हैं जिनको अपने पिछले जन्म के बारे में पता चला है और उन सभी ने अपने पिछले जन्म के बारे में कभी भी ये नहीं कहा कि मैं पिछले जन्म में कोई जानवर था , या कोई पक्षी था। उन सभी ने अपने पिछले जन्म के बारे में अपने को मनुष्य ही कहा है भले उनका लिंग बदल गया है लेकिन उनकी योनि नहीं बदली।
                             उन सभी लोगों की बातों के अनुसार मनुष्य दूसरे योनियों  में जन्म नहीं लेती है और ना  मनुष्य आत्मा सिर्फ एक ही जन्म लेती है. ये दोनों धर्मों की बातें झूठी साबित हो जाती है।



2. यदि मनुष्य आत्मा दूसरे योनियों में जन्म लेती है तो मनुष्य की जनसँख्या कम हो जानी चाहिए और दूसरे योनियों की जनसँख्या ज्यादा हो जानी चाहिए। लेकिन इसके विपरीत ही हो रहा है।
आज बाघ (tiger ) की जनसँख्या कितनी कम हो चुकी है। बड़े-बड़े पक्षी तो बिलकुल लुप्त ही हो चुके हैं।
इसका मतलब ये साफ़ हो जाता है कि मनुष्य आत्मा दूसरे योनियों में जन्म नहीं लेती।

मनुष्य आत्मा हमेशा मनुष्य योनि में ही जन्म लेती है। 

आत्मा एक बीज है। जैसे पेड़ों के बीज होते हैं , जिस पेड़ का बीज होगा उसे रोपन करने पर वह पेड़ उसी बीज का फल देगा। जैसे - आम का बीज होगा तो आम का ही फल देगा , जामुन का बीज होगा तो जामुन का ही फल देगा। वैसे ही आत्मा यदि मनुष्य का बीज है तो मनुष्य में ही जन्म लेगा।

बीज को कभी भी कोई परिवर्तन नहीं कर सकता। बीज में कीटाणु लग सकते हैं लेकिन कोई चाहे कि हम आम के बीज को जामुन का बीज बना दें तो ये मुमकिन नहीं है।

डार्विन theory कहती है कि बंदर हमारे पूर्वज हैं लेकिन वो डार्विन theory भी गलत साबित हो गई। scientist ने भी इस theory को गलत मान लिया है। आज मनुष्यों के पास 2500 सालों की history है। इन 2500 सालों में किसी भी जीव को दूसरे जीव में परिवर्तन होते नहीं देखा गया है। भले ही 2500 सालों में कई जीव लुप्त हो गए लेकिन किसी भी जिव ने दूसरे जिव का रूप नहीं लिया है।


अब बात आ जाती है कि मनुष्य यदि मनुष्य में ही जन्म लेगा तो अपने बुरे कर्मो को कैसे भोगेगा ?
तो इसका जवाब है कि मनुष्य -मनुष्य योनि में ही अपने दुखों को भोगती है। दुःख भोगने के लिए कोई दूसरे योनि में जाने की जरूरत नहीं है। बल्कि मनुष्य योनि में ही आज सबसे ज्यादा दुखी लोग रहते हैं।

जो भी लोग आज पाप कर्म कर रहे हैं तो वे अगले जन्म में जरूर अपाहिज या भिखारी के रूप में जन्म ले सकते हैं। उन्हें दूसरे योनि में जन्म लेना कोई जरूरी नहीं है।
आजकल कई ऐसे कुत्ते भी होते हैं तो मनुष्य से भी अच्छी ज़िन्दगी जीते हैं। तो यहां पर दूसरे योनि के लिए हम बुरा नहीं कह सकते कि दूसरा योनि सिर्फ दुःख भोगने के लिए ही होते हैं।

Science की एक theory भी है :- Newton 's 2nd Law - हरेक action का equal and opposite reaction होता है। ये नियम प्रकृति पे भी लागु होती है और आत्मा पे भी लागु होती है। यदि आप पेड़ों को काटेंगे , वायुमंडल को प्रदूषित करेंगे तो प्रकृति भी आपसे बदला लेगी जिसकी वजह से बाढ़ , जल संकट , मौसम परिवर्तन ,भूकंप जैसे आपदाये आएंगे।
                          वैसे ही यदि आप किसी मनुष्य आत्मा या किसी जिव को दुःख देते हैं तो आपको भी किसी ना किसी रूप में दुःख मिलता है। यही प्रकृति का नियम है।

तो इससे ये साफ़ हो जाता है कि आत्मा एक बीज है बीज का परिवर्तन नहीं किया जा सकता है और उसे अपने दुखों को भोगने के लिए अन्य योनियों में जाने की जरूरत नहीं होती वो मनुष्य योनि में ही अपना हिसाब-किताब चुक्तु कर लेती है।


शास्त्रों में गलती कैसे हुई। 

शास्त्रों में मनुष्य आत्मा के 84 के चक्रों का गायन है।
यानि मनुष्य आत्मा 84 जन्म लेती है। लेकिन पंडितों के अज्ञानता के कारन उन्होंने इसका गलत अर्थ निकाला और 84 चक्र को उन्होंने 84 लाख योनियों में बदल दिया। हमने इसके विषय में पहले ही बात कर ली है कि यदि दूसरे योनियों में आत्माये जन्म लेते तो कोई भी योनि लुप्त नहीं होती और हर योनि में समानता होती। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता।

तो दोस्तों ये थी जानकारी कि मनुष्य आत्मा मृत्यु के बाद किस योनि में जन्म लेती है। आपकी राय क्या है हमें comment करके जरूर बताये। क्या आप अपने को किसी योनि में होते सोच सकते हैं ? ये भी comment में बताये।


आप इस post को अपने दोस्तों तक जरूर share करें। इस ज्ञान को सभी लोगों तक पहुंचाए ताकि जो अंधविश्वास लोगों में फेल चुकी है वो दूर हो सके।
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Soul Is Male Or Female-आत्मा स्त्री है या पुरुष ?

Soul Is Male Or Female-आत्मा स्त्री है या पुरुष ?


नमस्कार दोस्तों आपका AnekRoop में स्वागत है। आज हम बात करेंगे कि आत्मा स्त्री है या पुरुष है ? आत्मा को कई लोग पुरुष मानते हैं और कई लोग स्त्री मानते हैं लेकिन सच्चाई क्या है इसके बारे में आज हम जानेंगे। हम आपको कुछ examples भी देंगे जिससे की आपको समझने में आसानी होगी। तो इस post को आप अंत तक पढ़िए आपको पूरी जानकारी आत्मा के स्त्री और पुरुष के बारे में मिल जाएगी।

Soul Is Male or Female -आत्मा स्त्री है या पुरुष ?

आत्मा ना तो स्त्री है और ना ही पुरुष है। ये बात आपको जानके कुछ अजीब लग रहा होगा लेकिन ये सच है। आत्मा जब पुरुष शरीर का आधार लेती है तो आत्मा को पुरुष कहा जाता है और स्त्री शरीर का आधार लेती है तो उसे स्त्री कहा जाता है। आत्मा को हम स्त्रीलिंग और पुर्लिंग के आधार पर नहीं बाँट सकते।

लेकिन कई लोग इसे पुरुष के लिए इस्तेमाल करते हैं तो कई इसे स्त्रीलिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं।
जैसे - आत्मा होती है (स्त्रीलिंग ) , आत्मा होता है। (पुर्लिंग ) तो दोनों वाक्यों को सुनने में कोई गलती नहीं लगती है। इससे पता चलता है कि आत्मा को लोग स्त्री भी मानते है और पुरुष भी मानते हैं।

लेकिन गजब की बात ये है कि आत्मा Neutral है। ना ही वो स्त्री है और ना ही पुरुष है।
aatma male or female
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आत्मा को स्त्री और पुरुष किस आधार पर कहा जाता है ?

आत्मा को स्त्री और पुरुष संस्कारों के आधार पर कहा जाता है। आपने कई बार देखा होगा कि कुछ ऐसी औरतें होती है जो पुरुषों के जैसे हाव-भाव करती है और कुछ पुरुष भी ऐसे होते हैं जो औरतों जैसे हाव-भाव करते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें जन्म से वैसे ही संस्कार मिले हैं। और उस संस्कार की वजह से वह अगले जन्म में अपना लिंग बदल लेती है और पुरुष स्त्री बन जाता है और स्त्री पुरुष बन जाती है।

इसके अलावे और भी कई कारन है शरीर के लिंग परिवर्तन के। जीवन भर स्त्री को पुरुष का शरीर आकर्षित करता है और पुरुष को स्त्री का शरीर आकर्षित करता है। और इस आकर्षण की वजह से भी आत्मा हमेशा स्त्री और पुरुष दोनों शरीर धारण करती है।

इसको यदि साफ़ -साफ़ कहें तो एक जन्म आत्मा स्त्री बनती है तो दूसरी जन्म आत्मा पुरुष बनती है। और ये कोई अंधश्रद्धा की बात नहीं है। इस दुनिया में कई लोगों ने अपने पिछले जन्मों के बारे में जाना है जिसमे से 80 % लोगों ने माना है कि मैं पिछले जन्म में दूसरे लिंग का था।

Ex - Barbro Karlen (Swedish लड़की )


आत्मा कितने समय तक एक ही लिंग में रह सकती है ?

तो यहां पर आप देख सकते हैं कि आत्मा अपने संस्कारों की वजह से शरीर को धारण करती है। लेकिन कोई भी आत्मा लगातार ज्यादा से ज्यादा 2 जन्म तक ही स्त्री या पुरुष के शरीर के रूप में जन्म ले सकती है फिर उसको अपना शरीर का लिंग बदलना होता है। ऐसा इसलिए ताकि दुनिया में समानता बनी रहे।

उदाहरण :- पपीते का बीज होता है।  जब उसे जमीन में रोपा जाता है तब पता नहीं होता कि ये male के रूप में जन्म लेगा या female के रूप में। बाद में पता चलता है जब बीज बड़ा होकर वृक्ष बन जाता है। और इस तरह पपीते में समानता बनी रहती है और इसीतरह दुनिया कि हरेक आत्माओं को ये पता नहीं होता कि मैं male के रूप में जन्म लूंगा या female के रूप में।

मृत्यु तक आत्मा के जैसे संस्कार होंगे उनके आधार पर उनको अगला जन्म मिलेगा। यदि किसी पुरुष ने जीवन भर शादी नहीं की और महिलाओं से प्रभावित नहीं हुवा तो हो सकता है कि वह अगला जन्म पुरुष ही ले। इसीतरह महिला भी जीवन भर कुवारी होगी या विद्वा होगी तो हो सकता है कि अगले जन्म वो स्त्री ही बने। ये सब संस्कारों की बात है।


सार :- इस post का सार यही है कि आत्मा ना ही पुरुष है और ना ही स्त्री है। आत्मा कभी स्त्री के शरीर को धारण करती है तो कभी पुरुष के शरीर को धारण करती है। आत्मा लगातार 2 जन्म एक ही लिंग के रूप में रह सकती है फिर उसे अपना लिंग बदलना होता है। आत्मा अपने जीवन भर के संस्कारों की वजह से लिंग को बदलती है। यदि कोई व्यक्ति चाहे की मैं लगातार पुरुष मैं ही जन्म लू तो ये नहीं हो सकता।

तो मेरे भाइयों ये थी जानकारी कि आत्मा स्त्री है या पुरुष है। मुझे उम्मीद है कि आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी। यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें comment करके जरूर बताये।


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